कांग्रेस के मास्टरस्ट्रोक से भाजपा खेमे में मची खलबली!

4PM न्यूज़ नेटवर्क: लोकसभा चुनाव के दो चरण पूरे होने के बाद अब तीसरे चरण की तैयारियों में सभी राजनीतिक दल जुटे हुए हैं। लगातार प्रचार-प्रसार किया जा रहा है वोटरों को साधने के लिए सभी दलों के नेता लगातार लोगों के बीच पहुंच कर अपनी योजनाओं को गिना रहे हैं। ऐसे में अब राजनेता तीसरे चरण की तैयारी में जुट गए हैं। लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर बड़ी जीत दर्ज करने के लिए राजनेता लगातार प्रयास भी कर रहे हैं। भले ही इस बार के चुनाव में भाजपा 400 पार के दावे कर कर रही हो लेकिन जमीनी समीकरण बिगड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। लोकसभा चुनाव में यूपी अहम रोल निभाती है ऐसा हम इस लिए कह रहे हैं क्योंकि प्रदेश में सबसे ज्यादा 80 सीटें हैं और इन सीटों पर सभी प्रत्यासी जमकर प्रचार कर रहे हैं अब यही 80 सीटें यह तय करेंगी की देश में किसकी सरकार बनेगी।

अब अभी प्रदेश में भले ही भाजपा की सरकार हो लेकिन जब से प्रदेश की सियासत में कांग्रेस नेता राहुल गांधी एंट्री हुई है तब से भाजपा के खेमे में खलबली मची हुई है दरअसल यूपी दो सीटें चर्चा में बनी हुई थी एक अमेठी दूसरी रायबरेली। अब इन दोनों सीटों पर उम्मीदवारों के ऐलान के बाद एक तरफ जहां कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल बना हुआ है वहीं दूसरी तरफ भाजपा खेमे में खलबली मच गई है। बता दें कि पिछले दिनों की अटकलों को विराम देते हुए आखिरकार कांग्रेस रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है. दोनों ही सीट को लेकर जब नाम का ऐलान हुआ तो इसने कई लोगों को हैरान कर दिया. इसमें सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम रायबरेली सीट पर रहा. यहां से पार्टी ने राहुल गांधी को उतारा है, जबकि उनके अमेठी सीट से लड़ने की पूरी संभावना थी. पार्टी ने सोनिया गांधी के चुनाव न लड़ने के बाद खाली हुई रायबरेली सीट पर राहुल गांधी को क्यों उतारा है. यही नहीं कुछ लोग ये भी जानना चाह रहे हैं कि आखिर राहुल गांधी ने अपनी पुरानी सीट जहां से वह तीन बार सांसद रहे, वहां से इस बार लड़ना क्यों ठीक नहीं समझा.

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट से अपना नामांकन किया. राहुल गांधी के नामांकन के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, अशोक गहलोत और राबर्ट वाड्रा समेत कई नेता मौजूद रहे. वहीं रायबरेली से नामांकन भरने के बाद राहुल गांधी ने पूजा-अर्चना कर प्रचार अभियान की शुरुआत की. जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी नामांकन से पहले पार्टी कार्यालय पर पहुंचे तो इस दौरान जबरदस्त भीड़ उमड़ी. राहुल गांधी को कार्यालय से अपनी गाड़ी तक आने के लिए मशक्कत करनी पड़ी, वहीं कांग्रेस कार्यालय के बाहर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा और उन्होंने राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लगाए. इस दौरान सपा कार्यकर्ता भी मौजूद रहे थे. रायबरेली सीट को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है और इस सीट पर नामांकन की आखिरी तारीख के दिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी का नाम कांग्रेस ने उम्मीदवार के रूप में घोषित किया. वहीं अंतिम दिन राहुल गांधी ने रायबरेली पहुंचकर नामांकन दाखिल कराया और नामांकन के बाद कांग्रेस चुनाव कार्यालय में उन्होंने पूजा अर्चना की. बता दें कि रायबरेली सीट पर पांचवे चरण में 20 मई को मतदान होगा और इस सीट पर बीजेपी ने दिनेश प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाया है।

