तो सियासी पारी खेलने के लिए कंगना कर रहीं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान!
जानबूझकर विवादित बयान दिया कंगना ने, 4पीएम की परिचर्चा में उठे कई सवाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। पद्मश्री कंगना रनौत के बयान से बवाल हो गया है। कंगना के मुताबिक देश को असली आजादी 2014 में मिली जब नरेंद्र मोदी पीएम बने और 1947 में मिली आजादी भीख में मिली थी। उनके इस बयान की देशभर में आलोचना हो रही है। कंगना रनौत के इस बयान के मायने क्या हैं ? ऐसे कई सवाल उठे वरिष्ठï पत्रकार अशोक वानखेड़े, शीतल पी सिंह, अभिनेत्री पूनम झावर, अभिनेत्री गरिमा मौर्या और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा के बीच चली लंबी परिचर्चा में।
शीतल पी सिंह ने कहा, देश में हर प्रकार का विमर्श अब प्रहसन में बदल गया है। इसमें अभिनेत्री की गलती कम, एंकर और जिन लोगों ने इस बात पर ताली बजाई उनकी गलती ज्यादा है। कंगना की ढंग से शिक्षा-दीक्षा नहीं हुई है। उनका व्यक्तित्व विकसित नहीं हुआ। हमने बौने लोगों को प्रवक्ता मान लिया है। यह हमारे लिए शर्मनाक है। यह स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान है। गरिमा मौर्या ने कहा, उनका बयान गलत है। कंगना को कम से अपनी सभ्यता-संस्कृति और स्वतंत्रता संग्राम पर गलत बयान नहीं देना चाहिए। अशोक वानखेड़े ने कहा, कंगना रनौत को बड़ा किया गया है। राजनीति में इस हद तक गिर जाना बेहद शर्मनाक है। कंगना ने शायद सियासी पारी खेलने के लिए ऐसा बयान दे रही हैं। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को अपमानित करने का अधिकार कंगना को किसने दिया है।
पूनम झावर ने कहा, कंगना को पद्मश्री मिला है। उन्होंने झांसी की रानी फिल्म की वे देश की आजादी पर सवाल कैसे उठा सकती हैं। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान कैसे कर सकती है। आजादी संघर्ष से मिली है। यह बयान बेहद शर्मनाक है। वे शायद राजनीतिक में करियर बनाने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रही हैं।