धोखे से वोट हथियाना चाहती है बीजेपी: अखिलेश

  • मतदाता सूची के संशोधनों पर निगाह रखें कार्यकर्ता

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लोकसभा चुनाव को लेकर सपा बीजेपी पर आक्रमाक होने की तैयारी में लग गई। सपा अध्यक्ष व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा साजिश करने के अपने पुराने काम में लग गई है। वह धोखा देकर वोट हथियाना चाहती है। भाजपा अपनी राजनीति के लिए लाभार्थियों की सुविधाओं का राजनीतिक इस्तेमाल करके लोकतंत्र की निष्पक्षता को ही नष्ट करने की साजिश कर रही है।
अखिलेश शनिवार को पार्टी मुख्यालय पर विधायकों और प्रमुख कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 7 वर्षों से भाजपा सरकार ने विकास का कोई काम नहीं किया। समाजवादी सरकार के कामों से भाजपा अपने कामों की तुलना नहीं कर सकती है। भाजपा लोकतंत्र के लिए खतरा है। इसलिए समाजवादियों को पूरी निष्ठा से लोकतंत्र को बचाने में जुटना है। 2024 में कहीं भी कोई कमी नहीं छोडऩी है। अखिलेश ने कहा कि चुनाव में जीत के लिए मतदाता सूची पर ध्यान रखना होगा। सूची में अभी 9 दिसंबर तक नाम बढ़ाने का अंतिम अवसर है। पार्टी के सभी पदाधिकारी नेता और कार्यकर्ता बूथ स्तर पर रात दिन लगकर लोकतंत्र को बचाने के लिए सघन जनसंपर्क करें। समाजवादी और पिछड़ा, दलित व अल्पसंख्यक मिलकर आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से हटाने का काम करेंगे। सामाजिक न्याय की लड़ाई सपा हमेशा से लड़ती रही है। भाजपा जातीय जनगणना न कराकर सभी को हक और सम्मान से वंचित कर रही है।

शिवपाल, डिंपल और अखिलेश की सीटें तय

लखनऊ। समाजवादी पार्टी अपने पुराने गढ़ पर पुन: काबिज होने के लिए कारगर रणनीति तैयार कर रही है। आगामी लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ से शिवपाल यादव और बदायूं से धर्मेंद्र यादव के मैदान में उतरने की पूरी संभावना है। कन्नौज से अखिलेश यादव का लडऩा भी करीब-करीब तय माना जा रहा है, जबकि फिरोजाबाद से अक्षय यादव मैदान में उतरना तय हो चुका है। मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव अगले चुनाव में एक बार फिर वहीं से सपा की उम्मीदवार होंगी। पूर्वांचल में आजमगढ़ लोकसभा सीट सपा का गढ़ मानी जाती रही है। मोदी लहर में भी वर्ष 2014 और 2019 में यहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। 2014 में मुलायम सिंह यादव वहां से जीते थे, जबकि 2019 में अखिलेश यादव ने विजय पताका फहराई। लेकिन, अखिलेश के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद हुए उपचुनाव में यह सीट भाजपा ने छीन ली। मुलायम परिवार के सदस्य धर्मेंद्र यादव को भाजपा के दिनेश लाल यादव नरहुआ ने हरा दिया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, आजमगढ़ से शिवपाल यादव को लड़ाने पर विचार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि शिवपाल अपने सांगठनिक कौशल के कारण यहां विपक्षियों पर भारी पड़ेंगे। उनके मैदान में आने पर भितरघात की स्थिति भी न्यूनतम होगी। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में धर्मेंद्र यादव ने बदायूं, अक्षय यादव ने फिरोजाबाद और डिंपल यादव ने कन्नौज से जीत हासिल की थी, लेकिन पिछला लोकसभा चुनाव ये तीनों हार गए। 2019 में धर्मेंद्र यादव को स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी व भाजपा प्रत्याशी संघमित्रा मौर्या ने हराया और अब स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में अहम जिम्मेदारी पर हैं।

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