चुनाव तारीखों का ऐलान होते ही, कर्नाटक BJP में हुई बड़ी बगावत

बेंगलुरु। चुनाव आयोग द्वारा देश के लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान करते ही देश में लोकसभा का चुनावी बिगुल पूरी तरह से अब बज चुका है। चुनाव आयोग के मुताबिक, देश के अंदर लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होंगे। पहले चरण के मतदान 19 अप्रैल को होंगे और वोटों की मतगणना 4 जून को की जाएगी। इसके साथ ही अब देश में अगले दो-ढाई महीने तक सिर्फ चुनावी सरगर्मियां ही बरकरार रहेंगी और सिर्फ चुनावों की ही चर्चाएं सुनाई व दिखाई देंगी। राजनीतिक दल इन चुनावों की तैयारियों में काफी पहले से ही जुटे हुए हैं। अब वो अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। पार्टियां अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर रही हैं और उन्हें लोकसभा चुनाव में जीत की जिम्मेदारी सौंप रही हैं।

तो वहीं पार्टी उम्मीदवारों का ऐलान होने के साथ ही नेताओं द्वारा पाला दलने का खेल भी जारी है। कई नेता अपनी पार्टी से नाता तोड़कर दूसरे दलों का दामन थाम रहे हैं। तो वहीं कुछ नए लोगों का भी सियासत में आगाज हो रहा है। इस बीच लगातार तीसरी बार सत्ता पाने की जुगत में लगी भारतीय जनता पार्टी इस चुनाव में अबकी बार 400 पार के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद संसद से लेकर हर जनसभा तक में ये कहते फिर रहे हैं कि अबकी बार हम 400 का आंकड़ा पार करेंगे। पीएम मोदी देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर चुनाव प्रचार में भी पूरी तरह से जुट चुके हैं।

अपने इस लक्ष्य के लिए भाजपा काफी मेहनत भी कर रही है। और साम दाम दंड भेद चारों अपना रही है। लेकिन इस बीच भाजपा के लिए कर्नाटक में मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। पहले कल जहां प्रदेश में भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा माने जाने वाले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज होने की खबर सामने आई। तो वहीं अब कर्नाटक में भाजपा को एक और बड़ा झटका लगा है। पीएम मोदी के चुनाव प्रचार के लिए कर्नाटक पहुंचते ही पार्टी को प्रदेश में बड़ा झटका लगा है और पार्टी के अंदर एक बड़ी बगावत सामने आई है,।

दरअसल, कर्नाटक में भाजपा के अंदर से अब बगावत की खबर सामने आ रही है। प्रदेश में बीजेपी के सीनियर दिग्गज नेता के. एस. ईश्वरप्पा ने भाजपा के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। दरअसल, बीजेपी नेता के एस ईश्वरप्पा ने लोकसभा चुनाव में शिमोगा से निर्दलीय लड़ने का ऐलान किया है। इस ऐलान के बाद अब प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। तो वहीं भाजपा के खेमे में काफी खलबली मच गई है। ईश्वरप्पा ने ये फैसला उनके बेटे केई कांतेश को हावेरी सीट से लोकसभा का टिकट नहीं दिए जाने के बाद लिया है। ईश्वरप्पा पार्टी के इस फैसले से खासा नाराज भी दिखे।

बीजेपी नेता ईश्वरप्पा ने अपने बेटे को टिकट न दिए जाने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को ही दोषी ठहराया है। इतना ही नहीं भाजपा ने केएस ईश्वरप्पा को भी शिमोगा से टिकट नहीं दिया है। जिसको लेकर भी सीनियर भाजपा नेता काफी नाराज दिखे। बीजेपी ने शिमोगा से बीएस येदियुरप्पा के बेटे और मौजूदा सांसद बी वाई राघवेंद्र को पार्टी का प्रत्याशी बनाया है। जबकि कांग्रेस ने इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री एस बंगारप्पा की बेटी व कन्नड़ फिल्म स्टार शिवराजकुमार की पत्नी और दिवंगत अभिनेता डॉ. राजकुमार की पुत्रवधू गीता शिवराजकुमार को मैदान में उतारा है। बता दें कि 2019 के चुनावों में पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के बेटे बी वाई राघवेंद्र 2,23,360 लाख वोटों से जीते थे। वैसे ये भी जाहिर है कि कर्नाटक बीजेपी की कमान येदियुरप्पा के दूसरे बेटे बी वाई विजयेंद्र के हाथों में है।

ऐसे में अपने बेटे को टिकट न मिलने से नाराज केएस ईश्वरप्पा ने शिमोगा से भाजपा के ही खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया। ईश्वरप्पा ने अपने समर्थकों द्वारा बुलाई गई एक बैठक में भाजपा के खिलाफ बगावत की घोषणा करते हुए कहा कि मैं शिमोगा लोकसभा क्षेत्र से आपके निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ूंगा। बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को हावेरी सीट से मैदान में उतारा है। ईश्वरप्पा ने अपने आरोप को दोहराया कि भाजपा संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य येदियुरप्पा ने उनके बेटे को टिकट दिलाने का आश्वासन दिया था और उनकी जीत के लिए प्रचार करने का वादा किया था।

