इस गांव को कहा जाता है जमाईपुरा यहां अधिकतर घरों में रहते हैं जमाई

अजब गजब किस्से और चीजें हर जगह देखने सुनने मिल जाती हैं। यूपी में तो कस्बेनुमा एक कॉलोनी ही ऐसी है जो अपने नाम और काम सबमें अजब गजब है। अपनी इस अजब वजह से इसका नाम भी ऐसा ही पड़ गया है।
पुराने समय में घर जमाई की कहीं कहीं परंपरा होती थी। एक ऐसी परंपरा जिसमें शादी के बाद दामाद अपने ससुराल यानि बीवी के घर आकर रहने लगता है। जमाई यानि दामाद और जो ससुराल आकर रहने लगे उसे घर जमाई का नाम दिया जाता है। बागपत में तो पूरी एक कॉलोनी है जिसे जमाईपुरा ही कहा जाता है। ऐसी ही एक परंपरा आपको खेकड़ा कस्बे की कॉलोनी जमाई पुरा में देखने मिलती है। बात 37 साल पुरानी है। 1987 में इस कॉलोनी में चार ऐसे परिवार रहने लगे जिन्होंने खेकड़ा कस्बे की लड़कियों से शादी की और यहीं पर आकर बस गए। तब इस कॉलोनी को जमाई पुरा का नाम दिया गया। इन्होंने ये मोहल्ला बसा दिया। बस स्थानीय लोग इसे जमाईयों के नाम से जानने लगे और मोहल्ले का नाम ही जमाईपुरा कहलाने लगा। आज के समय में इस जगह अब करीब 500 परिवार रहते हैं। खेकड़ा नगर पालिका परिषद के वार्ड नंबर 13 की कॉलोनी जमाईपुरा का नाम प्रेमपुरी कर दिया गया है। वर्तमान सभासद लियाकत अंसारी बताते हैं कि 1987 में इस कॉलोनी को बसाया गया। यहां रहने वाले परिवार की लड़कियों से बाहरी परिवार के लडक़ों ने शादी की और फिर वो यहीं ससुराल में रहने लगे। तभी से इस कॉलोनी को जमाई पुरा कहा जाने लगा। खेकड़ा कस्बे में आज भी यह कॉलोनी जमाईपुरा के नाम से ही जानी जाती है। कुछ समय बाद इसका नाम बदलकर प्रेमपुरी रख दिया गया। लेकिन चलन में आज भी जमाई पुरा नाम ही है।

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