कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े किसान, कैबिनेट में मंथन
आंदोलन जारी, कुछ मांगों को मान सकती है सरकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। किसान संगठनों के नेता तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हो रही है। माना जा रहा है कि इस बैठक में उन प्रस्तावों पर मुहर लगेगी जो किसानों को भेजा जाना हैं। सरकार किसानों को आज एक लिखित प्रस्तावना दे सकती है, जिसमें संसोधन की बात होगी। भारत बंद के बाद आज किसान नेताओं और सरकार के बीच वार्ता होने वाली थी, जिसे फिलहाल टाल दिया गया है। वहीं कैबिनेट बैठक में किसानों को भेजे जाने वाले प्रस्ताव पर मंथन जारी है। सूत्रों के मुताबिक सरकार किसानों को भेजे जाने वाले प्रस्ताव में एमएसपी पर लिखित आश्वासन दे सकती है। वहीं विवाद के निपटारे के लिए भी एसडीएम के अलावा कोर्ट जाने की इजाजत भी लिखित में दे सकती है। किसान चाहते हैं कि जिन व्यापारियों को प्राइवेट मंडियों में व्यापार करने की इजाजत मिले उनका रजिस्ट्रेशन होना चाहिए जबकि कानून में केवल पैन कार्ड होना अनिवार्य बनाया गया है। सरकार किसानों की यह मांग भी मान सकती है। इसके अलावा प्राइवेट मंडियों में भी कुछ शुल्क लगाने पर विचार हो सकता है। सरकार पराली जलाने को लेकर हाल ही में लाए गए अध्यादेश में कुछ बदलाव कर सकती है। वहीं राजधानी दिल्ली में हजारों की संख्या में हरियाणा-पंजाब और देश के अन्य राज्यों से आए किसान आज 14वें दिन भी जमे हुए हैं। सरकार और किसानों के बीच अब तक कुल छह दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन इन बैठकों में दोनों पक्षों के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। सरकार की तरफ से लगातार आंदोलन को खत्म करने कोशिश की जा रही है लेकिन किसान संगठन अपनी जिद पर अड़े हुए है कि सरकार इन तीनों ही कानूनों को वापस ले। कल 13 किसान नेताओं की गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात भी बेनतीजा रही।
प्रस्ताव के बाद आगे की रणनीति बनाएंगे किसान
सरकार की ओर से लिखित प्रस्ताव मिलने के बाद दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं की बैठक होगी। किसान नेता हनन मुल्ला ने कहा है कि कृषि कानूनों को निरस्त करना होगा और बीच का कोई रास्ता नहीं है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। इसके बाद अगली रणनीति बनेगी।
भाजपा सरकार बुजुर्ग किसानों को बार-बार, अलग-अलग जगह पर बुलाकर बिना किसी नतीजे के अपमानित-सा कर रही है। देश की जनता आक्रोशित होकर सब देख रही है। भाजपा कुछ पूंजीपतियों के स्वार्थ को पूरा करने के लिए बिचौलिया बनना बंद करे। भाजपाई अहंकार की सत्ता नहीं चलेगी!
अखिलेश यादव, सपा प्रमुख
कोरोना मरीजों के घर के बाहर न लगाएं पोस्टर: सुप्रीम कोर्ट
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के दिशा-निर्देशों पर गौर करते हुए आज आदेश दिया कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के घर के बाहर पोस्टर और ‘साइनेजÓ यानी चेतावनी संकेतक नहीं लगाने चाहिए। शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर योग्य प्राधिकारी आपदा प्रबंधन कानून के तहत विशेष निर्देश जारी करते हैं तो इस प्रकार के पोस्टर विशेष मामलों में ही लगाए जा सकते हैं। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अगुवाई वाली पीठ ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के घरों के बाहर पोस्टर नहीं चिपकाने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान यह कहा। न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह भी पीठ में शामिल थे। पीठ ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि केंद्र ने इस बारे में पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं, इसलिए राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को इस प्रकार के पोस्टर नहीं लगाने चाहिए। केंद्र ने पहले शीर्ष अदालत से कहा था कि दिशा-निर्देशों में कोरोना मरीजों के घर के बाहर पोस्टर लगाने संबंधी कोई निर्देश नहीं दिया गया है।
किसानों की आय दोगुनी करना सरकार का लक्ष्य
सीएम योगी ने नवनियुक्त नलकूप ऑपरेटरों को बांटे नियुक्तिपत्र, कहा
प्रदेश में पहली बार महिलाओं का भी किया गया चयन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। मिशन रोजगार के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास से वर्चुअल कार्यक्रम के जरिए प्रदेश के 3,209 नवनियुक्त नलकूप ऑपरेटरों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। प्रदेश में पहली बार नलकूप ऑपरेटरों में महिलाओं का भी चयन किया गया है। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि सरकार ने पहले ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति की व्यवस्था सुदृढ़ की और फिर इस किल्लत को दूर किया गया कि नलकूप हैं लेकिन बिजली नहीं है। इसके बाद नलकूप ऑपरेटरों की नियुक्तिकी गई। अब प्रदेश में इनकी संख्या 12 हजार होने जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुनी करना है। खेती-किसानी देश का आधार है। हमारा अन्नदाता किसान है और किसानों के लिए छह वर्षों में अनेक कार्यक्रम चलाए गए ताकि उनकी आय दोगुनी की जा सके। नलकूप ऑपरेटरों के चयन की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की गई है। जिन्होंने मेहनत की उसका सुफल आज चयनितों को मिल रहा है। अब आप सभी का दायित्व है कि पूरी ऊर्जा और लगन के साथ सभी किसानों के खेतों तक जल की उपलब्धता सुनिश्चित करें। हमें एक-एक बूंद जल की कीमत को समझना होगा। इसके उचित संरक्षण को नियोजित करना होगा।