बारिश आफत बनकर आई पूरे देश में सियासत भी गरमाई

  • नई संसद में टपकने लगा पानी, बरसात ने पूरे देश का हाल किया बेहाल
  • हिमाचल में पांच स्थानों पर बादल फटने से भारी तबाही 53 लापता, दो की मौत
  • केदारनाथ में बादल फटा आठ लोगों की जान ली
  • वायनाड भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 200 के पार
  • विपक्ष ने एनडीए सरकार को घेरा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। देश के मध्य, पश्चिमी और दक्षिणी समेत पूर्वोत्तर राज्यों में जमकर मानसून की बारिश हो रही है। भारी बारिश के दौरान बदरीनाथ हाईवे भूस्खलन के कारण बंद हो गया। भारी मानसूनी बारिश जहां आफत बनी हुई है। वहीं इस पर सियासत भी गरमाई है। जहां नई संसद परिसर में पानी टपकने को लेकर एनडीए सरकार पर कांग्रेस, आप व सपा ने हमला बोला है वहीं वायनाड पर गृहमंत्री के द्वारा संसद में यह कहना कि केरल सरकार को पहले ही चेतावनी दे दी गई थी के बयान को वंहा के सीएम विजयन ने नकार दिया है। इसबीच भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने राहुल गंाधी पर वार किया है। उधर सांसद शशी थरूर ने वायनाड हादसे को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। वहीं वायनाड भूस्खलन त्रासदी में मरने वालों की संख्या 273 तक पहुंच गई है, जबकि लगभग 200 लोग अभी भी लापता हैं। केरल की अब तक की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा के तीसरे दिन 1,200 से अधिक बचाव अधिकारियों ने सुबह अपना अभियान शुरू किया। उत्तराखंड के नंदप्रयाग के पर्थाडीप और बाजपुर में करीब 10 घंटे तक वाहनों की आवाजाही रुकी रही। देर शाम नोएडा, गाजियाबाद व अन्य इलाकों में झमाझम बारिश के बाद सड़कों पर पानी भर गया।

हिमाचल प्रदेश में सभी शिक्षण संस्थान बंद

हिमाचल प्रदेश में बारिश ने तबाही मचाई हुई है। आनी के निरमंड में दो जगह, कुल्लू के मलाणा, मंडी जिले के थलटूखोड़ व चंबा जिले में बादल फटे हैं। बादल फटने से भारी तबाही मची है। कई मकान, स्कूल और अस्पताल क्षतिग्रस्त हो गए हैं। चारों स्थानों पर करीब 53 लोग लापता हो गए हैं। दो शव बरामद हुए हैं। मंडी जिले में 35 लोग सुरक्षित बचाए गए हैं। बादल फटने की घटना के बाद मंडी के पधर के सभी स्कूल और शिक्षण संस्थान आज बंद कर दिए गए हैं। डीसी ने आदेश जारी किए हैं। कुल्लू में भी सभी शिक्षण संस्थान 2 अगस्त के लिए बंद कर दिए गए हैं।

हाई अलर्ट पर केदारघाटी यात्रा रोकी

केदरानाथ पैदल मार्ग पर बादल फटने से मची भारी तबाही के बाद यात्रा को रोक दिया गया है। केदारघाटी में हाईअलर्ट जारी किया गया है। वहीं बड़ी लिंचोली में रेस्क्यू अभियान जारी है। श्रद्धालुओं को आपातकालीन हेली पैड पर लाया जा रहा है। उनके साथियों की जानकारी ली जा रही है। नदी पार करवाने के लिए एनडीआरएफ, डीडीआरएफ जवान मदद कर रहे हैं। सीएम धामी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।

केरल पहुंचे राहुल और प्रियंका, रिलीफ कैंप जाकर पीडि़तों से की मुलाकात

आज सुबह ही वायनाड का दौरा करने के लिए राहुल और प्रियंका गांधी निकले। कन्नूर पहुंचने के बाद राहुल और प्रियंका गांधी ने रिलीफ कैंप जाकर पीडि़तों से मुलाकात की। वहीं केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने वायनाड में सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की। इससे पहले केरल के सीएम वायनाड के कलपेट्टा में सिविल स्टेशन पहुंचे। वह अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की । मुख्य सचिव वी वेणु और डीजीपी शेख दरवेश साहिब तिरुवनंतपुरम से हेलीकॉप्टर पर मुख्यमंत्री के साथ थे। केरल के मंत्री के राजन ने कहा, यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है, 1600 से अधिक बल बचाव कार्यों में लगे हुए हैं। अधिकारियों ने उन्हें सूचित किया कि लगातार बारिश और प्रतिकूल मौसम के कारण लैंडिंग असंभव होगी। नेताओं ने यथाशीघ्र जिले का दौरा करने की मंशा व्यक्त की।

