प्रदेश में नई व्यवस्था से सरकारी नौकरियों में भर्ती कराने की तैयारी, बनेगी कमेटी

लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा आयोग को एक करने पर चल रहा मंथन
केंद्र की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी सभी भर्तियों के लिए एक परीक्षा कराने की योजना

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। नौकरी की तलाश में भटक रहे बेरोजगारों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि अब राज्य सरकार नई व्यवस्था के तहत सरकारी नौकरियों की भर्तियां करेगी। नई व्यवस्था यानी राज्य सरकार ने केंद्र की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी सभी भर्तियों के लिए एक परीक्षा कराने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए जल्द कमेटी गठित की जाएगी।
राज्य सरकार का मानना है कि इससे भर्तियों में तेजी आएगी और सरकारी विभागों में खाली पद भी आसानी से भर जाएंगे। प्रदेश में मौजूदा समय सरकारी विभागों में भर्तियों के लिए अलग-अलग आयोग और बोर्ड बने हुए हैं। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा आयोग बने हुए हैं। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को समूह ग तक की भर्तियां करने का अधिकार है। इससे ऊपर की भर्तियां लोक सेवा आयेाग करता है। राज्य सरकार यह विचार कर रही है कि दोनों आयोगों के लिए प्रारंभिक यानी ‘प्री’ परीक्षा एक साथ करा ली जाए और मुख्य परीक्षाएं सभी अपनी-अपनी कराएं। इसके अलावा इस विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है कि केंद्रीय नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी से पास होने वालों को मुख्य परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाए। इससे यूपी के आयोगों को आसानी से पात्र मिल जाएंगे।

जल्द कमेटी बनाने की तैयारी

राज्य सरकार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अधिकारियों पर भी नए सिरे से विचार कर सकती है। मुख्य वजह यह बताई जा रही है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने मुख्यमंत्री के समक्ष प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा कराने की नीति का प्रस्तुतीकरण किया था। इसमें भी केंद्र की तर्ज पर भर्तियों के लिए एक प्रारंभिक परीक्षा कराने की योजना है। इसीलिए जल्द ही इस पर फैसला लेने के लिए उच्चाधिकारियों की एक कमेटी बनाए जाने की तैयारी है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे फैसला किया जाएगा। कमेटी के सुझाव के आधार पर कार्मिक विभाग भर्ती नियमावली में संशोधन करेगा।

देश में हैं नौकरियों से जुड़े 20 भर्ती बोर्ड

अब देश में सरकारी नौकरियों के लिए एक ही कॉमन टेस्ट होगा। अभी तक युवाओं को कई प्रकार के टेस्ट से गुजरना होता था लेकिन मोदी सरकार ने इस नियम को बदल दिया है। नौकरी के लिए एक ही परीक्षा होगी। राष्टï्रीय भर्ती संस्था (एनआरए) कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट लेगी जिसका करोड़ों युवाओं को फायदा मिलेगा। आवेदकों को भटकना न पड़े। इसके लिए देश के प्रत्येक जिले में राष्टï्रीय भर्ती बोर्ड का एक केंद्र होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया था। अभी देशभर में केंद्रीय स्तर की नौकरियों से जुड़े करीब 20 भर्ती बोर्ड हैं।

ऐसी होगी व्यवस्था
राष्टï्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) विभिन्न भर्ती बोर्ड के लिए ऑनलाइन कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) का आयोजन करेगी। इसके तहत ग्रुप बी एवं सी के नॉन टेक्निकल पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा होगी। सीईटी में सफल होने वाले अभ्यर्थी संबंधित बोर्ड की मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। मुख्य परीक्षा में विफल होने के बाद भी उन्हें तीन साल तक सीधे मुख्य परीक्षा देने की अनुमति होगी।

केंद्र सरकार के फैसले से भर्ती प्रक्रिया में तेजी आएगी। अब प्री परीक्षा कराने के लिए अलग-अलग तैयारियां नहीं करनी पड़ेंगी।
प्रवीर कुमार, अध्यक्ष, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग

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