बीजेपी गरीबों को लूटती है, कांग्रेस गरीबों पर लुटाती है : राहुल गांधी
- विंध्य को साधने पहुंचे कांग्र्रेस सांसद, मोदी सरकार पर जमकर बरसे
- बोले- दो तरीके की होती है सरकार एक जेब में पैसा डालती, दूसरी जो निकालती है
- मोदी पर कसा तंज, कहा- हर दिन लाखों के सूट पहनते हैं पीएम
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भोपाल। पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव को लेकर प्रचार अपने चरम पर पहुंचने लगा है। विपक्ष व सत्ता पक्ष में एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यरारोप का दौर भी तेज हो गया है। कांग्रेस व बीजेपी के एक दूसरे पर हमलावर हो गई हैं। दानों प्रमुख दल जनता के बीच एक दूसरे के गुण-दोषों को जोरदार तरीके से बखान कर रहे हैं। उसी क्रम में राहुल गांधी आज सतना जिले के दौरे पर हैं। उन्होंने बीटीआई ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा सरकार और मोदी पर जमकर निशाना साधा।
राहुल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि दो तरीके की सरकार होती है। एक गरीबों के जेब में पैसा डालती है। एक बड़े-बड़े कारोबारियों के जेब में पैसा डालती है। कांग्रेस ने मनरेगा दिया, भोजन का अधिकार दिया। भाजपा ने नोटबंदी, जीएसटी दी। किसानों के खिलाफ काले कानून लाए ये फर्क है। मध्यप्रदेश की जो नींव थी, उस नींव को भाजपा ने उखाडक़र फेंक दिया है। नींव किसान है, नींव मजदूर है, छोटे दुकानदार हैं, बेरोजगार युवा हैं इन सभी को बीते 15 साल में भाजपा ने खत्म कर दिया है। सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की तारीफ की। राहुल गांधी ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसान को फसल का सही दाम नहीं मिलता, कर्ज लेना पड़ता है। यहां 18 हजार किसानों ने आत्महत्या की है। आपका जीएसटी वाला पैसा अडानी जी की जेब में जाता है और बाहर जाकर खर्च हो जाता है। हम पैसा देते हैं तो किसान छोटी दुकान में जाकर सामान खरीदता है। जैसा ही किसान और मजदूर दुकान में जाकर सामान खरीदते हैं अर्थव्यवस्था चालू हो जाती है। मध्यप्रदेश में किसान, मजदूर, छोटे व्यापारी डरे हुए हैं। ये कहते हैं देश में बस एक ही जात है गरीब। इनके दिमाग से देश की जातियां इसलिए गायब हो गईं, क्योंकि मैंने जाति जनगणना की बात की। जिस दिन मैंने ओबीसी, दलित, आदिवासी की आबादी की बात की, उस दिन से मोदी कहते हैं कि राहुल जी देश में कोई जात नहीं है। जात खत्म हो गई है। राहुल ने कहा कि एमपी में सरकार विधायक नहीं चलाते यहां के अफसर चलाते हैं।
53 अफसर लेते हैं बजट के सारे निर्णय, बस एक ओबीसी
राहुल ने कहा कि बजट के सारे निर्णय 53 अफसर लेते हैं। उन 53 में सिर्फ एक अफसर ओबीसी का है और मोदी जी कहते हैं कि एमपी में ओबीसी सरकार है। आपको झूठ बताया जा रहा है ये कैसी ओबीसी सरकार है। इसलिए मोदी कहते हैं कि देश में सिर्फ गरीब ही जात है। ओबीसी वर्ग की भागीदारी 0.3 फीसदी है। मोदी इस बात को छुपाना चाहते हैं। इसलिए वो किसी भी भाषण में जाति जनगणना की बात नहीं करते। उनका रिमोट अडानी के हाथ में है। एमपी में कांग्रेस की सरकार आते ही सबसे पहले जाति जनगणना हमारा कदम होगा। दिल्ली में सरकार आने पर नेशनल कास्ट सेंसस होगा। जाति जनगणना देश का एक्सरे है। इसके बाद हर आदिवासी, दलित, जनरल और ओबीसी वर्ग को पता चल जाएगा मेरी आबादी कितनी है।
राजस्थान का माहौल देख बौखलाए पीएम: गहलोत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उदयपुर में जनसभा की और कांग्रेस पर आतंकियों के समर्थक होने का संगीन आरोप मढ़ दिया। इस आरोप पर पलटवार करते हुए राजस्थान के मुखिया और कांग्रेस के कद्दावर नेता अशोक गहलोत सामने आए। उन्होंने मीडिया से मुखातिब होते हुए दो टूक कहा कि प्रधानमंत्री बहुत बड़ा पद होता है और उसका बिन तर्क का ये सब कहना शोभा नहीं देता। गहलोत ने पीएम के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि या तो प्रधानमंत्री को गुमराह किया गया है या ठीक से ब्रीफ नहीं किया गया है। इसी के साथ गहलोत ने कहा कि जिस तरह की भाषा का प्रधानमंत्री स्तर के व्यक्ति की तरफ से इस्तेमाल किया गया है वो पूरी तरह से आपत्तिजनक है, गहलोत का कहना है कि अगर पीएम को गलत ब्रीफ नहीं किया गया है तो शायद वो राजस्थान का माहौल देखकर या तो घबरा गए हैं या बौखला गए हैं. इसी लिए वो जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी को इस तरह की बयानबाजी से बचने की सलाह देते हुए कहा कि इस तरह की बातों से माहौल खराब होता है।
