सुनो! 80 करोड़ का ठेका है, जलशक्ति मंत्री को भी ’कट‘ देना है

दो लोग टेंडर में कमीशनखोरी पर कर रहे बातचीत

जन अधिकार सेना के राष्ट्रीय  अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने 2021 का जारी किया आडियो, सीएम योगी से की जांच की मांग

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। योगी सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरों टॉलरेंस की नीति की कलई खोलता एक आडियो आजकल चर्चा में है। कथित आडियो में जलशक्ति मंत्री को ठेके में कट देने की बात करते दो लोग सुनाई दे रहे हैं। इस आडियो की जांच सीएम से करने की मांग जन अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने की है।
पूर्व आईपीएस ने मुख्यमंत्री यूपी योगी आदित्यनाथ को जलशक्ति विभाग, उत्तर प्रदेश के टेंडर में भारी घोटाले सहित कतिपय अन्य गंभीर आरोपों के संबंध में शिकायत भेज कर जाँच की भी मांग की है। उन्होंने अपनी शिकायत के साथ दो व्यक्तियों की 4.03 मिनट की बातचीत की एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भेजी है। बातचीत अगस्त 2021 की बताई गयी है। बातचीत में एक कंपनी, जिसका नाम एप्पइन्वेंटिव टेक्नोलॉजीज बताया गया है, को शीघ्र ही जल संसाधन विभाग से अस्सी करोड़ रुपये का टेंडर मिलने की बात है। कहा जा रहा है कि यह मात्र तीन महीने का काम है और इस अस्सी करोड़ में लगभग चालीस करोड़ काम करने और लोगों को हिस्सा देने में चले जायेंगे। बाकी लभगभ चालीस-पैंतालिस करोड़ की सीधी बचत हो जाएगी। इसमें जल शक्तिमंत्री को भी कुछ हिस्सा दिया जाएगा।

‘हर मंत्री को चुनाव के लिए फंड देना होता है’

नहीं नहीं हैं भाभी, लालची नहीं, पैसे चाहिए होते हैं न, फंड करना होता है, हर मंत्री को सरकार को देना होता है न इलेक्शन के लिए , हर मंत्री को, पचास तुम दो, पचास तुम दो, तो उनको पे करना होता है।
हाँ उनको भी करना होता है
वही न, तो सबसे बड़ा मंत्रालय, तो उनको भी आर्डर आएगा इलेक्शन के लिए , दो करोड़, पांच करोड़, दस करोड़, तुम दो इनका तो अभी यूपी गवर्नमेंट से जो पैसा आ रहा है, वो यही है, ये वाला जो टेंडर है अस्सी करोड़ का हाँ ये वाला एक तारीख को एक्सीक्यूट आ जायेगा, सारी फॉर्मेलिटी हो चुकी है, तीन कंपनी सेलेक्ट हुई हैं, तीनों कंपनी हमारी हैं, और एक तारीख को आर्डर मिल जायेगा।
तीनों कैसे हमारी है, एक इन्होने सतेंदर की करायी है, एक अपनी करायी है, एक सतेंदर की है, एक अवेंचार है,अच्छा एक अवेंचार को भी करा दिया,अवेंचार तो छोटा है, तीनों ही हैं, मतलब ये कि बड़ेे हम हैं, बाकि दो छोटे हैं,और इनके अलावा एक पुराना है। वो तो चल ही रहा है जल शक्ति मंत्रालय का हमारा तैंतीस लाख रुपये महीना वाला वो चल रहा है
बड़ा काम अब यही आ रहा है। उसी में इनक्लूड है, मंत्रीजी का सोशल मीडिया उसी में इनक्लूड है। देखो, मंत्रीजी का जो हम विभाग का काम करते हैं उनका पूरा उसी से निकलता है। मंत्रीजी को पर्सनली पैसा नहीं दिया जाता है, वो विभाग से आता है, और अब जो मंत्रीजी का जायेगा वो उनका कट जायेगा, वो सबका है मतलब, लगा लो। अस्सी करोड़, तो उसमे चालीस का तो खर्चा ही हो गया, चालीस ही तो बचेगा, चालीस अपने को कहाँ मिलेगा।
खर्चा-वरचा सब कुछ, खर्चा और बाँट के चालीस बच जायेगा। हाँ, चालीस का प्रॉफिट है आराम है, चालीस-पैंतालिस का आराम से, चालीस मतलब मेरी मेरी बतर हुई तो बोल रहा था कि चालीस करोड़ का होगा नहीं, उससे कम ही रहेगा, अब तीन महीने का ये प्रोजेक्ट है भाभी मात्र ये, चालीस करोड़ का प्रॉफिट है।

