कमियां बताने पर एलजी का धन्यवाद: केजरीवाल
- भाजपा के सातों सांसद राजनीति से संन्यास लेने में व्यस्त
- फिर आमने-सामने आए दिल्ली के सीएम व उपराज्यपाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच एक जुबानी जंग कोई नई बात नहीं है। दोनों के बीच एक बार फिर से ऐसा ही नजारा देखने को मिला। उपराज्यपाल ने अपने एक्स अकाउंट पर गंदगी और खस्ताहाल सडक़ों के फोटो साझा करते हुए दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है, स्थानीय निवासियों के अनुरोध पर कल संगम विहार गया था।
नौ साल के शिगूफों के बावजूद इलाके में रह रहे 20 लाख से ज्यादा लोग मूलभूत जनसुविधाओं से वंचित, नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। न सडक़ें हैं, न सीवर, न कूड़े की सफाई। इस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पलटवार किया है। उन्होंने कमियां बताने पर एलजी का धन्यवाद किया है। उपराज्यपाल ने आगे लिखा है कि बेतरतीब लटकती बिजली की तारें खतरनाक हैं और उबड़-खाबड़ सडक़ पर मेरे सामने ही रिक्शा पलटा और एक महिला घायल हुई। उफनती नालिया, कचरे के ढेर और सीवर के बदबूदार पानी से भरी गलियां, भारत की राजधानी में होंगी, देश इसकी कल्पना नहीं कर सकता। आज विपक्ष यानि भाजपा के सातों सांसद राजनीति से संन्यास लेने में व्यस्त हैं और आठों विधायक गहरी निद्रा में सोये हैं। यही कारण है कि दिल्ली की सत्ता पिछले 26 साल से भाजपा से दूर है। इसलिए, मजबूरीवश, एलजी के संवैधानिक पद पर होते हुए भी विपक्ष की भूमिका आपको निभानी पड़ रही है।जो कमियां आपने बतायी हैं, जिन अधिकारियों को ये काम करना था और उन्होंने नहीं किया, उनके खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन होना चाहिए।
केजरीवाल की तरह महिलाओं के लिए लाएं योजना केंद्र : प्रियंका
आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल सरकार की तरह ही केंद्र सरकार से भी महिलाओं के लिए योजना लाने की मांग की है, जिससे देश की आधी आबादी को सशक्त बनाया जा सके। इसको लेकर आप की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि दिल्ली के बेटे अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के बजट में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत 18 साल से ऊपर की हर बहनों को एक-एक हजार रुपये देने का एलान कर महिला सशक्तिकरण की तरफ बड़ा कदम बढ़ाया है। प्रियंका कक्कड़ ने कहा, केजरीवाल सरकार द्वारा मुफ्त पानी, बिजली और बसों में सफर की सुविधा पहले से दी जा रही है, अब हजार रुपये महीना और मिलने से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ेगा और घर खर्च को लेकर उनकी चिंता भी कम होगी। दूसरी तरफ, मोदी सरकार के बजट में महिला सशक्तिकरण को लेकर कोई योजना नहीं होती है। इसके बाद भी देश के ऊपर लगभग 200 लाख करोड़ रुपये का कर्ज चढ़ गया है। आप की सलाह है कि मोदी सरकार अपने दोस्तों की जेबें भरना बंद करे और महिला सशक्तिकरण पर ध्यान दे, क्योंकि केंद्र की अभी जो नीतियां हैं, उसमें अमीर और अमीर, गरीब और गरीब होता जा रहा है।