प्रदूषण सिर्फ कागजों में हो रहा खत्म: सुप्रीम कोर्ट
कोर्ट चिंतित, दिल्ली समेत पांच राज्यों से जवाब-तलब
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। वायु प्रदूषण की स्थिति पर गंभीर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि घर से बाहर कदम रखना भी मुश्किल हो गया है। कुछ दशक पहले तक यह दिल्ली का सबसे अच्छा समय होता था, लेकिन अब हालात अलग हैं। प्राधिकरणों की नाकामी का उल्लेख करते हुए पीठ ने कहा, सभी चीजें कागजों पर हैं, पर जमीनी हकीकत कुछ और है। शीर्ष कोर्ट ने केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली के अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से हलफनामा दायर कर प्रदूषण रोकने के लिए किए गए उपायों की जानकारी मांगी है।
जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस सुधांशु धुलिया और जस्टिस पीके मिश्र की पीठ ने कहा, सभी राज्य एक हफ्ते में हलफनामा दायर कर जानकारी देंगे। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा, पराली जलाना वायु प्रदूषण के मुख्य कारणों में से एक है। पंजाब में भारी संख्या में पराली जलाई जा रही है। मामले की अगली सुनवाई सात नवंबर को होगी।
जस्टिस कौल ने कहा, अब भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक(एक्यूआई) बेहद खराब स्थिति में है। एक्यूआई में कोई सुधार नहीं हो रहा है। आने वाली पीढिय़ों पर इसका बुरा असर पड़ेगा। केंद्र की ओर से पेश वकील ने कहा, सरकार ने प्रदूषण रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। दाखिल रिपोर्ट में बीते तीन साल व मौजूदा हालात के बारे में बताया है। दो दिन में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं, लेकिन यह पिछले साल की तुलना में 40 फीसदी कम है।
लखनऊ में बढ़ रहे डेंगू के मामले, अब तक एक की मौत, कुल 1700 केस मिले
लखनऊ। मौसम भले ही करवट ले रहा हो लेकिन राजधानी में डेंगू के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। मंगलवार को 36 नए मरीज मिले। चंदरनगर, सरोजनीनगर, इंदिरानगर और चिनहट में पांच-पांच मरीज मिले। अलीगंज में चार केस सामने आए। एनके रोड, रेडक्रॉस और सिल्वर जुबली क्षेत्र में तीन-तीन मरीज मिले। ऐशबाग में दो और मोहनलालगंज में एक मरीज मिला। स्वास्थ्य विभाग ने राजाजीपुरम और चारबाग के 1287 घरों व इनके जायजा लिया। आठ घरों में मच्छर पनपने के हालात मिलने पर नोटिस जारी किया गया। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार राजधानी में अब तक डेंगू से एक व्यक्ति की मौत हुई है तथा 1700 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, डेंगू जैसे लक्षण और बुखार से अब तक 10 ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।