आडियो की ट्रांसक्रिप्ट

चाहें कोई भी हों, पियूष सर को तो नहीं कह रहा मैं, सुदीप सर हों, दिलीप सर हों, दिलीप सर तो इतना काटते हैं, इतना काटते हैं, इस बार जो काम आया है वह डिस्ट्रिक्ट वाइज है, हम लोगों पर जो है वह यूपी वेस्ट का काम है, हमें यूपी वेस्ट के 15 जिला हैं, बाकी लखीमपुर वगैरह का, हमारे जो पार्टनर हैं, उन्हें मिला है, तो दिलिप गुप्ता फोर्स कर रहे हैं कि मेरे भाई को दिलाओ लखीमपुर का काम, आयुष को फोन करे जा रहा है, हाँ दिला दो सप्लाई का।
ओ, हाँ, हाँ, हाँ, अच्छा ये बताओ अभी कौन सा प्रोजेक्ट मिला है और कितना उसमे फायदा है,अभी जो प्रोजेक्ट मिला है, उसमे अस्सी करोड़ का है हमारा। अस्सी करोड़ का, वह मंथली है या पूरा प्रोजेक्ट? नहीं, नहीं पूरा प्रोजेक्ट का। वह पूरा टेंडर होता है, तीन महीने का.
तीन महीने का, तो कितना देंगे?
हाँ तीन महीने का, वो जो है वो सौ करोड़ से ऊपर का है, उसमे जो हैं तीन बन्दे हैं, उसमे अस्सी करोड़ का हमारा है, बाकि इनका है. । और अभी एक और टेंडर आएगा, वो होगा दिसंबर के बाद जो डेढ़ सौ करोड़ का हमारा होगा। अस्सी करोड़ में चालीस करोड़ में ये है कि चालीस करोड़ के आसपास हमारा खर्चा होगा। चालीस करोड़ बच जायेगा। चालीस करोड़ बचेगा
मतलब ,तो ये चुनाव वाला पैसा है या बोल नहीं रहे थे चुनाव के प्रचार वाला मिलेगा, नहीं नहीं नहीं, ये तो उसमे से है कि इसमें मंत्रीजी का जो कट है, वो रखना पड़ेगा साइड में, जैसे अभी गए लखनऊ तो दस लाख का लैपटॉप देकर आये डिपार्टमेंट हेड है,अखंड को।
हाँ अखंड को देकर आये हैं, और अभी रिषभ को भी देना पड़ेगा, रिषभ को पैसे नहीं चाहिए, फ्लैट चाहिए.
और मंत्री जी को भी जायेगा ?
मंत्री को हमारे साथ ही रहेगा, वो बोलेंगे, उसका क्या करना है, वो बताएँगे, तब उसको वो करना पड़ेगा, वो ऐसे तो नहीं लेंगे। क्या हुआ?

आजम खां व अब्दुल्ला की जमानत पर आज फिर सुनवाई

जौहर विवि में पालिका की मशीन मिलने का मामला

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
रामपुर। जौहर यूनिवर्सिटी में पालिका सफाई की मशीन बरामद होने के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खां की जमानत याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई नहीं हो सकी। इस मामले में उनके अधिवक्ताओं की ओर से स्थगन प्रार्थना पत्र दिया गया था। इसे स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए कोर्ट ने शुक्रवार की तारीख निर्धारित की है।
सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दोस्त सालिम और अनवार की निशानदेही पर पुलिस ने पिछले साल सितंबर में जौहर यूनिवर्सिटी से रामपुर नगर पालिका की रोड क्लीनर मशीन बरामद की थी। यह मशीन यूनिवर्सिटी कैंपस में दबाई गई थी।
इस मामले में भाजपा नेता बाकर अली खां की ओर से सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम व अनवार व सालिम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस मामले की विवेचना कर चार्जशीट भी कोर्ट में दाखिल कर चुकी है। इस मामले में आरोपी अनवार व सालिम को जमानत मिल चुकी है।

