एसटीएफ की मुठभेड़ कहानी पर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल, मानवाधिकार में शिकायत
- राकेश पाण्डेय एनकाउंटर मामले में एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने उठाए सवाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के सरोजनीनगर में एसटीएफ द्वारा राकेश उर्फ हनुमान पाण्डेय के एनकाउंटर मामले में एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने राष्टï्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत की है। वहीं इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में भी पीआईएल दाखिल की गई है। नूतन ने आयोग को अपनी शिकायत में कहा है कि जिस प्रकार से उसका एनकाउंटर हुआ, उससे कई सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने कहा है कि उसके पिता रिटायर्ड फौजी बालदत्त पाण्डेय के अनुसार राकेश को पुलिस द्वारा घर से उठा कर एनकाउंटर कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि राकेश पर ज्यादातर केस खत्म हो गए थे और उस पर ईनाम कब घोषित हुआ, इसकी उन लोगों को कोई जानकारी नहीं है। नूतन ने कहा कि एसटीएफ ने सुबह एक लाख के ईनामी होने का दावा किया जबकि शाम को पचास हजारी बदमाश बताया। इतना ही नहीं, प्रयागराज के औद्योगिक क्षेत्र थाने में दर्ज जिस एफआईआर के आधार पर राकेश पर इनाम घोषित करने की बात की जा रही है, उसमें उसका नाम ही नहीं है। एसटीएफ का दावा है कि उसने इनोवा का पीछा किया। इनोवा पेड़ से टकराकर रुक गई और बदमाशों ने उतरकर एसटीएफ की टीम पर फायरिंग शुरू कर दी जबकि जो इनोवा पेड़ से टकराई उसमें खरोच तक नहीं आई। जिस इनोवा गाड़ी से बदमाश भाग रहे थे, उसकी नंबर प्लेट आगे और पीछे दोनों एक ही स्थान से टूटी मिली है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि एसटीएफ ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में आरोपी इनामी बदमाश राकेश पांडेय को लखनऊ के सरोजनी नगर थाना क्षेत्र में एनकाउंटर में मार गिराया था। नूतन का कहना है कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उस व्यक्ति की आम छवि निश्चित रूप से एक अपराधी तथा मुख्तार अंसारी के शूटर के रूप में थी। मगर तमाम रिपोर्ट के आधार पर इस एनकाउंटर पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। उनके पिता रिटायर्ड फौजी बालदत्त पाण्डेय के अनुसार आखिर किस आधार पर राकेश का एनकाउंटर किया गया है। जब सभी मुकदमे खत्म हो गए थे और इनाम के बारे में भी जानकारी नहीं दी गई थी तो कैसे यह सब कुछ हुआ? उन्होंने कहा है कि लगता है कि निजी दुश्मनी के कारण यह वारदात कराई गई है।
मुख्तार अंसारी का करीबी था राकेश
इधर मामले में एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार का कहना है गैंगस्टर राकेश पांडेय पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में शामिल था। वह मुख्तार अंसारी के साथ ही मुन्ना बजरंगी का भी बेहद करीबी था। उसके पास से नाइन एमएम की पिस्टल तथा 32 बोर पिस्टल के साथ सात कारतूस और 2 मोबाइल मिले हैं।
पीजीआई में भर्ती कानून मंत्री ब्रजेश पाठक की हालत स्थिर
- सांस लेने में तकलीफ होने पर कल हुए थे भर्ती
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के विधि मंत्री ब्रजेश पाठक पीजीआई में भर्ती है। डॉक्टरों के अनुसार उनकी हालत स्थिर है। सांस लेने में तकलीफ होने पर रविवार सुबह पीजीआई के राजधानी कोविड अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था। उन्हें सीधे आइसीयू में शिफ्ट किया गया।