अब भले ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हों लेकिन एक सवाल यह बनकर सामने आ रहा है कि आखिर अब प्रियंका गांधी कहां से चुनाव लड़ेंगी जब की पहले से यह अटकलें लगाई जा रही थी कि वो रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी और राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे। मगर कांग्रेस के इस फैसले ने सभी को चौंका दिया। प्रियंका गांधी को लेकर अब ऐसा माना जा रहा है कि वो अब उपचुनाव लड़ कर राजसभा में पहुंचेगी। माना जा रहा था कि इस लोकसभा चुनाव से प्रियंका गांधी अपनी चुनावी पारी शुरू कर सकती हैं, लेकिन उन्होंने फिलहाल चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. प्रियंका देश भर में कांग्रेस के प्रचार अभियान में केंद्रीय भूमिका निभा रही हैं. राहुल गांधी के साथ उनके भी चुनाव लड़ने से कांग्रेस के दोनों स्टार प्रचारक अमेठी, रायबरेली में उलझ जाते, इसीलिए रणनीति ये बनी कि केएल शर्मा की मदद के लिए प्रियंका अमेठी में जमी रहेंगी और साथ ही देश भर में प्रचार भी करेंगी। भले ही पहले से अटकलों का बाजार गर्म रहा हो लेकिन फिर अंत में तय हुआ कि केवल राहुल गांधी रायबरेली से लड़ेंगे. वहीं, राहुल अगर केरल के वायनाड और रायबरेली दोनों से जीते जाते हैं, तो जो सीट वो छोड़ेंगे वहां से प्रियंका गांधी लड़ सकती हैं. आपको बता दें कि केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर लोकसभा चुनाव के दूसरे फेज में ही वोटिंग हो चुकी और कांग्रेस का दावा है कि कांग्रेस यहां से चुनाव जीत रही है। ऐसे में अगर दोनों सीटें राहुल गांधी जीतते हैं तो किसी एक जगह से प्रियंका गांधी उपचुनाव जीत सकती हैं।

वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। बता दें कि राहुल के रायबरेली सीट से खड़े होने पर कांग्रेस महासचिव जयरान रमेश ने कहा कि उन्हें वहां से खड़ा करना केवल विरासत नहीं, जिम्मेदारी भी है। जयराम रमेश ने कहा कि यह चुनाव की लंबी प्रक्रिया है और शतरंज की कुछ चालें बाकी हैं और हमने बहुत विचार-विमर्श करने के बाद एक रणनीति के तहत राहुल गांधी को रायबरेली से मैदान में उतारने का निर्णय लिया है।जयराम रमेश ने चुनाव मैदान में नहीं उतरने के पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाद्रा के फैसले को उचित बताते हुए कहा कि वह कोई भी उपचुनाव लड़कर संसद में पहुंच सकती हैं लेकिन वह इस समय धुआंधार प्रचार कर रही हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हर झूठ का जवाब सच से देकर उनकी अकेले ही बोलती बंद कर रही हैं। रमेश ने कहा, ‘राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने की खबर पर कई लोगों की अलग-अलग राय हैं लेकिन वह राजनीति और शतरंज के मंजे हुए खिलाड़ी हैं तथा सोच समझ कर दांव चलते हैं। पार्टी के नेतृत्व ने यह निर्णय बहुत विचार-विमर्श करके बड़ी रणनीति के तहत लिया है।’

वहीं इस मौके को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी बड़ा बयान देते हुए कहा कि केएल शर्मा को लेकर कहा कि वो अमेठी की गली-गली जानते हैं और ऐसे में वह सही उम्मीदवार है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा, ”किशोरी लाल शर्मा से हमारे परिवार का वर्षों का नाता है. अमेठी, रायबरेली के लोगों की सेवा में वे हमेशा मन-प्राण से लगे रहे. उनका जनसेवा का जज्बा अपने आप में एक मिसाल है. उन्होंने आगे कहा, ”आज खुशी की बात है कि श्री किशोरी लाल को कांग्रेस पार्टी ने अमेठी से उम्मीदवार बनाया है. किशोरी लाल की निष्ठा और कर्तव्य के प्रति उनका समर्पण अवश्य ही उन्हें इस चुनाव ने सफलता दिलाएगा. साथ ही किशोरी लाल शर्मा ने कहा, “मैं कांग्रेस का आभारी हूं जिसने इतने छोटे कार्यकर्ता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी के काबिल समझा. मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का तहे दिल से आभारी रहूंगा.” ऐसे में अब जिस तरह से कांग्रेस ने यह मास्टरप्लान लोगों के सामने रखा है इससे एक तरफ जनता के बीच ख़ुशी का माहौल है वहीं भाजपा के खेमे में खलबली मची हुई है। अब देखना ये होगा कि इस बार के चुनाव में किसे कितना फायदा मिलता है, लेकिन कांग्रेस का इस तरह से यूपी की राजनीति में आना भाजपा के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है।

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