तैरते समय बर्फ का कितना हिस्सा होता है पानी में और क्यों क्या आप जानते हैं इसका जवाब?
विज्ञान पर आधारित सवालों में बर्फ को लेकर अक्सर एक यही सवाल पूछा जाता है कि बर्फ पानी में क्यों तैरती है। पानी और बर्फ दोनों का ही रासायनिक सूत्र एक ही है, बस दोनों की अवस्था में अंतर होता है, जहां पानी तरल होता है, वहीं बर्फ पानी की ही ठोस रूप है। पर एक रोचक सवाल यह भी है कि जब बर्फ पानी में तैरती है, तो उसका कितना हिस्सा पानी के अंदर रहता है, और कितना हिस्सा पानी के बाहर रहता है? सबसे पहले हम यह जान लें कि बर्फ अकेला ऐसा पदार्थ नहीं है जिसका ठोस रूप उसके तरल रूप में तैरता है। सिलिकॉन, जर्मेनियम, गैलियम, आर्सनिक और बिस्मथ जैसे तत्व भी ऐसे हैं जिनका ठोस रूप अपने तरल रूप में तैरता है। इसका सरल सा कारण यह है कि कोई भी पदार्थ जिसका घनत्व उसके तरल से कम होगा वह अपने तरल स्वरूप में तैरेगा। ऐसा ही बर्फ के साथ ही होता है। सच यह है कि बर्फ का घनत्व पानी के घनत्व की तुलना में 9 फीसदी कम होता है। ऐसे में यही होता है कि बर्फ पानी में तैरेगी ही। लेकिन बर्फ का घनत्व पानी के घनत्व से कम क्यों होता है? इस सवाल का जवाब पानी और बर्फ के मामले में अन्य चीजों से अलग ही है। बर्फ पानी से हलकी होती है। और इसके पीछे की वजह यह है कि पानी के अणु में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के परमाणु जुड़े होते हैं। जब पानी तरल अवस्था से ठोस अवस्था में बदलता है तो उसकी खास लैटिस संचरना बनती है जिसकी वजह से पानी के अणु ठोस होते होते एक दूसरे से दूर हो जाते हैं। यही कारण है कि बर्फ पानी से हलका हो जाता है। सामान्य तौर पर हम जब बर्फ की बात करते हैं तो घर के फ्रिज में बनी बर्फ के लिहाज से इस सवाल का जवाब अलग हो सकता है। पानी के गिलास में डली हुई बर्फ का अधिकांश हिस्सा पानी के अंदर ही रहता है। पर ऐसा कितना होता है। क्या एक चौथाई, आधा या हकीकत में यह केवल 10 प्रतिशत होता है। यानी कि जब बर्फ के टुकड़े या आइसक्यूब को हम पानी में डालते हैं तो उसका दसवां हिस्सा ही पानी के ऊपर होता है जबकि 90 फीसदी या 9/10वां हिस्सा पानी के नीचे होता है। लेकिन महासागरों में नमकीन पानी के होने से घनत्व में थोड़ा से अंतर आ जाता है। जिससे यह आंकड़ा थोड़ा बदल सकता है।