सांसद संजय सिंह ने जेल से लिखा खत, बताया आठ दिनों की कस्टडी में तीन घंटे ही ईडी ने की पूछताछ
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने जेल से देश के नाम पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने फर्जी केस बनाकर उन्हें गिरफ्तार करने और आम आदमी पार्टी को खत्म करने की भाजपा व मोदी सरकार द्वारा की जा साजिशों का सिलसिलेवार जिक्र किया है।
उन्होंने कहा है कि उनकी गिरफ्तारी का मुख्य कारण उनकी आवाज को खामोश करना है। लेकिन जेल में गुजरते हर दिन के साथ निरंकुश सत्ता से लडऩे की मेरी इच्छा शक्ति और मजबूती हो रही है।
उन्होंने कहा है कि मैंने हमेशा बिना डरे तानाशाही राजा के अन्याय, भ्रष्टाचार और उसके दोस्तों द्वारा देश के संसाधनों की खुली लूट के खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाई है। यही बात मोदी जी को सबसे बुरी लगी।
इसलिए मोदी-अडानी-ईडी गठजोड़ ने मुझे फंसाने के लिए पूरी तरह झूठा मामला बनाया और जेल में डाल दिया। उन्होंने ये भी कहा है कि मोदी जी ने आम आदमी पार्टी को खत्म करने के लिए हर कदम उठा लिया और हर बार फेल हुए। उन पर लगे आरोप भी एक दिन झूठे साबित होंगे।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने जेल से देशवासियों के नाम लिखे खत में कहा है कि जेल की सलाखों के पीछे कई दिन बीत चुके हैं। हर गुजरते दिन के साथ निरंकुश सत्ता से लडऩे की इच्छा शक्ति और मजबूत हो रही है।
इन दिनों का सदुप्रयोग मैंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ‘सत्य के प्रयोग’, डॉ. राम मनोहर लोहिया की ‘जाति प्रथा’ और नेल्सन मंडेला की जीवनी पढऩे से की।
इन महापुरुषों के संघर्ष, राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण को पढक़र लगा कि हर दौर में जुर्म और तानाशाही के खिलाफ लडऩे वाले लोगों को हुकूमत ने अपने दमन का शिकार बनाया है। लेकिन यह भी सच है कि दमन जितना उग्र होता है, विरोध और जन आक्रोश उतना ही तीव्र होता है।
सांसद संजय सिंह ने पत्र में लिखा है कि बापू ने पहली जेल यात्रा दक्षिण अफ्रीका में हिंदुस्तानियों के अधिकारों के लिए की थी और भारत माता को आजाद कराने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ पूरे देश को लामबंद किया।
पूरी दुनिया गांधी जी के अहिंसा के मंत्र का लोहा मानती है। बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर और डॉ. राम मनोहर लोहिया जैसे महापुरुषों ने भी जातिवाद का जहर मिटाने, गैर-बराबरी को खत्म करने के लिए लंबा संघर्ष किया।
ऐसे ही अगर देश में चल रही तानाशाही के खिलाफ आवाज उठानी है, तो हर प्रकार का जोखिम उठाने के लिए तैयार रहना होगा।
जेल, मुकदमा और लाठी तानाशाही सत्ता का हथियार है, इसके आगे झुक गए तो तानाशाही बढ़ेगी और अगर डट कर मुकाबला किया तो जनता तानाशाही का अंत कर देगी।
उन्होंने लिखा है कि आंदोलन की कोख से जन्मी आम आदमी पार्टी ने भारतीय राजनीति में एक उम्मीद और भरोसा पैदा किया है। अरविंद केजरीवाल के कुशल नेतृत्व में मात्र 10 वर्षों में आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बन गई।
तीन बार दिल्ली में ‘आप’ की सरकार बनी, पंजाब में भी प्रचंड बहुमत से सरकार बनी, गुजरात के गढ़ को भेदने में भी केजरीवाल जी को सफलता मिली।
आजादी के बाद देशभर में तमाम सरकारें बनी लेकिन शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जैसा सराहनीय कार्य केजरीवाल सरकार ने किया, वह देश और दुनिया में एक उदाहरण बन गया।
सांसद संजय सिंह ने लिखा है कि अरविंद केजरीवाल का काम मोदी सरकार की आंखों की किरकिरी बन गया है। बीजेपी को लगा कि अगर देश की जनता शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी पर वोट देने लगी तो हमारा क्या होगा?
