आयुष कॉलेज के तीन प्रधानाचार्य जांच एजेंसी के रडार पर, डॉ. ऋतु गर्ग की गिरफ्तारी के बाद निदेशालय में हलचल
लखनऊ। यूपी के आयुष कालेजों में दाखिले के नाम पर मोटी रकम वसूलने वाली मिर्जापुर स्थित संतुष्टि आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की डायरेक्टर डॉ. ऋतु गर्ग की गिरफ्तारी होते ही निदेशालय से लेकर अन्य कॉलेज में हडकंप मचा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक यूपी एसटीएफ जल्द ही तीन प्रधानाचार्य के जांच में सहयोग न करने कार्रवाई करने की तैयारी में हैं। वहीं ऋतु गर्ग से जुड़े उनके करीबी लोगों के साथ आयुष निदेशालय से जुड़े लोगों के विषय में ब्योरा जुटा रही है।
एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक ऋतु गर्ग की गिरफ्तारी के बाद उनके एक करीबी डॉक्टर जांच की जद में आग हैं। वहीं उनके कॉलेज को मान्यता से लेकर एडमिशन को लेकर फ्री हेंड छोडऩे वाले आयुष निदेशालय के तीन कर्मचारियों का ब्यौरा भी खंगाला जा रहा है। पिछले दिनों एक वरिष्ठ लिपिक पर विभागीय जांच भी कॉलेजों को एडमिशन कोटा देने को लेकर शुरू हो गई है।
बिना नीट परीक्षा पास कर एडमिशन पाने वाले छात्रों से भी एसटीएफ जल्द पूछताछ करने की तैयारी कर रहा है। चर्चा है कि इन्हें सरकारी गवाह के तौर पर प्रयोग करेगी। जो यह बता सकें कि कैसे उन्हें पैसे लेकर और नियमों को तोडक़र एडमिशन दिलाया गया है।
भाजपा से जुड़ी डॉक्टर ऋतु गर्ग राजनीति में रसूख रखती है। वह प्रदेश सरकार के हिसाब से अपना पाला बदलने में माहिर हैं। जिसके बल पर उन्होंने मिर्जापुर में अपना कॉलेज खोला और बिना नीट की परीक्षा पास किए हुए 982 छात्रों को एडमिशन दिलाया। वाराणसी नगर निगम की ब्रॉन्ड एंबेसडर ऋतु गर्ग का कालेज होने के साथ वाराणसी सुंदर पूरे इलाके में संतुष्टि हॉस्पिटल भी है। उनके पति संजय गर्ग भी जाने-माने डॉक्टर हैं।
ऋतु गर्ग ने सपा सरकार हो या भाजपा सब में अपनी पहुंच बनाई। उन पर मिर्जापुर स्थित कॉलेज में पढऩे वाली छात्राओं ने नर्सिंग कॉलेज को बिना मान्यता संचालित किए जाने का आरोप लगा प्रदर्शन किया था, लेकिन रसूख के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई।
डॉ. ऋतु गर्ग को सपा शासन में रानी लक्ष्मी बाई वीरांगना पुरस्कार मिला था। सरकार बदलने पर भाजपा में आ गईं। जिसके चलते शासन में इन्हें नगर निगम ने अपना स्वच्छता का ब्रांड एंबेसडर बनाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई कद्दावर नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट की।
एडमीशन घाटाले मामले के आरोपी जेल में बंद पूर्व आयुर्वेद निदेशक डॉ. एसएन सिंह के करीबी आयुर्वेद निदेशालय के वरिष्ठ सहायक जितेन्द्र झा के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। लिपिक के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के आरोप के तहत वित्त नियंत्रक मानवेंद्र सिंह की ओर से नोटिस भी जारी कर दिया गया है। इसको पूर्व आयुर्वेद निदेशक डॉ. एसएन सिंह के मौखिक आदेश पर नियम विरुद्ध निदेशालय में तैनाती मिल गई।
यह था मामला
आयुर्वेदिक निदेशालय के तत्कालीन निदेशक डॉ. एसएन सिंह ने चार नवम्बर को हजरतगंज कोतवाली में अपट्रॉन, वी-थ्री सॉल्यूसंस कम्पनी और इसके मुखिया कुलदीप के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। दो दिन बाद ही एसएन सिंह और उमाकांत को निलम्बित कर दिया गया था। एसटीएफ ने अब तक इसमें सुबूत जुटाकार निलंबित निदेशक एसएन सिंह समेत 15 लोगों को एक साथ गिरफ्तार किया। इसमें कृष्णा एंड सुदामा ग्रुप ऑफ इंस्टीटयूट के संचालक विजय यादव व उसके भाई धर्मेन्द्र के साथ डॉ. ऋतु गर्ग का नाम भी शामिल हो गया है। इसके साथ ही पूर्व निदेशक के बयान में पूर्व मंत्री धर्मवीर सैनी का नाम भी सामने आया था। जिसका एसटीएफ की चार्जशीट जिक्र है।