‘हादसे में साजिश की आशंका, गहन जांच हो’, दिनेश त्रिवेदी के बाद ममता ने भी जताया शक
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बालासोर में रेल दुर्घटना स्थल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने दुर्घटना स्थल का मुआयना किया और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ भी बातचीत की। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रेलवे और ओडिशा सरकार को हर संभव सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि इस मामले की सटीक जांच हो। इसके साथ ही उन्होंने कॉर्डिनेशन गैप को लेकर रेलवे पर निशाना साधा और दुर्घटना में मृत बंगाल के लोगों के परिवार के लोगों को पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया। बता दें कि इसके पहले पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने आशंका जताई थी। ममता बनर्जी ने कहा, कुछ तो हुआ होगा। उचित जांच होने दीजिए। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि रेलवे में कॉडिनेशन गैप है। ममता बनर्जी शुक्रवार की सुबह कोलकाता से बालासोर पहुंचीं। ममता बनर्जी ने कहा कि पहले रेलवे की ओर से मृतकों के परिवारों को 15 लाख रुपए दिया जाता था, लेकिन अब 10 लाख रुपए दिया जाता है। यह रेलवे का सिस्टम है। इस दुर्घटना में उनके राज्य के कई लोगों की मौत हुई है।
ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद देगी। राज्य सरकार की ओर से आज 17 एंबुलेंस भेजे गये थे। कल 40 एंबुलेंस भेजे गये थे। 40 डॉक्टर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेल को कहना चाहते हैं रास्ता क्लीयर होने नहीं होने तक कुछ नहीं हो पाएगा, लेकिन इसमें जरूर कुछ है। इसकी जांच हो। उन्होंने कहा कि अभी भी तीन बोगी उसी तरह से पड़े हुए हैं। मृतकों की संख्या 500 भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार हर संभव सहयोग करेगी। जो लोग घायल हुए हैं और यहां इलाज नहीं हो पा रहा है। बंगाल आने पर उनका इलाज करवाया जाएगा। राज्य सरकार हर संभव मदद देगी। ममता बनर्जी ने कहा कि एंटी कॉलिजन डिवाइस होता तो यह हादसा नहीं होता। साल 1981 के बाद सबसे बड़ा हादसा है। पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने कहा किसबसे पहले यह हादसा बहुत दुखद है और जिस तरह से सरकार इस हादसे के बाद राहत और बचाव का कार्य कर रही है यह बेहद प्रशंसनीय है।
उन्होंने कहा कि 2010 में पश्चिम बंगाल के खडग़पुर में गीतांजलि एक्सप्रेस हादसे का शिकार हुई थी, जिसमें जांच के बाद चला था कि हादसे के पीछे साजि़श थी। बालासोर में जिस तरह से हादसा हुआ है इसमें भी साजि़श हो सकती है।
उन्होंने कहा कि हालांकि किसी नतीज़े पर पहुंचने से पहले इंक्वायरी कमीशन के रिपोर्ट का इंतज़ार करना चाहिए। ‘कवच’ तकनीक पर रातों रात सभी ट्रेनों में कोई भी तकनीक लगाना संभव नहीं है हालांकि सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है।