लेकिन अब उन्होंने उन्हें धोखा दिया है।  बता दें कि ईश्वरप्पा प्रदेश में भाजपा का एक बड़ा चेहरा माने जाते हैं। कर्नाटक में भाजपा को खड़ा करने का श्रेय ईश्वरप्पा समेत येदियुरप्पा और दिवंगत एच एन अनंत कुमार को दिया जाता है। ऐसे में चुनावों से ठीक पहले ईश्वरप्पा का इस तरह से पार्टी से बगावत करना और भाजपा के खिलाफ ही निर्दलीय चुनाव लड़ना भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। इस दौरान पार्टी के सीनियर लीडर ईश्वरप्पा ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पर जमकर निशाना भी साधा। ईश्वरप्पा ने कहा कि येदियुरप्पा ने बोम्मई और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे के लिए टिकट सुनिश्चित किया।

लेकिन उनके बेटे के लिए नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी की राज्य इकाई येदियुरप्पा परिवार की गिरफ्त में है। जिसमें उनका एक बेटा सांसद है।  दूसरा बेटा बी वाई विजयेंद्र विधायक और प्रदेश अध्यक्ष है। बीजेपी की प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष ईश्वरप्पा ने येदियुरप्पा पर नलिन कुमार कटील, प्रताप सिम्हा, सी टी रवि और डी वी सदानंद गौड़ा जैसे हिंदुत्व के मुद्दे का समर्थन करने वाले नेताओं को दरकिनार करने का भी आरोप लगाया। पार्टी ने तीनों मौजूदा सांसदों कटील, सिम्हा और सदानंद गौड़ा को 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए टिकट देने से इनकार कर दिया है। हालांकि, इस दौरान ईश्वरप्पा ने बार-बार कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भले ही मेरी जान चली जाए, लेकिन मैं नरेंद्र मोदी के खिलाफ नहीं जाऊंगा। अगर मेरा हृदय खुलेगा तो एक तरफ भगवान राम होंगे और दूसरी तरफ मोदी होंगे।

फिलहाल ईश्वरप्पा के इस तरह का बड़ा ऐलान करने के बाद अब प्रदेश में भाजपा के अंदर बड़ी बगावत सामने आ गई है। जाहिर है कि जबसे भाजपा ने कर्नाटक में लोकसभा के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया है। तबसे ही पार्टी के अंदर प्रदेश में लगातार बगावती सुर उठ रहे हैं। लेकिन पार्टी के सीनियर लीडर ईश्वरप्पा द्वारा भाजपा के खिलाफ ही चुनाव लड़ने का ऐलान करना पार्टी के अंदर बड़ी बगावत का इशारा करता है। वहीं भाजपा ने जिस तरह से बीएस येदियुरप्पा को प्रदेश में पार्टी का जिम्मा सौंपा है उससे भी पार्टी के बाकी नेता काफी नाराज नजर आ रहे हैं। तो वहीं ईश्वरप्पा ने भी बीएस येदियुरप्पा पर ही जमकर निशाना साधा और अपनी बगावत के लिए येदियुरप्पा को ही जिम्मेदार ठहराया है।

सबसे बड़ी बात कि एक ओर जहां प्रधानमंत्री आज कर्नाटक में लोकसभा चुनाव का प्रचार करने पहुंचे हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा को इतना बड़ा झटका लगा है। कर्नाटक के कलबुर्गी पहुंचे पीएम मोदी ने यहां एक सार्वजनिक सभा को भी संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि कर्नाटक ने लोकसभा के चुनाव में भाजपा को रिकॉर्ड सीटों पर जिताने का संकल्प ले लिया।. आज पूरा कर्नाटक कह रहा है – अबकी बार 400 पार। उन्होंने कहा कि कलबुर्गी का ये जनसैलाब और आप सबके चेहरों का ये उत्साह, कर्नाटक ने लोकसभा के चुनाव में भाजपा को रिकॉर्ड सीटों पर जिताने का संकल्प ले लिया है।

अभी तो चुनाव की घोषणा होनी बाकी है और आपने पहले ही घोषणा कर दी। आज पूरा कर्नाटक कह रहा है अबकी बार 400 पार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब हम कहते हैं कि भारत लोकतंत्र की जननी है तो पूरी दुनिया उसे स्वीकार करती है। दुनिया को कोई एतराज नहीं है, लेकिन जब ये बात कांग्रेस वाले सुनते हैं तो सुनते ही उनके पेट में दर्द होना शुरू हो जाता है। ये लोग दुनिया भर में जाकर हमारे देश को, हमारे लोकतंत्र को, हमारी महान परंपराओं को बदनाम करते हैं। पीएम मोदी ने यहां कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा।

लेकिन सबसे बड़ी बात कि एक ओर जहां पीएम मोदी कर्नाटक के दौरे पर पहुंचे और भाजपा की बड़ी जीत की बात कही। वहीं दूसरी ओर कर्नाटक में भाजपा को लगा ये झटका और उठते बगावत के सुर पार्टी के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं। क्योंकि चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही अब पूरे देश में लोकसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है। अब देश के अंदर चुनाव शुरू होने में सिर्फ एक महीने का ही समय बाकी रह गया है। ऐसे में जिस कर्नाटक से भाजपा को इस चुनाव में काफी उम्मीदें हैं। उसी कर्नाटक से लगातार उठती बगावत की आवाजें भाजपा व साहेब के लिए चिंताएं बढ़ा रही हैं। फिलहाल अब देखना ये है कि भाजपा व साहेब इस बगावत को रोक पाते हैं या नहीं।

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