शपथ के कुछ घंटे बाद जमाखान की अजमेर दरगाह में हाजिरी, चादर चढ़ाकर जिम्मेदारी निभाने के संकल्प का इजहार

शपथ के कुछ घंटे बाद मंत्री जमा खान अजमेर दरगाह पहुंचे और चादर चढ़ाकर दुआ मांगी. नीतीश कुमार का आभार जताते हुए कहा कि मिला भरोसा वह पूरी निष्ठा से निभाएंगे.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: शपथ के कुछ घंटे बाद मंत्री जमा खान अजमेर दरगाह पहुंचे और चादर चढ़ाकर दुआ मांगी. नीतीश कुमार का आभार जताते हुए कहा कि मिला भरोसा वह पूरी निष्ठा से निभाएंगे.

बिहार की नई नीतीश सरकार में दोबारा मंत्री बनाए गए जमा खान ने शपथ लेने के कुछ ही घंटे बाद अपना पहला कदम आध्यात्मिक यात्रा की ओर बढ़ाया. देर रात वे सीधे राजस्थान के अजमेर शहर पहुंचे, जहां ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह (अजमेर शरीफ) पर माथा टेककर उन्होंने शुकराने की चादर चढ़ाई. शांत और सादगी भरे अंदाज में पहुंचे मंत्री जमा खान ने दरगाह में चादर, अकीदत के फूल की टोकरी और दुआओं के साथ अपनी हाजिरी लगाई.

जमा खान ने दरगाह शरीफ में सजदा किया और हाथ उठाकर बिहार की जनता, अपनी राजनीतिक यात्रा और दोबारा मिली मंत्री पद की जिम्मेदारी के लिए शुक्रिया अदा किया. उन्होंने बताया कि उनकी सफलता और राजनीतिक जीवन में मिली हर उपलब्धि के पीछे ख्वाजा गरीब नवाज का करम है.

जमा खान ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दूसरी बार उन पर भरोसा जताया है, जिसे वह पूरी ईमानदारी और मेहनत से निभाएंगे. मंत्री ने यह भी कहा कि मंत्रिमंडल में उन्हें जो भी विभाग मिलेगा, वह पूरे जिम्मेदारी के साथ काम करेंगे और उम्मीदों पर खरे उतरने की कोशिश करेंगे.

जमा खान ने माना कि इस बार का चुनाव उनके लिए बेहद चुनौती पूर्ण था, लेकिन नीतीश कुमार की निष्पक्ष और
विकासवादी राजनीति ही उनकी जीत का बड़ा कारण बनी. उन्होंने साफ कहा कि सीएम नीतीश कुमार और एनडीए
को मिली ऐतिहासिक सफलता भी ख्वाजा साहब की दुआ का असर है.

मंत्री ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी कोशिश हमेशा यह रही है कि इलाके की जरूरतें पूरी हों और लोगों को सुविधाएं मिलें. चैनपुर विधानसभा की जनता ने जिस भरोसे के साथ उन्हें फिर से विधायक चुना, उसके लिए उन्होंने आभार जताया.

इस दौरान जमा खान ने यह भी बताया कि नीतीश कुमार ने इस चुनाव में चार मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था, लेकिन जीत केवल उन्हें मिली. उन्होंने कहा कि वह इस भरोसे को और मजबूत करने की दिशा में लगातार काम करेंगे.

अजमेर दरगाह पर उनकी यह भावनात्मक और आस्था से जुड़ी यात्रा दिखाती है कि सत्ता के शपथ ग्रहण के बाद उनके जीवन में आध्यात्मिकता का स्थान कितना अहम है. उनकी यह यात्रा राजनीति और आस्था दोनों की जिम्मेदारियों को साथ लेकर चलने का संदेश भी देती है.

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