राहुल गांधी ने नोटबंदी को बताया सोची-समझी साजिश

  • बोले- फैसले का मकसद पीएम के मित्रों को लाभ पहुंचाना
  • 99 प्रतिशत आम भारतीयों पर हमले का हथियार बनी नोटबंदी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। आज 8 नवंबर को नोटबंदी के 16 साल पूरे होने पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भाजपा सरकार को जमकर घेरा है। राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी एक सोची समझी साजिश थी। इसके जरिए रोजगार को तबाह किया गया और असंगठित अर्थव्यवस्था को तोडक़र रख दिया गया है। कांग्रेस नेता ने नोटबंदी को एक हथियार बताया, जिसके जरिए परम मित्र की झोली भरकर उसे 609 से दुनिया का दूसरा सबसे अमीर शख्स बनाया गया। बता दें कि नोटबंदी की आज सातवीं बरसी हैं। सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी का ऐलान किया था।

पीएम मोदी पर साधा निशाना

राहुल गांधी ने नोटबंदी के जरिए भाजपा और पीएम मोदी को निशाने पर लिया। पीएम पर इशारों-इशारों पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि नोटबंदी एक सोची समझी साजिश थी। रोजगार तबाह करने की, श्रमिकों की आमदनी रोकने की, छोटे व्यापारों को खत्म करने की, किसानों को नुकसान पहुंचाने की और असंगठित अर्थव्यवस्था को तोडऩे की। उन्होंने लिखा कि 99 प्रतिशत आम भारतीयों पर हमला, 1 प्रतिशत पूंजीपति मोदी ‘मित्रों’ को फायदा। ये एक हथियार था, आपकी जेब काटने का और परम मित्र की झोली भरकर उसे 609 से दुनिया का दूसरा सबसे अमीर बनाने का।

कांग्रेस ने की थी आलोचना

सरकार का कहना था कि नोटबंदी का ऐलान इसलिए किया गया है, ताकि काला धन समाप्त किया जा सके। उसकी तरफ से ये भी तर्क दिया गया था कि नोटबंदी की वजह से लोगों के पेमेंट का तरीका कैश से डिजिटल की तरफ हो जाएगा। कांग्रेस ने इस कदम की आलोचना की थी। कांग्रेस का कहना था कि इसकी वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा। राहुल गांधी भी ये बात दोहराते रहे हैं। उनका कहना है कि इसके जरिए कुछ खास लोगों को मदद पहुंचाने की कोशिश हुई।

2016 में हुआ था नोटबंदी का ऐलान

जाहिर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर, 2016 की रात 8 बजे देश को संबोधित करते हुए ऐलान किया था कि रात्रि 12 बजे से 500 और 1000 के नोट प्रचलन में नहीं रहेंगे। उन्होंने इन नोटों को बैन करने का ऐलान किया। इसके बाद जिन लोगों के पास 500-1000 के नोट थे, उन्हें इन्हें जमा कराने का ऑप्शन भी मिला। उस समय लोगों को लंबी-लंबी लाइनों में लगकर नोटों को जमा कराते हुए देखा गया था। ऐसी ही लंबी-लंबी लाइनें एटीएम के बाहर भी लगा करती थीं।

मणिपुर में फिर भडक़ी हिंसा की आग

  • तीन कुकी लोगों पर भीड़ ने किया हमला
  • अगवा करने के बाद एक महिला की मिली लाश

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मणिपुर। मणिपुर में लगी हिंसा की आग बुझने का नाम ही नहीं ले रही है। प्रदेश सरकार के साथ-साथ केंद्र की भाजपा सरकार भी पूरी तरह से यहां शांति कायम रखने में नाकाम साबित हो रहा है। जबकि मणिपुर वो राज्य है जहां पर भाजपा की डबल इंजन सरकार का फॉर्मूला लागू है। लेकिन फिर भी फिर भी पिछले सात महीनों से यहां पर माहौल तनावपूर्ण ही बना हुआ है। अब एक बार फिर मणिपुर में बड़ी वारदात की खबर सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक, तीन कुकी लोगों को अनियंत्रित भीड़ द्वारा अगवा करने की खबर आ रही है। जिन लोगों को अगवा किया गया है, उनमें एक पुरुष और दो महिला हैं। बाद में एक महिला का शव बरामद किया गया। संदेश जताया जा रहा है कि यह शव अगवा की गई महिला का हो सकता है।
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार की सुबह करीब 10.30 बजे कुकी समुदाय के पांच लोग एक वाहन में कांगपोकपी (चुराचांदपुर और कांगपोकपी के बीच अंतर संपर्क मार्ग) की ओर जाते समय गलती से मैतेई क्षेत्र में प्रवेश कर गए। इसी बीच, वहां पर अनियंत्रित भीड़ एकत्रित हो गई, जिन्होंने पांच में से तीन लोगों को अगवा कर लिया। अगवा किए गए लोगों में दो महिला और एक पुरुष हैं। जानकारी के मुताबिक कांगचुप चिंगखोंग क्षेत्र में अनियंत्रित भीड़ ने उन पर हमला भी कर दिया। इसमें एक व्यक्ति के सिर में चोटें आईं। उन्हें तुरंत 22 असम राइफल्स परिसर में प्राथमिक उपचार दिया गया और कांगचुप पीएस को सौंप दिया गया। बाद में, उन्हें लीमाखोंग से चॉपर द्वारा आगे के इलाज के लिए दीमापुर ले जाया गया।

लगातार हो रही हैं गोलीबारी की घटनाएं

घटना के बाद लमशांग पीएस टीम ने इम्फाल पश्चिम जिले के जेन क्षेत्र अटोंग खुमान और ताइरेनपोकपी (रेलवे परियोजना स्थल के पास) से सिर पर गोली लगी हुई एक महिला का शव बरामद किया गया है। संदेह जताया जा रहा है कि यह शव कांगचुप चिंगखोंग इलाके से भीड़ द्वारा अपहृत कुकी महिलाओं में से एक का हो सकता है। इस बीच, बताया गया है कि कांगचुप-काउटरूक-तेराखोंगसांगबी क्षेत्रों (इम्फाल पश्चिम और कांगपोकपी जिले से सटे) में रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही। इसमें तीन और ग्रामीण स्वयंसेवक घायल हो गए, जिनकी पहचान सोरोखैबम सरनजीत, खुंद्रकपम सोमोरजीत और खुराइजम नानाओ के रूप में हुई है।

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