सिद्धू मूसेवाला के गाने की तरह I.N.D.I.A की आएगी 295 सीटें: राहुल गांधी

लोकसभा चुनाव 2024 मतदान खत्म हो चुके हैं। अब चुनाव के नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे। वहीं इससे पहले तमाम एग्जिट पोल ने 400 सीट मिलने की भविष्यवाणी करते हुए नजर आ रहे हैं।

4PM न्यूज़ नेटवर्क: लोकसभा चुनाव 2024 मतदान खत्म हो चुके हैं। अब चुनाव के नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे। वहीं इससे पहले तमाम एग्जिट पोल ने 400 सीट मिलने की भविष्यवाणी करते हुए नजर आ रहे हैं। तो वहीं कहीं एग्जिट पोल में I.N.D.I.A गठबंधन को हार मिलते दिखाया गया। विपक्षी गठबंधन के तमाम नेता इन आंकड़ों को झूठा साबित करने में लगे हुए हैं। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “काल्पनिक सर्वेक्षण” करार दिया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी एग्जिट पोल को झूठा बताया।

इस बात पर जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछा गया कि I.N.D.I.A गठबंधन कितनी सीटें जीतेगा? राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि क्या आपने पंजाबी गायक दिवंगत सिद्धू मूसेवाला का गाना 295 सुना है? राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि इंडिया अलायंस 543 लोकसभा सीटों में से 295 सीटें जीतेगा।

इसके अलावा राहुल गांधी ने कहा कि इसका नाम एग्जिट पोल नहीं, इसका नाम मोदी मीडिया पोल है। यह मोदी जी का फैंटेसी पोल है। क्या आपने सिद्धू मूसे वाला का गाना 295 सुना है? हम (इंडी गठबंधन) 295 (सीटें) हासिल करेंगे। आपको बता दें कि राहुल गांधी का यह बयान पार्टी नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद आया है, जिसमें आगामी चुनावों की रणनीति पर चर्चा की गई। उन्होंने एग्जिट पोल्स को खारिज करते हुए कहा कि ये पोल्स सच्चाई से कोसों दूर हैं।

वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि ⁠इस एग्जिट पोल को आधार बनाकर भाजपाई सोमवार को खुलने वाले शेयर बाजार से जाते-जाते लाभ उठाना चाहते हैं। उन्होंने कहा-‘⁠अगर ये एग्जिट पोल झूठे न होते और सच में बीजेपी हार न रही होती तो बीजेपी वाले अपनों पर ही इल्जाम न लगाते। ⁠भाजपाइयों के मुरझाए चेहरे सारी सच्चाई बयान कर रहे हैं।

आपको बता दें कि अखिलेश यादव ने सोशल मिडिया के माध्यम से X पर लिखा कि एग्जिट पोल’का क्रम समझिए- आज का ये ‘भाजपाई एग्जिट पोल’ कई महीने पहले ही तैयार कर लिया गया था। इसे चैनलों ने बस आज चलाया है। अगर ये ‘एग्जिट पोल’ झूठे न होते और सच में भाजपा हार न रही होती तो भाजपा नेता अपनों पर ही इल्जाम न लगाते। भाजपा से मिले हुए भ्रष्ट अधिकारी भी उच्चतम न्यायालय की सक्रियता देखकर धांधली करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। इसके साथ ही वह जनता के क्रोध का भी शिकार नहीं होना चाहते। फिलहाल किसका नैया होगी पार ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।

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