बीजेपी के नेताओं ने कराया कन्हैयालाल हत्याकांड
राजस्थान के चुनावी माहौल मे कन्हैयालाल हत्याकांड का जिक्र भी बार-बार आ रहा है, इसपर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कन्हैयालाल का मर्डर कराने वाले बीजेपी के ही लोग थे। उन्होंने आगे इस हत्याकांड पर बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को इस बारे में शायद किसी ने सही से ब्रीफ नहीं किया होगा। गहलोत ने बताया कि कन्हैयालाल के हत्यारों को हत्याकांड के चार-पांच दिन पहले ही थाने ले जाया गया था, तब बीजेपी के नेताओं ने ही उन्हें छुड़ा लिया था। गहलोत ने आगे कहा कि हमने तो दो घंटे के अंदर ही अपराधियों को पकड़ लिया था फिर भी एनआईए ने उसी रात को हमसे केस ले लिया। हमने इसका विरोध नहीं किया क्योंकि हमें लगा कि कोई अंतरराष्ट्रीय साजिश होगी।
दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट की करारी फटकार
- ‘प्रदूषण पर हमें नतीजे चाहिए’
- कब तक हर साल हमारे दखल के बाद ही होगा काम
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिली। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण और दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में जलने वाली पराली को लेकर जो याचिकाएं डाली गईं हैं उस पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। इस पूरी सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के उस बयान पर भी तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की जिसमें कहा गया था कि ऑड-ईवन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान मुख्य सचिवों को बैठक कर पराली और प्रदूषण की समस्या पर काम करने के लिए कहा था। यही वजह रही कि आज यानी 10 नवंबर की सुनवाई शुरू होते ही अदालत ने सबसे पहले यही पूछा कि आप लोगों ने क्या किया?
दिल्ली में रातभर बारिश के बाद साफ हुई हवा
नई दिल्ली और आसपास के इलाकों में रात भर हुई बारिश से निवासियों को कुछ राहत मिली क्योंकि जहरीली धुंध साफ हो गई और हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ। मौसम एजेंसी को उम्मीद है कि रविवार को दिवाली से पहले प्रदूषण में और कमी आएगी। बिगड़ती वायु गुणवत्ता से निपटने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में कृत्रिम बारिश कराने के लिए दिल्ली सरकार की भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के साथ चल रही चर्चा के बीच यह बारिश हुई है। नई दिल्ली एक सप्ताह से गंभीर प्रदूषण से जूझ रही है, जिसमें हानिकारक कणों की सांद्रता विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित स्तर से 100 गुना अधिक देखी गई है। गुरुवार तक यह दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर था। आईएमडी वैज्ञानिक ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि दिल्ली में बादल छाए रहेंगे। मौसम और अधिक तीव्र हो गया। पश्चिमी विक्षोभ 70 डिग्री पूर्व और 28 डिग्री उत्तर में निचले स्तर पर प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण के साथ बना हुआ है..।
मोदी सरकार को ‘सुप्रीम’ नोटिस
- कहा- राज्यपाल रवि पर आरोप बेहद चिंताजनक
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राज्यपाल द्वारा विधेयक पास करने में देरी के खिलाफ तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की हुई है। अब इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल को मामले की सुनवाई में शामिल होने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि तमिलनाडु सरकार ने याचिका में जो मुद्दा उठाया है, वह बेहद चिंताजनक है। बता दें कि तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राज्यपाल पर राज्य विस द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी नहीं देने का आरोप लगाया। सरकार का कहना है कि इससे राज्य में संवैधानिक गतिरोध की स्थिति पैदा हो गई है। संवैधानिक कार्यों पर कार्रवाई ना करके राज्यपाल नागरिकों के जनादेश के साथ खिलवाड़ कर रहे।