अफसरों की लापरवाही से कोरोना से हर गांव में मर गए दस से अधिक लोग, देशभर में हंगामा

  • 4पीएम की डिबेट में पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने कहा
  • बहकाते रहे डॉक्टर और अफसर, ऑक्सीजन के बिना तड़प-तड़प कर मर गए मरीज
  • सरकार ने सही प्रबंध किया होता तो न होती इतनी मौतें दहशत में जी रही है जनता
  • कोरोना की दूसरी लहर से सरकार नहीं चेती तो तीसरी में मचेगा हाहाकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क. लखनऊ। कोरोना कुप्रबंधन को लेकर विपक्ष के निशाने पर रही प्रदेश सरकार को अब सत्ताधारी दल भाजपा के नेता भी आईना दिखाने लगे हैं। 4पीएम न्यूज नेटवर्क के यूट्यूब चैनल पर हुई डिबेट में भाजपा की उत्तर प्रदेश कार्य समिति के सदस्य और पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने कोरोना कुप्रबंधन के लिए अफसरों की लापरवाही को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की जमीनी हकीकत को लेकर डॉक्टर और अफसर सरकार को बहकाते रहे लिहाजा हर गांव में कम से कम दस लोगों की मौतें हुईं अगर सही प्रबंध किया गया होता तो इन जानों को बचाया जा सकता था। पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार नहीं चेती तो तीसरी लहर में इससे अधिक हाहाकार मचेगा। पूर्व विधायक के इस बयान के वायरल होने के बाद पूरे देश में हंगामा मच गया है। कोरोना संक्रमण और मौतों की संख्या से जुड़े एक सवाल के जवाब में राम इकबाल सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासनिक अफसरों ने कोरोना की पहली लहर से कोई सबक नहीं लिया। यही वजह है कि दूसरी लहर में बड़ी संख्या में संक्रमितों की मौतें हुईं। कोई ऐसा गांव नहीं है, जहां कोरोना संक्रमण से 10 लोगों की जान न गई हो। उन्होंने अपने जिले बलिया का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ध्वस्त हैं। 34 लाख की आबादी वाले इस जिले के अस्पतालों में न डॉक्टर हैं और न दवाएं। जिले में केवल तीस बेड ही उपलब्ध थे और गंदगी फैली रहती थी। यहां झाडू भी नहीं लगती थी।

उन्होंने कहा कि संक्रमण काल में अफसर सरकार को गुमराह करते रहे और सच्चाई नहीं बतायी। कोरोना की दूसरी लहर से होने वाली मौतों के कारण लोगों में डर का माहौल है अगर सरकार न चेती तो तीसरी लहर में इससे अधिक तबाही होगी। कोरोना के कारण लोग भुखमरी और बेकारी से जूझ रहे है। बलिया के अस्पतालों में अव्यवस्था थी और ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा था। मौतों के कारण घर के घर खाली हो गए। कोई गांव ऐसा नहीं रहा जहां मौतें न हुई हों। उन्होंने कहा कि बलिया में पिछले दस सालों से कोई न्यूरोसर्जन डॉक्टर, ह्रदय रोग व गायनिक सर्जन उपलब्ध नहीं है। 80 प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं लेकिन डॉक्टरों की कमी है। कोरोना की दूसरी लहर में लोग ऑक्सीजन के कारण तड़प-तड़प कर मर गये और डॉक्टर-अफसर सरकार को गुमराह करने में जुटे रहे। सरकार ने अगर उचित प्रबंधन किया होता तो आज इतनी मौतें न होती।

मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग

भाजपा की उत्तर प्रदेश कार्य समिति के सदस्य और पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने महामारी की पहली लहर से सबक नहीं लिया और इस वजह से दूसरी लहर में बड़ी संख्या में संक्रमितों की मौत हुई। उन्होंने सरकार से संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की है।

कम से कम भाजपा नेता ने अपनी सरकार की नाकामी को स्वीकार तो किया लेकिन सच्चाई यह है कि हर गांवों से कम से कम सौ से अधिक लोगों की मौतें हुई हैं। जब लोग मुसीबत में थे तब प्रदेश सरकार ने उन पर लाठियां चलवायी। लोग ऑक्सीजन और दवा के बिना तड़प-तड़प कर मर गए। यह सरकार कोरोना प्रबंधन समेत हर मोर्चे पर पूरी तरह फेल रही है।

आईपी सिंह, राष्टï्रीय प्रवक्ता, सपा

जो बात आम आदमी पार्टी शुरू से बोल रही है उसे अब भाजपा नेता भी मानने लगे हैं कि उनकी सरकार की लापरवाही से हजारों परिवार बर्बाद हो गए। कोरोना काल में ऑक्सीजन संकट से जो मौतें हुईं उसके लिए योगी सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। आगरा के पारस अस्पताल में ऑक्सीजन बंद करने के चलते 21 लोगों की मौत हो गई पर सरकार ने उसे क्लीनचिट दे दी।

रोहित श्रीवास्तव, प्रदेश उपाध्यक्ष, आप

यह पहली ऐसी सरकार है, जिसकी कमान अफसरों के हाथ में है। इसी वजह से प्रदेश में कोरोना की स्थितियां बिगड़ी। हजारों मौते हुईं। नौकरशाही की लापरवाही का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ा। अब तो भाजपा नेता भी इस बात को कबूल रहे हैं। यूपी सरकार ने जनता की जान से खिलवाड़ किया है।

जीशान हैदर, प्रवक्ता, कांग्रेस

यदि प्रदेश में एक स्वतंत्र कमेटी बनाकर जांच की जाए तो कोरोना से होने वाली मौतों के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आएंगे। सरकार को भी अपनी गलती स्वीकार करते हुए इसके लिए आगे आना चाहिए और सही आंकड़े प्रस्तुत करने चाहिए ताकि हेल्थ एक्सपर्ट्स आने वाले समय में जनता के लिए उचित प्रबंधन कर सके।

अनुपम मिश्रा, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आरएलडी

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