नीतीश कुमार को भारी पड़ेगा जातिगत सर्वे : प्रशांत किशोर
- अगर भला चाहते हैं तो मुसलमान को बना दें होम मिनिस्टर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। बिहार में जातीय आधारित गणना के बाद को सदन में नीतीश सरकार ने आर्थिक सामाजिक सर्वे रिपोर्ट पेश की। अब जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने इस जातिगत सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार को चुनौती दी है। प्रशांत किशोर ने चैलेंज करते हुए कहा कि 2024-25 के चुनाव में नीतीश कुमार को जातिगत सर्वे बहुत भारी पडऩे वाला है। अगर, वे दोनों भला चाहते हैं तो मुसलमान को होम मिनिस्टर बनाएं।
लालू यादव और नीतीश कुमार को ये बताना चाहिए कि समाज के जो पिछड़े वर्ग हैं, जिनकी रहनुमाई का वो दावा कर रहे हैं उनमें से कितने लोगों को उन्होंने टिकट देकर विधायक बनाया है? जो विधायक जीत कर आए हैं, उनमें से कितनों को उन्होंने मंत्रिमंडल में शामिल किया है? जो लोग मंत्रिमंडल में शामिल हैं उन्हें किस तरह के विभाग दिए गए हैं और उनके पास कितना बजट है?
हकमारी कर रहे नीतीश-तेजस्वी
प्रशांत किशोर ने कहा कि हम आपको आंकड़ा बता देते हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में बिहार सरकार का बजट है 2 लाख 46 हजार करोड़ रुपये। इसमें से करीब-करीब 60 फीसद का जो बजट है वो सिर्फ दो व्यक्तियों के पास है। वो हैं नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव। हकमारी यही दो लोग कर रहे हैं। पत्रकारों से बातचीत में पीकेने आगे कहा कि तेजस्वी यादव क्यों पथ निर्माण मंत्री रहेंगे? अगर, तेजस्वी यादव खुद से अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ले लें और जो मुस्लिम मंत्री हैं जिन्हें अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय का प्रभार दिया गया है अगर वे गृह मंत्री हो जाएं तो इससे कौन रोक रहा है?
आर्थिक सर्वे व जनगणना नीतीश का अंतिम दांव
हाल में हुए सर्वे और गणना पर प्रशांत किशोर ने कहा कि यह इसलिए नहीं कराई गई है कि उनको हक देना है। ये समाज को बांटकर वोट लेने का उपाय खोजा गया है। ये नीतीश कुमार का अंतिम दांव, पासा फेंक कर लाभ उठाने का प्रयास है, लेकिन, ये जातिगत सर्वे उनको उल्टा पड़ा है। जो राजनीतिक समझ हमारी है, ये सर्वे नीतीश कुमार को बहुत भारी पडऩे वाला है।