एलजी और केजरीवाल को सुप्रीम नसीहत
- मुख्य सचिव की नियुक्ति विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
- क्यों नहीं दोनों एक साथ बैठते
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और केंद्र से कहा कि वे एक साथ बैठें और राष्ट्रीय राजधानी के मुख्य सचिव के लिए उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्टिंग पर चर्चा करें। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने दोनों पक्षों से मंगलवार को केंद्र सरकार द्वारा शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों के नाम उपलब्ध कराने से पहले एक-दूसरे के साथ साझा करने को कहा। शीर्ष अदालत ने मौजूदा दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार का कार्यकाल बढ़ाने या एक नया अधिकारी नियुक्त करने के केंद्र के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बयान दिया।
आज की सुनवाई के दौरान पीठ ने केंद्र सरकार से तीन नामों की एक सूची की सिफारिश करने को कहा और दिल्ली सरकार उस सूची में से एक विकल्प चुनेगी। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा केंद्र सरकार के साथ चर्चा के बाद तीन नाम साझा किए जाएंगे। हमें (एक) व्यावहारिक समाधान दीजिए। सरकार को अदालत जाने की आवश्यकता के बिना काम करना चाहिए। हमें कोई रास्ता दीजिए। एक विकल्प यह हो सकता है कि हमें तीन नाम दिए जाएं। पीठ ने पूछा, एलजी (वीके सक्सेना) और सीएम (दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल) क्यों नहीं मिलते और दिल्ली मुख्य सचिव विवाद पर फैसला नहीं लेते?
उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक डोमेन में साझा न किए जाएं : साल्वे
सक्सेना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे शीर्ष अदालत के सुझाव से सहमत हुए लेकिन अनुरोध किया कि उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक डोमेन में साझा नहीं किए जाने चाहिए। साल्वे के अनुरोध पर सहमति जताते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, आप नाम का खुलासा नहीं कर सकते क्योंकि इससे उस व्यक्ति की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान होता है जिसका चयन नहीं हुआ है। सुनवाई के दौरान केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि अधिकारियों के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया जाता है, जिस पर वरिष्ठ वकील सिंघवी ने कहा कि वे मेरी बात बिल्कुल नहीं सुनते। एसजी मेहता ने सिंघवी से कहा, सम्मान अर्जित किया जाता है।