जयाप्रदा मामले में भी टली सुनवाई

केमरी थाने में पूर्व सांसद जयाप्रदा के खिलाफ दर्ज आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में भी बृहस्पतिवार को सुनवाई नहीं हो सकी। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान केमरी थाने में उनके खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में सुनवाई होनी थी, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी।अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने बताया कि इस मामले में गवाह को पेश होना था, लेकिन गवाह नहीं पहुंचा। अब सुनवाई के लिए दस नवंबर की तारीख निर्धारित की गई है।

बाल्मीकि जयंती

भाजपा प्रदेश कार्यालय में महर्षि बाल्मीकि जयंती के उपलक्ष्य में हवन एवं प्रसाद वितरण का कार्यक्रम किया गया। इस मौके पर भाजपा संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह और प्रदेश मंत्री अमित बाल्मीकि ने महर्षि बाल्मीकि की पूजा और हवन कर प्रसाद वितरण किया। इस दौरान भाजपा के तमाम कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित रहे।

वैदिक काल से ही रही है श्रीअन्न की उपयोगिता: योगी

सीएम योगी ने किया तीन दिवसीय श्रीअन्न महोत्सव का शुभारंभ

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में तीन दिवसीय आयोजित श्री अन्न महोत्सव तथा राज्य स्तरीय श्री अन्न प्रदर्शनी एवं कार्यशाला के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुए। इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के साथ श्रीअन्न प्रदर्शनी देखी।
इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष-2023 के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम के अंतर्गत श्रीअन्न महोत्सव तथा राज्यस्तरीय श्री अन्न प्रदर्शनी एवं कार्यशाला का शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने श्रीअन्न की खेती से जुड़े प्रगतिशील किसानों (कृषक उत्पादक संगठनों) को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि पुरस्कार के रूप में दी तथा कृषि विज्ञान केन्द्रों को 95-95 लाख रुपये दिए गए।
श्रीअन्न प्रदर्शनी एवं कार्यशाला के शुभारंभ के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा- कृषि और कृषि अनुसंधान में व्यापक परिवर्तन लाकर किसानों के जीवन में बदलाव लाएंगे। इस दिशा में यह श्री अन्न महोत्सव मील का पत्थर साबित होगा। वैदिक काल से ही श्री अन्न की उपयोगिता रही है। व्रत के दौरान ऐसे चिन्हित श्री अन्न का उपयोग ही कर सकते हैं। इसका महत्ता का वर्णन हमारे वेदों में भी है। कम खेती में अधिक उत्पादन करने का लक्ष्य था। उसे पूरा किया जा चुका है। हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम से यह संभव है। ज्यादातर श्रीअन्न को पैदा करने के लिए बहुत कम पानी की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों का असर यह है कि भारत के लगभग हर परिवारों में किसी न किसी श्रीअन्न का उपयोग किया जाने लगा है। उन बहनों का भी धन्यवाद जिन्होंने श्रीअन्न से सुंदर और स्वादिष्ट पकवान तैयार किये हैं। लोग खाने में रुचि ले रहे हैं।

60 करोड़ लोग मोटे अनाज का कर रहे हैं सेवन : शाही

कार्यक्रम के शुभारंभ में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की नेतृत्व में करीब यूपी 30 जिलों में मिलेट्स के अनाजों की खरीद एमएसपी के रेट पर की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से आज मोटे अनाज की खेती हो या योग पूरी दुनिया इसे स्वीकार रही है। यह स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। करीब 60 करोड़ लोग मोटे अनाज का सेवन कर रहे हैं। पश्चिमी देशों ने भी स्वीकारा है। मोटे अनाज की मांग बढऩे से हमारे किसानों को लाभ हो रहा है। मोटे अनाज की खेती में खाद और पानी की जरूरत कम पड़ती है। खेती पर लागत कम आएगी तो तो मुनाफा अधिक होगा।

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