पीजीआई में बदमाशों व एसएचओ में मुठभेड़ 12 साल से फरार अपराधी समेत दो गिरफ्तार
बदमाशों के पास से एक पिस्टल और तीन जिंदा कारतूस बरामद
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। पीजीआई थाना क्षेत्र में पुलिस ने हत्या, लूट व डकैती में फरार चल रहे डाकू सूरज सिंह व उसके साथी राजबहादुर सिंह को आज तडक़े मुठभेड़ में मार गिराया है। एसएचओ केके मिश्रा ने बताया कि मुठभेड़ में सूरज सिंह के पैर में गोली लगी है। वहीं बदमाशों के पास से एक पिस्टल, तीन जिंदा कारतूस भी बरामद किए है।
एसएचओ के अनुसार गुरुवार तडक़े पीजीआई में पुलिस की चेकिंग चल रही थी। सुबह चार बजे सेक्टर 15 के पास एक इनोवा को पुलिस ने अंडरपास के पास रोका। बदमाशों ने कार भगाना शुरू कर दिया और फायरिंग कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की, जिसमें पुलिस की गोली बदमाश सूरज सिंह के बाएं पैर में लगी और वो घायल हो गया। मुठभेड़ में बस्ती निवासी 12 साल से फरार डाकू सूरज सिंह पकड़ा गया। ये हत्या, लूट व डकैती में वाछिंत चल रहा था। सूरज सिंह के साथ उसका साथी राजबहादुर सिंह भी गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के मुताबिक सूरज सिंह नाम बदल बदलकर अलग-अलग शहरों में रह रहा था। वर्तमान में राजाजीपुरम में राज सिंह के नाम से रह रहा था आरोपित सूरज सिंह। मुठभेड़ में सूरज सिंह का साथी राजबहादुर सिंह भी पकड़ा गया है। मौके से इनोवा समेत दो असलहे और तीन कारतूस भी बरामद हुए हैं। बदमाशों के पास से एक पिस्टल दो तमंचे चार जिंदा कारतूस और दो खोके बरामद हुए हैं। साथ ही एक इनोवा यूपी83 के7653 भी कब्जे में ली गई है, जिससे ये दोनों उतरेटिया स्टेशन की तरफ जा रहे थे।
मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति को लेकर नूतन ठाकुर ने दायर की याचिका
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। एक्टिविस्ट डॉॅ. नूतन ठाकुर ने आज उत्तर प्रदेश सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त का पद खाली होने के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की है। नूतन ने अपनी याचिका में कहा है कि मुख्य सूचना आयुक्त का पद 16 फरवरी 2020 को जावेद उस्मानी के सेवानिवृत होने के बाद से खाली है।
उन्होंने कहा कि इस कारण सभी वादकारी बहुत परेशान हैं। सरकार को तत्काल नियुक्ति कर देनी चाहिए, जिससे लोग परेशान न हो। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीमकोर्ट द्वारा अंजलि भारद्वाज केस में दिए गए निर्देशों का भी पालन नहीं कर रहा है और न ही अभ्यथियों के नाम विभाग की वेबसाइट पर डाले गए हैं। इसके अलावा प्रक्रिया को भी पारदर्शी नहीं बनाया गया है। उन्होंने पूर्व में इस संबंध में याचिका दायर की थी, जिसमें हाईकोर्ट ने शीघ्र खाली पदों को भरने का निर्देश दिया, किन्तु उसका भी पालन नहीं किया गया।
फूलन देवी और मलखान का तरीका अपना विकास दुबे ने एमपी के उज्जैन में किया सरेंडर
- अपराधियों के सरेंडर का गढ़ बना मध्यप्रदेश
- कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला विकास दुबे पुलिस गिरफ्त में
