आखिर योगी को झुकना ही पड़ा, करण और प्रतीक भूषण की मुलाकात के बाद हलचल तेज!
यूपी की राजनीति में जबरदस्त मोड़... योगी से मिले बृजभूषण के दोनों बेटे... हाल ही में बृज भूषण ने भी की थी मुलाकात.... राजनीतिक हलचल तेज...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है…….. बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात…….. और इसके तुरंत बाद उनके दोनों बेटों प्रतीक भूषण सिंह और करण भूषण सिंह की योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात ने सियासी गलियारों में सनसनी फैला दी है……. दोस्तों आज हम इस खबर में जानेंगे कि क्या यह मुलाकातें महज शिष्टाचार भेंट हैं या फिर 2027 के विधानसभा चुनावों की रणनीति का हिस्सा……… क्या योगी आदित्यनाथ को बृजभूषण जैसे प्रभावशाली नेता के सामने झुकना पड़ा है…….
दोस्तों हाल ही में बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह…… और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुलाकात हुई…….. यह मुलाकात करीब 55 मिनट तक चली…… जो पिछले 31 महीनों में दोनों नेताओं के बीच पहली सीधी बातचीत थी…… बृजभूषण ने इसे शिष्टाचार भेंट करार दिया……. और कहा कि इसमें कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई……. और उन्होंने दावा किया कि यह मुलाकात उनके……. और योगी के बीच 56 साल पुराने पारिवारिक रिश्तों को मजबूत करने का एक प्रयास था……. लेकिन क्या यह इतना सरल है……
आपको बता दें कि चार दिन में लगातार बृजभूषण और उनके दोनों बेटों की सीएम योगी से मुलाकात ने यूपी की राजनीति नें नई हलचल मचा दी है….. वहीं इन मुलाकातों के बाद यह कयास लगाये जा रहें है कि योगी और बृजभूषण के बीच जमी बर्फ अब पिघलने लगी है….. इससे पहले चर्चाएं थी की योगी और बृजभूषण के बीच अनबन है….. लेकिन अब इन सभी कयासों पर पूर्ण विराम लगता हुआ दिखाई दे रहा है…… जैसा की हाल ही में हुई मुलाकातों से ऐसा लगता है कि बृजभूषण और योगी के रिश्ते की खटास अब धीरे- धीरे मिठास में बदल रही है……
बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह कोई साधारण नेता नहीं हैं……. गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, और श्रावस्ती जैसे पूर्वांचल के जिलों में उनका गहरा प्रभाव है……… वह न केवल बीजेपी के लिए राजपूत वोट बैंक को साधने में माहिर हैं……… बल्कि राम मंदिर आंदोलन और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष के रूप में उनकी सक्रियता ने उन्हें एक मजबूत सियासी चेहरा बनाया है……. और उनके दोनों बेटे प्रतीक भूषण गोंडा सदर से बीजेपी विधायक…… और करण भूषण कैसरगंज से बीजेपी सांसद है….. और यूपी की सियासत में सक्रिय हैं……. जिससे बृजभूषण का प्रभाव और बढ़ जाता है……..
वहीं पिछले कुछ वर्षों में बृजभूषण और योगी के बीच तनाव की खबरें सुर्खियों में रही हैं……… 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से दोनों को एक साथ किसी सार्वजनिक मंच पर नहीं देखा गया…….. 2022 में एक कार्यक्रम में बृजभूषण को न बुलाए जाने से उनकी नाराजगी खुलकर सामने आई थी…….. इसके बाद उन्होंने कई बार योगी सरकार की नीतियों, जैसे बुलडोजर नीति और अफसरशाही……. की खुलकर आलोचना की……. और उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की तारीफ करते हुए…… उन्हें श्रीकृष्ण का वंशज तक कह दिया…….. जिससे बीजेपी में हलचल बढ़ गई थी…….
वहीं अब सियासी गलियारों में चर्चा है कि बृजभूषण की यह मुलाकात बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर हुई……… ताकि 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी में एक होने का संदेश जाए……. आपको बता दें कि बृजभूषण ने खुद कहा कि मैंने तय किया था कि जब तक सीएम मुझे नहीं बुलाएंगे……. मैं नहीं मिलूंगा…….. जिससे साफ पता चलता है कि योगी आदित्यानाथ अब बृजभूशषण के सामने झुक गए हैं…… और खुद बृजभूषण को बुलाकर मुलाकात की है…… जो बृजभूषण की ताकत को दिखा रही है…..