राहुल गांधी 1800 दिनों से सांसद हैं, पर एक बार भी नहीं उठाया मुद्दा : तेजस्वी सूर्या

भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने तीखी आलोचना करते हुए वायनाड में हुए विनाशकारी भूस्खलन को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है। लोकसभा में बोलते हुए सूर्या ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वायनाड के सांसद के रूप में गांधी के 1,800 दिनों के कार्यकाल के दौरान, उन्होंने एक बार भी विधानसभा या संसद में भूस्खलन और बाढ़ के गंभीर मुद्दों को संबोधित नहीं किया था। भाजपा के युवा नेता ने आगे कहा कि 2020 में, केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने वायनाड में भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों से 4,000 परिवारों को स्थानांतरित करने की सलाह दी। उन्होंने दावा किया कि केरल के वन मंत्री ने विधानसभा में स्वीकार किया कि वे अवैध अतिक्रमण नहीं हटा पा रहे हैं क्योंकि उन पर विभिन्न धार्मिक संगठनों का दबाव था।

दिल्ली पुलिस को बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुप्रीम नोटिस

  • अगली सुनवाई अब 7 अगस्त को
  • स्वाति मालीवाल मारपीट पर कोर्ट सख्त

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) की सांसद स्वाति मालीवाल से कथित तौर पर मारपीट किए जाने के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार की जमानत अर्जी पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। बिभव कुमार की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है, इस मामले की अगली सुनवाई अब 7 अगस्त को होनी है।
जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जल भुइयां और दीपांकर दत्ता की पीठ ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर वह घटना के तुरंत बाद 112 पर कॉल कर रही है, तो यह क्या दर्शाता है? मुख्यमंत्री का कार्यालय निजी आवास है? हम सकते में हैं, बिभव कुमार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि एफआईआर तीन दिन बाद दर्ज कराई गई? सुप्रीम कोर्ट ने चार्जशीट के बारे में पूछा तो सिंघवी ने कहा कि जिसआदेश को हमने चुनौती दी है उसके बाद चार्जशीट दाखिल हुई है, सिंघवी ने हत्या के दो मामलों में आरोपी को जमानत मिलने का हवाला दिया तो जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमें उन मामलों का हवाला ना दें।

सुप्रीम फैसला: कोटे के अंदर कोटा वैध

  • शीर्ष अदालत ने एससी-एसटी आरक्षण के भीतर आरक्षण को दी मान्यता
  • सीजेआई की अगुवाई वाली 7 जजों की बेंच का फैसला

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। एसी-एसटी आरक्षण के भीतर अब कोटा मान्य होगा, ये फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया है। सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 7 जजों की बेंच ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए ये साफ कर दिया कि राज्यों के भीतर नौकरियों में आरक्षण देने के लिए कोटा के भीतर कोटा दिया जा सकता है। 2004 के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला बहुत ही अहम है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उपवर्गीकरण का आधार राज्य के सही आंकड़ों पर आधारित होना चाहिए। इस मामले में राज्य अपनी मर्जी से काम नहीं कर सकते। जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि जमीनी हकीकत से इनकार नहीं किया जा सकता, एससी/एसटी के भीतर ऐसी श्रेणियां हैं, जिन्हें सदियों से उत्पीडऩ का सामना करना पड़ रहा है।

अनुच्छेद 14 जाति के उप वर्गीकरण की अनुमति देता है

अदालत को यह जांचना चाहिए कि क्या वर्ग समरूप है और किसी उद्देश्य के लिए एकीकृत नहीं किए गए वर्ग को आगे वर्गीकृत किया जा सकता है। अदालत ने कहा, हालांकि आरक्षण के बावजूद निचले तबके के लोगों को अपना पेशा छोडऩे में कठिनाई होती है। जस्टिस बी आर गवई ने सामाजिक लोकतंत्र की आवश्यकता पर दिए गए बीआर अंबेडकर के भाषण का हवाला देते हुए कहा कि पिछड़े समुदायों को प्राथमिकता देना राज्य का कर्तव्य है, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के केवल कुछ लोग ही आरक्षण का लाभ उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जमीनी हकीकत से इनकार नहीं किया जा सकता कि एससी/एसटी के भीतर ऐसी श्रेणियां हैं जिन्हें सदियों से उत्पीडऩ का सामना करना पड़ रहा है. उप-वर्गीकरण का आधार यह है कि एक बड़े समूह में से एक ग्रुप को अधिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है.

2004 के फैसले को पलटा

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2004 के फैसले में कहा था कि राज्यों के पास आरक्षण देने के लिए एसी/एसटी की सब कैटेगरी करने का अधिकार नहीं है। अदालत के सामने अब मुद्दा एक बार फिर से कोटे के भीतर कोटे का था,अब अदालत ने साफ कर दिया है कि कोटा के भीतर कोटा दिया जा सकता है.।

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