वाल्मिकी निगम घोटाले में मुख्यमंत्री को फंसाने के लिए दबाव बना रही ईडी, विरोध-प्रदर्शन कर बोले शिवकुमार

नई दिल्ली। कर्नाटक में इन दिनों महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति निगम में हुआ 187 करोड़ रुपये का कथित घोटाला सुर्खियों में बना हुआ है। सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय के दो अधिकारियों पर केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि दोनों अधिकारियों ने राज्य सरकार के एक अधिकारी पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और वित्त विभाग को फंसाने के लिए दबाव डाला था। अब इसी को लेकर डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार मंत्रियों और विधायकों के साथ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि सीबीआई हम लोगों को परेशान कर रही है।
उन्होंने कहा, आज समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक को सीएम का नाम बताने के लिए मजबूर करने के लिए मंत्रियों सहित सभी विधायक ईडी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मंत्री ने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच में सहयोग करने के लिए खुद इस्तीफा दे दिया था। एसआईटी पहले ही 50 प्रतिशत राशि वसूल चुकी है और कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। अब ईडी इसमें शामिल हो गया है और वह समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक को यह कहने के लिए मजबूर कर रहा है कि मुख्यमंत्री इसमें शामिल हैं।
गौरतलब है, इस बारे में समाज कल्याण विभाग के अपर निदेशक कल्लेश बी ने विल्सन गार्डन पुलिस स्टेशन में दोनों ईडी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। दोनों ही अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक धमकी और शांति भंग करने के इरादे को लेकर मामला दर्ज कराया गया है। कल्लेश ने जिन अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज कराए हैं, उनमें से एक का नाम मुरली कन्नन है, जबकि दूसरे अधिकारी का कुलनाम मित्तल है। कर्नाटक सरकार ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया है। इसके अलावा सीबीआई भी 187 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की जांच कर रही है।
आपको बता दें कि इस मामले की जांच प्रक्रिया में प्रवर्तन निदेशालय को भी शामिल किया है। प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व मंत्री बी नागेन्द्र और वाल्मीकि निगम के अध्यक्ष बसनगौड़ा दद्दाल से जुड़े ठिकानों पर भी छापा मारा। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने बी नागेन्द्र को भी गिरफ्तार किया, वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
कर्नाटक की महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति विकास निगम में लेखा विभाग के अधीक्षक चंद्रशेखर पी ने 26 मई को आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा था। इसके बाद निगम में बड़ा घोटाला सामने आया। नोट में निगम के खाते से 187 करोड़ रुपये अवैध तरीके से ट्रांसफर किए गए।
इसमें से 88.62 करोड़ रुपये आईटी कंपनी और हैदराबाद की एक सहकारी बैंक में अवैध रूप से भेजे गए। घोटाले का आरोप लगने के बाद अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री बी नागेंद्र ने छह जून को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद ईडी ने नागेंद्र से पूछताछ करने के बाद उन्हें 12 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया था।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button