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। मध्यप्रदेश अपराधियों के सरेंडर का गढ़ बन चुका है। कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या कर फरार चल रहे गैंगस्टर विकास दुबे ने आज उज्जैन के महाकाल मंदिर में नाटकीय ढंग से सरेंडर कर एक बार फिर यादें ताजा कर दी है। आज से कई साल पहले मलखान सिंह और फूलन देवी जैसे वांटेड अपराधियों ने भी इसी तरह नाटकीय ढंग से सरेंडर किया था। 5 लाख के इनामी गैंगस्टर दुबे ने भी यही तरीका अपनाया। इससे लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है कि पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी की या उसने खुद सरेंडर किया।
14 फरवरी 1981 को कानपुर के पासबेहमई कांड हुआ था। तब फूलन देवी और उसके 35 साथियों ने 20 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। फूलन देवी ने 13 फरवरी 1983 को भिंड में सरेंडर किया था। वर्ष 1996 में फूलन राजनीति से जुड़ गईं थी। वर्ष 1982 में मलखान सिंह ने अपने गिरोह के अन्य साथियों के साथ मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सामने आत्मसर्मपण किया था। मलखान सिंह ने गांव के सरपंच पर आरोप लगाया था कि उसने मंदिर की जमीन हड़प ली। युवा मलखान ने जब इस घटना का विरोध किया तो सरपंच ने उसे गिरफ्तार करवा दिया और उसके मित्र की हत्या करवा दी। इससे गुस्साया मलखान हत्यारा बन गया। डाकू बन कई हत्याएं कर डाली।
वर्ष 2014 के चुनावों में मलखान ने नरेंद्र मोदी के पक्ष में यह कहते हुए चुनाव प्रचार किया था कि वह कांग्रेस के राज में डकैत बनने के लिए बाध्य हुआ था। वहीं वर्ष 2016 में नोटबंदी के दौरान मलखान सिंह एक सामान्य व्यक्ति की तरह कंधे पर बंदूक टांगे ग्वालियर में बैंक की लाइन में भी खड़ा देखा गया था।
एचवीई डिवाइस के जरिए होगा दांतों का इलाज, संक्रमण का खतरा नहीं
केजीएमयू के डॉक्टर ने बनाई खास डिवाइस
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कोरोना काल में दांतों का इलाज बंद था। वजह इलाज के दौरान मुंह खुलने से वायरस स्प्रेड होना यानी संक्रमण का खतरा। प्रोसिजर के समय मरीज के मुंह से उडऩे वाले एयरो सोल (हवा के साथ निकली सूक्ष्म बूंदें) से डॉक्टरों को भय था कि कोरोना उन्हें इस गंभीर बीमारी से जकड़ न ले। इसी वजह से दंत विभाग ने इलाज पर कुछ दिनों के लिए रोक लगा दी थी। मगर अब केजीएमयू ने आईओ-एचवीई डेंटल डिवाइस बनाई है, जिससे दांत के रोगियों से डॉक्टरों को संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा।
केजीएमयू के प्रोस्थोडांटिक्स विभाग के डॉ. लक्ष्य कुमार ने बताया कि कोविड-19 के कारण डेंटल डॉक्टर मरीजों को ट्रीटमेंट नहीं दे पा रहे थे। वहीं अब आइओ-एचवीई मशीन से मरीजों को इलाज मिलेगा। पहले इसकी कीमत 5 से 7 हजार थी लेकिन डिमांड बढऩे से अब इसकी कीमत 15 से 20 हजार हो गई है। चीनी मशीनों की काट के लिए देसी इंट्रा ओरल हाई वैक्यूम इवैक्यूएटर (आईओ-एचवीई) डिवाइस तैयार की गई है। डिवाइस के पेटेंट का टंपरेरी नंबर मिल गया है। जालंधर की कंपनी डिवाइस बना रही है। इस डिवाइस को एडजेस्टिंग डेंटल चेयर में लगाया जाएगा। इलाज के दौरान मरीज को बार-बार मुंह खोलना नहीं पड़ेगा। डिवाइस लगाने पर मरीज का मुंह खुद ही खुला रहेगा। इससे डॉक्टर ठीक से मुंह के अंदर प्रोसीजर कर सकेगा। बताया जा रहा डॉक्टर इस डिवाइस के लिए मरीजों से 200 रुपए वसूलेंगे।