शंभू बॉर्डर की बैठक में हुआ बड़ा फैसला, किसान नेता ने बताई आगे की रणनीति
शंभू बॉर्डर पर किसानों संगठनों की हुई बैठक के बाद कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर फैसला लिया गया है। इस बैठक में दिल्ली मार्च के लिए एक सप्ताह और इंतजार किया जाएगा...
4PM न्यूज़ नेटवर्क: शंभू बॉर्डर पर किसानों संगठनों की हुई बैठक के बाद कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर फैसला लिया गया है। इस बैठक में दिल्ली मार्च के लिए एक सप्ताह और इंतजार किया जाएगा। इस बीच किसानों द्वारा 17 और 18 जुलाई को अंबाला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन पर चर्चा की गई है। इसके साथ ही किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमने सीमा बंद नहीं किया बल्कि हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार ने किया है। हम जब तक मोर्चे की मांग पूरी नहीं करवा लेते तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। इसके अलावा पंढेर ने कहा कि 22 जुलाई को नई दिल्ली में सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं। किसान नेता ने वीडियो जारी कर आगे की रणनीति के बारे में जानकारी दी है।
दिल्ली मार्च के लिए एक सप्ताह का और करेंगे इंतजार
किसान नेता ने कहा कि हमें यहां आए हुए 5 महीने और दो दिन हो गए हैं, अब कोर्ट ने भी मान लिया है कि बॉर्डर को हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार ने बंद कर दिया है। हरियाणा सरकार सिर्फ यह कहकर बरी नहीं हो सकती कि यह कानून-व्यवस्था का मामला है। हम जहां बैठे हैं वहां कानून-व्यवस्था का मसला नहीं है। यहां बहुत ही शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन चल रहा है। दरअसल, शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर पर लगाए गए अवरोधक को हटाने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही हाइवे को ब्लॉक करने के हरियाणा सरकार के अधिकार पर भी प्रश्न उठाया था। इस मामले में किसान नेता ने आगे कहा कि ये बात कहकर व्यापारियों का नुकसान कर रहे हैं। आम जनता का नुकसान कर रहे हैं। इसके लिए आपको जवाब देना होगा।
उन्होंने कहा- हम MSP (Minimum Support Price) कानून को लेकर 22 जुलाई को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में एक सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं और वरिष्ठ विपक्षी नेताओं से मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही 17-18 जुलाई को (एसपी अंबाला के कार्यालय के बाहर) विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। मैं किसानों से बड़ी संख्या में हमारे साथ आने की अपील करता हूं। सरवन सिंह पंढेर ने आगे कहा कि देश-दुनिया के लोगों से अपील है कि वह किसानों का समर्थन करेंगे। जब तक मोर्चे की मांग पूरी नहीं करवा लेते। धरना जारी रखेंगे।
महत्वपूर्ण बिंदु
- किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने पंजाब और हरियाणा हाई-कोर्ट के उस फैसले पर विचार विमर्श करना शुरू कर दिया है।
- जिसमें हरियाणा सरकार को शंभू बॉर्डर से बैरिकेड हटाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।