बेसिक शिक्षकों के आगे झुका शासन, वार्ता को तैयार

गीताश्री
लखनऊ। शिक्षकों के धरने के बाद सहमति बनी हे की उनकी मांगों पर 16 अक्टूबर को शासन में वार्ता होगी। गौरतलब हो कि सोमवार को तीन घंटे बाद भी महानिदेशक स्कूल शिक्षा एक बजे तक कार्यालय नहीं आए। इससे नाराज शिक्षक नेताओं ने मंच से घोषणा की, कि यदि वह वार्ता के लिए नहीं आते हैं तो शिक्षक विधानसभा कूच करेगा। इसके बाद तुरंत महानिदेशक पहुंचे और महासंघ के प्रतिनिधियों को बुलाकर वार्ता की।
वार्ता में उपार्जित अवकाश, जिले के अंदर परस्पर स्थानांतरण, निशुल्क चिकित्सा सुविधा आदि सभी बिंदुओं पर वार्ता हुई और सहमति बनी की मांगों पर 16 अक्टूबर को शासन में वार्ता होगी। इसके बाद शासन आदेश जारी करेगा।
शिक्षकों की ये प्रमुख मांग है जिसमें पुरानी पेंशन बहाली, राज्य कर्मचारियों की भांति उपार्जित अवकाश, दूसरे शनिवार को अवकाश, प्रतिकर अवकाश, कैशलेस चिकित्सा, हर विद्यालय में प्रधानाध्यापक की पदोन्नति व तैनाती, शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान, 10 लाख रुपए का सामूहिक बीमा, जिले के अंदर व बाहर पारस्परिक स्थानांतरण, माध्यमिक शिक्षकों की सेवा सुरक्षा संबंधित धारा 21 को शिक्षा सेवा चयन आयोग में शामिल किया जाए। ज्ञात हो कि 21 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर के बेसिक व माध्यमिक शिक्षकों ने उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के बैनर तले महानिदेशक स्कूल शिक्षा पर धरना-प्रदर्शन किया। इसमें शामिल होने के लिए बसों से शिक्षक पहुंचे तो निदेशालय के आस-पास जाम लग गया। धरने में शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा की महानिदेशक भ्रम फैलाते हैं कि सरकार शिक्षकों से नाराज है, इसलिए शिक्षकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। इसी भ्रम में विभागीय अधिकारी, शिक्षकों को अपमानित व उत्पीडऩ कर रहे हैं। महानिदेशक हर दिन शिक्षकों को नुकसान करने वाले निर्देश जारी करते हैं।

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