हाईकोर्ट की फटकार के बाद एलडीए सरस्वती अपार्टमेंट में स्वीमिंग पूल बनाने को हुआ तैयार

वादा करके भी पूरा नहीं कर रहा था एलडीए

अपने ब्रोशर में स्वीमिंग पूल का किया था वादा
सचिव शेखर सिंह ने दायर की हाईकोर्ट में रिट
हाईकोर्ट के तेवर से एलडीए घबराया

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लखनऊ के विकास की जिम्मेदारी संभालने वाला विभाग लखनऊ विकास प्राधिकरण के गैर जिम्मेदाराना रवैये पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई। दरअसल मामला प्राधिकरण के सबसे लोकप्रिय योजना गोमीनगर विस्तार सेक्टर-4 के सरस्वती अपार्टमेंट का है। इस योजना का जब विज्ञापन निकाला गया तो उसके ब्रोशर में यहां पर उपभोक्ताओं से स्वीमिंग पूल देने का वादा किया गया था। पर योजना के बने हुए अब लगभग दस साल हो गए हैं यहां पर सैकड़ों लोग रहने लगें हैं पर एलडीए का स्वीमिंग पूल अब भी कागजों में ही तैर रहा है।
स्वीमिंग पूल के वादे को एलडीए के अधिकारियों को याद दिलाने की कई बार कोशिश की गई पर उनके कान पर जूं तक नहीं रेंगी। आखिर में थकहार आपर्टमेंट के सचिव शेखर सिंह ने हाईकोर्ट में एक रिट दायर की थी। उस याचिका पर अदालत का फैसला आया है। अदालत ने एलडीए के अधिकारियों को आदेश दिया है वह स्वीमिंग पूल का निमार्ण तुरंत करवाए और अदालत को अवगत कराए। उधर आदेश के बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के हाथ-पावं फू ल गए है। उसने कोर्ट से कहा कि वह जल्द स्वीमिंग पूल के निर्माण की कार्रवाई शुरू करेगा।

जमीन को नीलाम करने की थी योजना

एलडीए ने 2009 में सरस्वती अपार्टमेंट की पुस्तिका में इस योजना में लगभग 25 हजार वर्ग फुट में स्वीमिंग पूल बनाने की बात कर थी। बाद में उसे रद कर दिया था और उस जमीन को नीलाम करने की योजना बना ली थी। इस मुद्दे को यहां के अवांटियों ने हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच में रिट के माध्यम से उठाया था। उसी मामले में जस्टिस विवेक चौधरी व जस्टिस मनीश कुमार ने याचिका को निस्तारित करते हुए नीलामी को समाप्त करके वहां पर स्वीमिंग पूल बनाने के आदेश दिए है। सचिव शेखर सिंह ने बताया कि एलडीए ने इस योजना में स्वीमिंग पूल व क्लब हाउस बनाने के लिए कहा था। प्राधिकरण ने वहां कुछ नही बनाया। धीरे-धीरे तय जमीन पर झुग्गी बस्तियां बसने लगी जिसकी शिकायत एलडीए के अधिकरियों को दी गई उसके बाद अवैध कब्जे हटाए गए। फिर कुछ दिन बाद एक कंपनी ने कबाड़ जमा करना श़ुरू कर दिया बाद में एलडीए ने पैमाइश करवाकर इसे गु्रप हाउङ्क्षसग की जमीन बताकर उसकी नीलामी करवाने की तैयारी शुरू कर दी । यह नीलामी 25 अक्टूबर को होनी थी।

दिल्ली हाईकोर्ट को दो नए अतिरिक्त न्यायाधीश मिले

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने इस महीने की शुरुआत में उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति करने के लिए उनके नामों की सिफारिश की थी। दिल्ली उच्च न्यायालय के दो अतिरिक्त न्यायाधीशों ने शुक्रवार को पद की शपथ ली। इसके साथ ही उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या 44 हो गयी है।
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा ने न्यायमूर्ति शलिंदर कौर और न्यायमूर्ति रविंद्र डुडेजा को शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह मुख्य न्यायाधीश की अदालत में उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं और शपथ लेने वाले न्यायाधीशों के परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में हुआ। केंद्र सरकार ने 18 अक्टूबर को न्यायमूर्ति कौर और न्यायमूर्ति डुडेजा को उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया था। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने इस महीने की शुरुआत में उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति करने के लिए उनके नामों की सिफारिश की थी। नयी नियुक्तियों के बाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या 44 हो गई है, जिनमें आठ महिला न्यायाधीश भी शामिल हैं। उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 60 है।

