मोदी-मोदी करने वाले छात्रों को थप्पड़ मारो, कांग्रेस नेता के बिगड़े बोल; भाजपा ने किया पलटवार
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और कर्नाटक के मंत्री शिवराज तंगदागी ने पीएम मोदी को लेकर एक विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने कोप्पल में एक चुनावी रैली को संबोधित करते देश के युवाओं को लेकर एक अजीबोगरीब बात कह दी।
उन्होंने कहा, वे (भाजपा) अब अपने चुनाव अभियान के साथ आ रहे हैं, उन्हें शर्म आनी चाहिए। अब वे किस मुंह से वोट मांग रहे हैं? उन्होंने दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था, क्या उन्होंने किसी को नौकरी दी है? यदि वे (युवा) रोजगार मांगते हैं, तो वे (भाजपा) उनसे पकौड़ा बेचने के लिए कहते हैं। उन्हें (भाजपा को) शर्म आनी चाहिए। फिर भी, अगर छात्र मोदी-मोदी करते हैं, तो उन्हें थप्पड़ मारा जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता के इस बयान पर भाजपा नेताओं की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कांग्रेस नेता के इस बयान की काफी आलोचना हो रही है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस नेता की इस टिप्पणी पर निंदा जाहिर करते हुए कहा, जिन राजनीतिक दलों ने युवाओं को निशाना बनाया है वे बच नहीं पाए हैं।
कांग्रेस के शिवराज तंगदागी, जो कर्नाटक सरकार में संस्कृति मंत्री हैं, पीएम मोदी के पक्ष में नारे लगाने वाले छात्रों को थप्पड़ मारने के लिए कहते हैं… सिर्फ इसलिए कि यंग इंडिया ने राहुल गांधी को बार-बार खारिज कर दिया है, और चाहते हैं देश का नेतृत्व पीएम मोदी करें, इसके लिए कांग्रेस उन पर हमला करेगी? ये शर्मनाक बात है। प्रधानमंत्री मोदी यंग इंडिया में निवेश कर रहे हैं और राहुल गांधी की कांग्रेस उन्हें (युवाओं को) तमाचा मारना चाहती है।
वहीं, बीजेपी नेता सीटी रवि ने कहा, यह महसूस करते हुए कि कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव बहुत बुरी तरह से हारने वाली है, कांग्रेसी नए निचले स्तर पर गिर रहे हैं। और वे पीएम मोदी को तानाशाह कहते हैं!
चुनावी रैली में शिवराज तंगदागी ने आगे कहा,पिछले 10 वर्षों से सबकुछ झूठ के आधार पर चलाया गया है। इसलिए उन्हें लगता है कि वे अगले पांच सालों तक मूर्ख बना सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी ने भारत में 100 स्मार्ट शहरों का वादा किया था, वे कहां हैं? एक का नाम बताइए? वह स्मार्ट हैं, अच्छे कपड़े पहनते हैं, स्मार्ट भाषण देते हैं, अपना पहनावा बदलते रहते हैं। फिर उनका एक स्टंट सामने आता है, वह समुद्र की गहराई में चले जाते हैं और वहां पूजा करते हैं। क्या एक प्रधानमंत्री को इस तरह का काम करना चाहिए?