तो लखीमपुर कांड पर केंद्रीय मंत्री के साथ खड़ी है सरकार!

सुप्रीम कोर्ट की फटकार का भी नहीं पड़ रहा असर

घटना की नहीं हो रही ठीक से जांच

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लखीमपुर कांड को लेकर भाजपा की देशभर में फजीहत हुई लेकिन सरकार के रवैए से साफ है कि वह अपने केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के साथ खड़ी है, भले ही लखीमपुर हिंसा में टेनी का बेटा मुख्य आरोपी है और फिलहाल जेल में बंद है। आज फिर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगायी और कहा कि दस दिन बाद पेश की गई रिपोर्ट में कोई नई बात नहीं है लेकिन कोर्ट की फटकार का सरकार पर असर पड़ता नहीं दिख रहा है। इस मुद्दे पर कई सवाल उठे अधिवक्ता प्रियंका कक्कड़, वरिष्ठï पत्रकार शीतल पी सिंह, दीपक शर्मा, उमाकांत लखेड़ा, ममता त्रिपाठी और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा के बीच चली लंबी परिचर्चा में।
ममता त्रिपाठी ने कहा, भाजपा सरकार की कार्यशैली सबके सामने हैं। सुप्रीम की सख्त टिप्पणी के बाद भी सरकार लापरवाही कर रही है। चुनाव के पहले एक मंत्री पुत्र को बचाने के लिए ऐसा करना सरकार के लिए ठीक नहीं है। उमाकांत लखेड़ा ने कहा, भाजपा के पास सारे तीर खत्म हो चुके हैं। आम आदमी के मुद्दे अपनी जगह हैं। पद की मान-मर्यादा का ध्यान रखे बिना भाजपा के नेता और मंत्री बयान दे रहे हैं। धु्रवीकरण करने की कोशिश की जा रही है। आपकी सरकार ने क्या किया यह बताइए। लखीमपुर कांड पर सुप्रीम कोर्ट अंकुश का काम कर रही है। प्रियंका कक्कड़ ने कहा, सुप्रीम कोर्ट की सख्ती का असर पड़ा है। अब सरकार को सही जांच करनी ही होगी। शीतल पी सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इनकी जुडीशियल जांच को भी नकली मान रहा है इसलिए वह पूर्व हाईकोर्ट के जज से निगरानी कराने की बात कर रहा है। इससे बड़ी सख्ती और क्या होगी। खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने ऊपर मुकदमे वापस ले लिए हैं। अब वे फिर वहीं काम कर रहे हैं। सांप्रदायिक विभाजन फैलाने की कोशिश की जा रही है। दीपक शर्मा ने कहा, लखीमपुर हिंसा पुलिस के सामने हुई। इसे रोका जा सकता था अगर अधिकारियों ने खुफिया रिपोर्ट का संज्ञान लिया होता। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि भाजपा में खेमेबाजी है।

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