वहीं बृजभूषण की मुलाकात के ठीक बाद उनके दोनों बेटों प्रतीक भूषण और करण भूषण ने भी योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात की…….. प्रतीक भूषण ने दावा किया कि उनकी मुलाकात क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए थी…….. लेकिन सियासी जानकारों का मानना है कि यह बीजेपी में बृजभूषण परिवार की स्थिति को और मजबूत करने की कोशिश हो सकती है…… वहीं ऐसे कयास भी लगाए जा रहें हैं कि बृजभूषण अपने बेटों के लिए कैबिनेट में जगह या संगठन में बड़ा पद चाहते हैं…….. प्रतीक और करण पहले भी योगी से मिलते रहे हैं………. लेकिन इस बार की मुलाकात कुछ अलग है……
आपको बता दें कि पूर्वांचल की राजनीति में बृजभूषण का प्रभाव किसी से छिपा नहीं है……… गोंडा, बहराइच, और कैसरगंज जैसे क्षेत्रों में उनका राजपूत वोट बैंक पर मजबूत पकड़ है……… 2024 के लोकसभा चुनाव में उनके बेटे करण भूषण को कैसरगंज से टिकट देकर बीजेपी ने उनके प्रभाव को स्वीकार किया था…….. भले ही बृजभूषण का टिकट महिला पहलवानों के आरोपों के कारण कट गया था…… लेकिन उनके प्रभाव के कारण बीजेपी को महिला पहलवानों के विरोध और प्रदर्शन के बाद भी बृजभूषण के बेटे को कैसरगंज से टिकट देना ही पड़ा था….. और कैसरगंज सीट से उनके बेटे की जीत भी हुई….. जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि बृजभूषण का पूर्वांचल में क्या प्रभाव है…..
यूपी में 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं…….. और पूर्वांचल बीजेपी के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है…… वहीं बृजभूषण जैसे नेता की नाराजगी पार्टी को भारी पड़ सकती है……. आपको बता दें कि यूपी बीजेपी में पिछले कुछ समय से आंतरिक कलह की खबरें सामने आ रही हैं…….. बृजभूषण के बयानों ने कई बार पार्टी को निराश किया है……. जब उन्होंने योगी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए….. इसके बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और अन्य नेताओं के बीच भी मतभेद की खबरें हैं…….. ऐसे में बृजभूषण और उनके बेटों की मुलाकात को पार्टी में एक करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है…….
आपको बता दें कि जनवरी 2023 में बृजभूषण पर महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे……. जिसके बाद उनकी और योगी सरकार के बीच दूरी और बढ़ गई थी……… बृजभूषण ने कहा कि उन्होंने तब तय कर लिया था कि वह अपनी लड़ाई खुद लड़ेंगे……. और योगी से कोई मदद नहीं मांगेंगे…….. इस दौरान समाजवादी पार्टी ने भी बृजभूषण पर हमला करने से परहेज किया……. जिससे उनके सपा की ओर झुकाव की अटकलें लगीं……. हालांकि, बृजभूषण ने अपनी सियासी ताकत का बीजेपी को लोहा मनवाया…… और अपने बेटे करण को कैसरगंज से सांसद बनवाने में सफल रहे……… वहीं अब उनकी मुलाकात और उनके बेटों की सक्रियता से सवाल उठ रहे हैं कि क्या वह बीजेपी में अपनी पुरानी हैसियत वापस पाना चाहते हैं…….
वहीं दावा किया जा रहा है कि 2027 विधानसभा चुनाव से पहले बृजभूषण को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है……. या फिर उनके बेटों को कैबिनेट में जगह मिल सकती है……… लेकिन बृजभूषण की बेबाक छवि और उनकी अखिलेश यादव के प्रति नरमी ने बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है……..
बृजभूषण शरण सिंह और उनके बेटों की योगी और केशव मौर्य से मुलाकात ने उत्तर प्रदेश की सियासत में नया रंग भर दिया है……. यह मुलाकातें भले ही पारिवारिक और शिष्टाचार भेंट के रूप में पेश की जा रही हों…….. लेकिन इसके सियासी मायने गहरे हैं……. बृजभूषण का प्रभाव, योगी की रणनीति……. और बीजेपी की एकजुटता की कोशिशें यह सब 2027 के चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है……..



