पंजाब कांग्रेस चलती रहेगी कैप्टन की अगुवाई में, सिद्धू को मिल सकता है मंत्री पद

चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में चल रही अंदरूनी कलह के बाद राष्ट्रीय राजधानी में हाईकमान की तीन सदस्यीय कमेटी के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश अग्रवाल और प्रदेश के प्रभारी महासचिव हरीश रावत के साथ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी शामिल हैं। कमेटी द्वारा 25 विधायकों और मंत्रियों का पक्ष सुना गया। अब इसकी रिपोर्ट दो दिन बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपी जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि कमेटी के सामने अमरिंदर सिंह ने 2022 के विधानसभा चुनाव लडऩे का रोडमैप भी सामने रखा था। उन्होंने समिति को बताया कि आगामी चुनावों में उनकी रणनीति क्या होगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक हाईकमान ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व पर पूरा भरोसा जताया है। साथ ही पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू सहित अन्य नेताओं की नाराजगी पर चिंता जताई।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब कैबिनेट और प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बदलाव किए जा सकते हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक चुनाव से पहले नवजोत सिंह सिद्धू को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। इसके साथ ही बड़ी जिम्मेदारियां दलित विधायकों को सौंपी जा सकती हैं। बताया जा रहा है कि सीएम अमरिंदर सिंह ने खडग़े कमेटी को कई नेताओं की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी है, जिसमें ऐसे मंत्री और विधायक भी बताए गए हैं जिनके तार रेत, शराब और ट्रांसपोर्ट माफिया से जुड़े होने की आशंका है।
कैप्टन ने प्रदेश कांग्रेस नेताओं द्वारा अपनी ही सरकार के खिलाफ की गई बयानबाजी पर भी चिंता जताई है। कैप्टन ने कमेटी को अवगत करवाया कि नवजोत सिंह सिद्धू, परताप सिंह बाजवा, शमशेर सिंह दूलो, परगट सिंह, चरनजीत सिंह चन्नी, सुखजिंदर सिंह रंधावा व अन्य नेता अपनी ही सरकार की जनता में लगातार आलोचना कर रहे हैं। कैप्टन से मुलाकात के बाद कांग्रेस पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि यह कमेटी की आखिरी बैठक थी। नेताओं के बयानों के आधार पर रिपोर्ट दो दिन बाद पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपी जाएगी।

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