आइसीयू प्रभारी प्रो. देवेंद्र गुप्ता की निगरानी में डॉक्टरों की टीम उनका उपचार कर रही है। मंत्री ब्रजेश पाठक पांच अगस्त को कोरोना पॉजिटिव आए थे। पत्नी नम्रता पाठक के कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने के बाद कानून मंत्री भी संक्रमित हैं। उन्होंने ट्वीट कर खुद के संक्रमित होने के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद उन्होंने खुद को अपने आवास में ही आइसोलेट कर लिया था। वहीं डॉक्टरों की टीम उनकी देखरेख कर रही थी। शनिवार रात सांस लेने में तकलीफ हुई। लिहाजा रविवार सुबह उन्हें पीजीआई के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सिविल अस्पताल में बड़ी संख्या में रक्तदान करने पहुंचे रक्तदाता
- इंडियन रेडक्रास सोसाइटी का अभियान आज से
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। इंडियन रेडक्रास सोसाइटी शाखा लखनऊ की ओर से रक्तदान अभियान की शुरूआत डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल से हुई। यह अभियान 10 से 17 अगस्त तक पूरे प्रदेश में चलेगा। राजधानी लखनऊ में लगने वाले रक्तदान शिविरों की देखरेख रेडक्रास सोसाइटी के महासचिव डॉ. हिमाबिन्दु नायक करेंगे।
इस अवसर पर उन्होंने सोसाइटी के सभी सदस्यों एवं इच्छुक स्थानीय नागरिकों से रक्तदान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आठ दिन लगने वाले शिविर में रक्तदाता सुबह दस से 2 बजे तक डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में रक्तदान कर सकते हैं। नायक ने बताया कि रक्तदान का आयोजन लाइफ सेविंग कम्पेन के तहत किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य कोरोना महामारी के समय में भी जरूरतमंद लोगों को समय पर ब्लड मिल सके। पहले दिन सिविल अस्पताल में बड़ी संख्या में रक्तदाता रक्तदान करने पहुंचे। नायक ने सभी रक्तदाताओं का आभार जताया। पहले दिन 15 यूनिट रक्त संग्रहित करने का लक्ष्य हैं।
ईडी दफ्तर में दूसरी बार रिया शौविक व पिता से पूछताछ
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुशांत सिंह राजपूत केस में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) मनी लॉन्ड्रिंग के ऐंगल से जांच कर रहा है। इस मामले में सोवमार को रिया चक्रवर्ती से दोबारा पूछताछ हो रही है। रिया के साथ ही उनके पिता इंद्रजीत चक्रवर्ती और भाई शौविक चक्रवर्ती से भी मुंबई स्थित ईडी दफ्तर में सवाल जवाब किया जा रहा है। इस बीच रिया की पूर्व मैनेजर और सुशांत की बिजनस मैनेजर रह चुकीं श्र्रुति मोदी भी ईडी दफ्तर पहुंची हैं। श्र्रुति मोदी का नाम सीबीआई ने भी अपनी एफआईआर में शामिल किया है। रिया से इससे पहले शुक्रवार को पूछताछ हुई थी। जबकि रिया के भाई शौविक सोमवार को तीसरी बार ईडी के सामने पेश हुए हैं। रविवार को शौविक से ईडी ने 18 घंटे सवाल-जवाब किए हैं। शौविक सुशांत संग कंपनियों में हिस्सेदार थे। रिया के पिता इंद्रजीत से मामले में पहली बार पूछताछ हो रही है। आरोप हैं कि पिछली पूछताछ में रिया ने ईडी के कुछ सवालों का जवाब नहीं दिया था।
विकास दुबे और उसके साथियों के लाइसेंस की फाइलें सरकार ने मांगी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। शासन ने विकास दुबे व उसके करीबियों को जारी किए गए 29 असलहा लाइसेंस की फाइलें तलब की हैं। सभी की फोटोकॉपी आज भेजी जाएगी। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे, भाई दीपक दुबे, प्रधान बहू अंजलि दुबे, कोटेदार दयाशंकर, फंड मैनेजर जय बाजपेई समेत करीबियों को 29 असलहा लाइसेंस जारी हुए हैं। विकास का लाइसेंस 2004 में निरस्त हो चुका है। बहू अंजलि का लाइसेंस निरस्त होने के बाद फिर बहाल कर दिया गया था। जय बाजपेई निरस्त लाइसेंस रखकर चल रहा था, इसकी सुनवाई डीएम कोर्ट में चल रही है। शासन ने असलहा लाइसेंस स्वीकृति समेत इनसे जुड़ी अन्य फाइलों की फोटोकॉपी मंगा ली है।