दिल्ली कोचिंग हादसे पर अवध ओझा ने तोड़ी चुप्पी, सरकार से की ये बड़ी मांग

दिल्ली के राजेन्द्र नगर में RAU UPSC कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में डूबने के कारण तीन छात्रों की मौत हो गई थी...

4PM न्यूज़ नेटवर्क: दिल्ली के राजेन्द्र नगर में RAU UPSC कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में डूबने के कारण तीन छात्रों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद इस इलाके में रहने वाले UPSC की तैयारी करने वाले छात्र काफी गुस्से में नजर आ रहे हैं। पुलिस प्रशासन के साथ ही शिक्षक और कोचिंग संस्थान मालिकों के मौन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

दिल्ली कोचिंग हादसे पर अवध ओझा ने तोड़ी चुप्पी

वहीं इन सबके बीच यूपीएससी टीचर अवध ओझा ने ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में कोचिंग क्लास में हुई दुर्घटना के मामले में अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने वीडियो जारी किया है जिसके जरिए मृतक छात्रों को श्रद्धांजलि दी है और इसके साथ ही केंद्र सरकार से मांग की है कि ऐसी लापरवाही से निपटने के लिए वह कड़ा कानून लाए और जिसमें दोषी व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा देने का प्रावधान हो।

अवध ओझा ने कहा कि सर्वप्रथम उन सभी दिवंगत छात्रों को श्रद्धांजलि जिन्होंने राजेंद्र नगर की वर्षा जल दुर्घटना में जान गंवा दी। भगवान उनके परिवार को दुःख सहन करने की शक्ति दे। ओझा ने आगे कहा कि आप संबंधित प्राधिकरण को घेरकर बोलना होगा कि आगे से बेसमेंट में कोई आदमी ना मिले, अगली बार ऐसा होता तो सरकार ऐसा लॉ पास करे, यदि किसी भी संस्थान और इंस्टिट्यूट जहां ओनर की लापरवाही से ऐसा हुआ है, वहां उस संस्था की संपत्ति सील की जाए और ओनर को आजीवन कारावास की सजा दी जाए। वर्ना यह चलता रहेगा। कुछ नहीं होगा।

आपको बता दें कि अवध ओझा ने आगे कहा कि ”मैं बता रहा हूं कि इस तरह की कई घटनाएं हुई हैं। सरकार कानून बनाए कि अगर ऐसी जगहों पर बच्चों की मृत्यु होती है या सामाजिक स्थल पर मृत्यु होती है जिसकी लापरवाही से होती है उसकी संपत्ति सील हो, जिस अधिकारी के कार्य़काल में एनओसी दिया गया है उसकी संपत्ति सील हो और आजीवन कारवास की सजा दी जाए।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • राजेन्द्र नगर में हुई घटना के बाद सभी कोचिंग संस्थान पर जाँच चल रही है।
  • इस जांच में विकास दिव्यकीर्ति का संस्थान दृष्टि को भी नियमों का उल्लंघन करके बेसमेंट में चलते पाया गया था।
  • इसके बाद इसे सील कर दिया गया था,  छात्र हर मुद्दे पर बोलने वाले शिक्षकों से प्रश्न पूछने में जुटे हुए हैं।

 

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