आम आदमी पार्टी ना तो जातिवाद फैलाती, न ही धर्म के नाम पर समाज को बांटने का काम करती है। यह तो काम की राजनीति कर रही है। इसी कारण इन्होंने दमन का रास्ता अपनाया। इन्होंने लोकतंत्र और संविधान का गला घोंटकर दिल्ली सरकार के सारे अधिकार छीन लिए।
सांसद संजय सिंह ने पत्र में लिखा है कि सीएम अरविंद केजरीवाल के दफ्तर पर सीबीआई का छापा मारा गया। शिक्षा मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री समेत 49 से अधिक विधायकों पर फर्जी मुकदमे लिखे गए। कमेटी बनाकर 400 फाइलों की जांच कराई गई।
अब डेढ़ साल से तथाकथित शराब घोटाले की जांच ईडी और सीबीआई से कराई जा रही है। मोदी सरकार ने हर वो प्रयास कर लिया, जिससे आम आदमी पार्टी खत्म हो जाए, उसके नेता टूट जाएं, विधायक मंत्री उनसे डरने लगे और दूसरे राज्यों की तरह दिल्ली-पंजाब में भी तोडफ़ोड़ हो जाए, लेकिन मोदी जी की तानाशाही के खिलाफ अरविंद केजरीवाल और पार्टी के तमाम नेता चट्टान की तरह खड़े हैं।
उन्होंने कहा है कि एक तरफ मोदी जी विपक्ष से दुश्मनी और दूसरी तरफ अपने दोस्तों को देश के संसाधनों को लूट की खुली छूट दे रहे हैं।
मोदी सरकार की कार्य प्रणाली बिल्कुल साफ है कि ईडी, सीबीआई से जांच कराओ, डराओ-धमकाओं, दूसरी पार्टियों को तोड़ो, जब बेईमान बीजेपी में शामिल हो जाए तो जांच बंद कर दो।
प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के इस भ्रष्टाचार से आज पूरा देश वाकिफ है। जब भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मोदी जी बोलते हैं तो लोग समझ जाते हैं कि वो उसे बीजेपी में शामिल होने का ऑफर दे रहे है।
सांसद संजय सिंह ने पत्र में अपनी गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए लिखा है कि मेरी गिरफ्तारी भी मुझे खामोश करने की एक घटिया कोशिश है। पूरा देश जानता है, मैं हमेशा मोदी सरकार के अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाई है। न डरा, न झुका, तानाशाह राजा और उसके दोस्तों के खिलाफ लड़ता रहा।
किसानों के खिलाफ काले क़ानून और गुजरात में जहरीली शराब से हुई मौत का मुद्दा उठाया तब मुझे सस्पेंड कर दिया गया। मणिपुर में कारगिल योद्धा की पत्नी के साथ हुई दरिंदगी का मुद्दा उठाया तो मुझे कई महीनो से सस्पेंड किया हुआ है।
उन्होने देश की जनता से भी प्रश्न किया है कि क्या मोदी जी के दोस्त अडानी को देश के सारे संसाधन लूटने की खुली छूट होनी चाहिए? देश के बैंकों में आम आदमी की मेहनत की पूंजी जमा है।
मोदी सरकार ने बैंकों में जमा देश के करोड़ों लोगों का पैसा उठाकर अपने पूंजीपति दोस्तों को दे दिया। वो लोग या तो बैंक में जमा आपका पैसा लूट कर भाग गए या फिर मोदी जी ने उनके लाखों-करोड़ों का कर्ज माफ कर दिया।
मोदी सरकार ने चंद पूंजीपतियों का 13 लाख करोड़ रुपए माफ कर दिया है। मोदी जी को देश की नहीं, बल्कि अपने दोस्तों की चिंता है।
देश का पैसा दोस्तों पर लूटाने वाले मोदी जी अगर इसे शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और किसानी जैसी देश की जरूरत पर खर्च करते तो भारत दुनिया का नंबर वन देश बन सकता है।