भारत का विकास राज्य के विकास से संभव: मोदी

पीएम ने आरआरटीएस कॉरिडोर का किया उद्घाटन, बोले- मैंने तो बचपन रेलवे प्लेटफॉर्म पर बिताया

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
गाजियाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (20 अक्टूबर) को देश को साहिबाबाद रैपिडएक्स स्टेशन पर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर की सौगात दी। उन्होंने साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच चलने वाली पहली रैपिडएक्स ट्रेन को हरी झंडी भी दिखाई। इस अवसर पर उन्होने कहा कि राज्यों के विकास से ही देश का विकास संभव है।
पीएम ने यहां लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने तो अपना बचपन रेलवे प्लेटफॉर्म पर बिताया है। पीएम मोदी ने कहा कि नवरात्री का त्योहार चल रहा है। इसमें शुभ काम की परंपरा है। मैं दिल्ली-एनसीआर और पूरे वेस्ट यूपी को बधाई देता हूं, ये आरआरटीएस कॉरिडोर भारत के नए संकल्प को पूरा करता है, भारत का विकास राज्य के विकास से ये संभव हो पाया है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ऐलान किया था कि आरआरटीएस ट्रेनों को नमो भारत के नाम के तौर पर जाना जाएगा। इसे लेकर काफी विवाद भी हुआ था और कांग्रेस ने नाम पर सवाल भी उठाए थे। यूपी के साहिबाबाद में लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज देश के लिए ऐतिहासिक पल है। आज भारत की पहली रैपिड रेल सर्विस-नमो भारत ट्रेन- की शुरुआत हुई है। इसे देश को समर्पित कर दिया गया है। नमो भारत ट्रेन में आधुनिकता भी है और स्पीड भी है। ये नमो भारत ट्रेन, नए भारत के नए सफर और नए संकल्पों को परिभाषित कर रही है। उन्होंने बेंगलुरू में मेट्रो की 2 लाइनों को समर्पित करने की जानकारी भी दी।

इसरो कल करेगा गगनयान का परीक्षण

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने गगनयान मिशन को लेकर लगभग तैयारियां पूरी कर ली है। गगनयान मिशन के तहत टीवी-डी1 अपने पहली परीक्षण के लिए 21 अक्टूबर यानी कल उड़ान भरेगा। जिसे सुबह आठ बजे श्रीहरिकोटा से भेजा जाएगा। इससे ही मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम गगनयान को पंख लग जाएंगे।
कार्यक्रम से जुड़े जानकारों के मुताबिक, पहले परीक्षण उड़ान के नतीजों के आधार पर अन्य परीक्षण किए जाएंगे। इस दौरान क्रू मॉड्यूल को परखा जाएगा। जिसमें क्रू एस्केप प्रणाली भी शामिल है। बता दें कि गगनयान का यह हिस्सा तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाने में इस्तेमाल किया जाएगा। इसरो का लक्ष्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए 400 किलोमीटर की लो अर्थ ऑर्बिट पर मानव को अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाना है। यह परीक्षण श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से होगा। इसमें क्रू मॉड्यूल की उड़ान, उसे वापस उतारने और समुद्र से रिकवर करने की प्रक्रियाएं शामिल होंगी। मॉड्यूल को वापसी में बंगाल की खाड़ी में उतारा जाना है। जिसे भारतीय नौसेना द्वारा रिकवर किया जाएगा। इसके के लिए नौसैनिकों का एक गोताखोर दल बनाया गया है। साथ ही मिशन के लिए एक जहाज को भी तैयार किया जाएगा। चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग और सूर्य के लिए आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण के बाद गगनयान मिशन भारत को खगोल विज्ञान पर काम कर रहे अग्रणी देशों में शामिल करेगा।

अगले साल भेजा जा सकता है गगनयान

गगनयान भारत का पहला अंतरिक्ष मिशन है, इसे अगले साल के आखिर या 2025 की शुरुआत तक भेजा जा सकता है। 2024 में मानव रहित परीक्षण उड़ान होगी, जिसमें एक व्योममित्र रोबोट भेजा जाएगा।

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