बांग्लादेश में कोटा सिस्टम को लेकर अभी तक 133 मौतें, शूट एट साइट ऑर्डर जारी, बिगड़ा माहौल 

बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा सिस्टम खत्म करने की मांग को लेकर छात्रों का हिंसक प्रदर्शन जारी है...

4PM न्यूज़ नेटवर्क: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा सिस्टम खत्म करने की मांग को लेकर छात्रों का हिंसक प्रदर्शन जारी है। इस दौरान बांग्लादेश में हालात इतने बेकाबू हो गए हैं कि प्रधानमंत्री शेख हसीना सरकार को सड़कों पर सेना उतारनी पड़ी है। वहीं कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच जमकर झड़प हुई हैं। सूत्रों के मुताबिक इन विरोध प्रदर्शनों में अभी तक 133 लोगों की मौत हो चुकी है और 3000 से ज्यादा घायल हो गए हैं। लाठी, ठंडे और पत्थर लेकर सड़कों पर घूम रहे प्रदर्शनकारी छात्र बसों और निजी वाहनों को आग के हवाले कर कर रहे हैं। इन सब के कारण देश में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।

विरोध प्रदर्शनों में 133 लोगों की हुई मौत

यह सब देखते हुए बांग्लादेश की शीर्ष अदालत रविवार (21 जुलाई) उस विवादास्पद कोटा सिस्टम पर अपना फैसला सुना सकती है। जिसने विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा देशव्यापी आंदोलन को जन्म दिया है। सुप्रीम कोर्ट इस बात पर फैसला सुनाने वाला है कि सिविल सर्विस जॉब कोटा को खत्म किया जाए या नहीं। उससे पहले पूरे देश में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। सरकार ने दंगाइयों को ‘देखते ही गोली मारने’ के आदेश दिए हैं। विश्वविद्यालय परिसरों से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन पूरे देश में फैल गया ​है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रदर्शनकारियों की तुलना उन लोगों से करके तनाव को और बढ़ा दिया है, जिन्होंने 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पाकिस्तान का सहयोग किया था।

ऐसे में बढ़ती अशांति को रोकने के लिए पूरे बांग्लादेश में सख्त कर्फ्यू लगा दिया गया है और सैनिक राजधानी ढाका समेत अन्य शहरों की सड़कों पर गश्त कर रहे हैं। लोगों को आवश्यक काम निपटाने की अनुमति देने के लिए शनिवार दोपहर को कुछ देर के लिए कर्फ्यू में राहत दी गई थी। जानकारी के मुताबिक पुलिस अधिकारियों को कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों पर गोली चलाने का अधिकार दिया गया है। हिंसक विरोध प्रदर्शनों के शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार को सभी सार्वजनिक और निजी शैक्षणिक संस्थानों को अनिश्चित काल के लिए बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

 

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