उन्होंने कहा है कि मेरी जो बात मोदी जी को सबसे ज्यादा बुरी लगी है, वो अडानी पर सवाल उठाना था। मैंने अडानी पर भ्रष्टाचार के खुलासों की सीरीज चलाई थी कि अडानी मोदी सरकार के साथ मिलकर देश के संसाधनों और जनता को लूट रहा है। इसके तमाम सच और प्रमाण मैंनें सामने रखे थे।
आकाश में चले जाओ तो जहाज अडानी का, जमीन पर आ जाओ तो एयरपोर्ट अडानी का, समुद्र में चले जाओ तो सीपोर्ट अडानी का, पाताल में चले जाओ तो कोयला अडानी का है। इसके अलावा, गैस, बिजली, स्टील, सीमेंट, सडक़, रेल, तेल और मीडिया अडानी का है।
इसके बदले में देश के 80 करोड लोगों को 5 किलो राशन दिया जा रहा है। दरअसल लोगों के जीवन में दुखों का कारण मोदी सरकार द्वारा दोस्तों को दी जा रही लूट की खुली छूट है।
उन्होंने जेल भेजने की साजिश को लेकर कहा है कि ईडी ने मेरा नाम पहले भी चार्जशीट में डाला था। उनकी कोशिश उस वक्त भी झूठा फंसाने की थी लेकिन जब मैनें ईडी को लीगल नोटिस भेजा तो ईडी ने मुझसे माफी मांग ली।
मतलब साफ है कि चार्ज शीट में इडी में जानबूझकर मुझे फंसाने के लिए नाम डाला था। ईडी ने 8 सालों में 3 हजार छापेमारी की और मात्र 0.5 फीसद लोगों पर आरोप सिद्ध हुए।
मोदी-अडानी-ईडी के गठजोड़ ने मुझे फंसाने के लिए पूरी तरह झूठ और बेबुनियाद मामला तैयार किया। दिनेश अरोड़ा जो खुद ईडी और सीबीआई के एफआईआर में आरोपी है। सीबीआई ने एक नहीं, कई बयान दिनेश अरोड़ा के दर्ज किए।
दिनेश अरोड़ा ने मेरे ऊपर कोई आरोप नहीं लगाया। ईडी में भी दिनेश अरोड़ा ने मेरे खिलाफ कोई बयान नहीं दिया। जो दिनेश अरोड़ा 13 बार ईडी, सीबीआई में एक साल तक बार-बार बयान देता है और मेरे ऊपर कोई आरोप नहीं लगाया, वो दिनेश अरोड़ा अचानक ईडी के सामने बेबुनियाद आरोप कैसे लगा देता है? ये बात देश के लोग आसानी से समझ सकते है।
सांसद संजय सिंह ने पत्र में आगे लिखा है कि ईडी अचानक 4 अक्टूबर को मेरे घर आती है। 14 घंटे तक छापेमारी करती है। उनको कुछ नहीं मिलता है। सिर्फ मेरे बूढ़े मां-बाप मिलते हैं। पिताजी की बैंक डिटेल्स भी ईडी नोट करती है और मुझे ईडी के अधिकारी कहते हैं कि पंचनामा तैयार करके हम चले जाएंगे।
अचानक ऊपर से कोई फोन आता है और मुझसे कहा जाता है कि आपको गिरफ्तार किया जाता है। मैंने कहा कि अभी तो आप जा रहे थे, यह ऊपर से किसका फोन आया, तो ईडी के अधिकारी कुछ नहीं बोले।
हैरान करने वाली बात ये है कि इन डेढ़ सालों की जांच में ईडी ने न तो मुझे कभी समन दिया, न नोटिस दिया और न ही किसी प्रक्रिया का पालन किया। इस मामले में मैं अकेला व्यक्ति हूं जिसको बिना समन या नोटिस दिए गिरफ्तार कर लिया गया।
सांसद संजय सिंह ने पत्र के आखिर में लिखा है कि ईडी ने आठ दिनों तक अपनी कस्टडी में रखा और 3 घंटे ही पूछताछ की। उसने सवाल भी ऐसे पूछे कि सुनकर हंसी आएगी। ईडी ने पूछा, आपकी मां ने आपको पैसे क्यों दिए? आपके पिता ने आपको पैसे क्यों दिए?
आपकी पत्नी के खाते में 2022 में 10 हजार रुपए क्यों डाले गए? ये तीनों सवाल मेरी ईमानदारी का सबूत है कि सांसद होते हुए भी मुझे अपने पेंशन धारक माता-पिता से पैसे लेने पड़ते हैं। मैं सच्चाई के रास्ते पर हूं। मैने पूरा जीवन देश और समाज की सेवा का संकल्प लिया है।