तीन दिन के बाद टूटी पहलवानों की घेराबंदी, धरना खत्म
नई दिल्ली। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का धरना खत्म हो गया। ये धरना दिल्ली के जंतर मंतर पर चल रहा था। दिल्ली का जंतर-मंतर सालों से ऐसे विरोध प्रदर्शन और धरनों का गवाह रहा है और अब उसमें भारतीय पहलवानों के किए धरने की भी कड़ी जुड़ गई है। पहलवानों ने जंतर मंतर पर अपना धरना बुधवार से शुरू किया था। धरने पर बैठे पहलवानों में टोक्यो ओलिंपिक के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट बजरंग पुनिया, वल्र्ड चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाली विनेश फोगाट जैसे धुरंधर शामिल थे। इन सभी की आगुवाई में देश के कई पहलवानों ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर मानसिक और यौन प्रताडऩा जैसे आरोप लगाए थे।
बहरहाल , अब जब शुक्रवार की देर रात पहलवानों ने अपना धरना वापस ले लिया, तो ये जानना जरूरी हो जाता है कि 3 दिन तक चला ये बवाल आखिर शांत कैसे हुआ और इसमें इन तीन दिनों में क्या-क्या हुआ? पहलवानों का धरना तो शांत इस वजह से हुआ क्योंकि सरकार ने उन्हें उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया। आईए जानते हैं कि इस मामले में 3 दिन तक चले धरने में कब- कब, क्या क्या हुआ।
18 जनवरी को भारत की स्टार पहलवान विनेश फोगाट ने आरोप लगाया कि बृज भूषण शरण सिंह ने सालों तक महिला पहलवानों का यौन उत्पीडऩ किया है। हालांकि, उनके इस आरोप को बृजभूषण शरण सिंह ने खारिज कर दिया। 28 साल की महिला पहलवान विनेश फोगाट ने दावा किया कि उनके साथ तो शोषण नहीं हुआ, लेकिन जिसके साथ हुआ है उनमें से एक इस धरने में मौजूद है। धरने के पहले दिन बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट के अलावा साक्षी मलिक, संगीता फोगाट, सरिता मोर, अंशू मलिक, सोनम मलिक, अमित धनकर और सुमित मलिक जैसे करीब 30 पहलवानों ने हिस्सा लिया।
19 जनवरी को धरने के दूसरे दिन 3 बार की कॉमनवेल्थ मेडलिस्ट और बीजेपी की नेता बबिता फोगाट सरकार की संदेशवाहक बनकर आईं। उन्होंने पहलवानों की हर डिमांड के पूरा होने का आश्वासन दिया।इसके बाद पहलवानों की देर रात हुई स्पोट्र्स मिनिस्टर के साथ बातचीत का नतीजा कुछ खास नहीं निकला। ये मीटिंग गुरुवार रात 10 बजे से शुरू हुई और 1:45 बजे तक चली।
इस बीच दूसरे दिन पहलवानों के धरने का राजनीतिकरण होता भी दिखा। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि वो पहलवानों के मनोबल को टूटने नहीं देंगे। कांग्रेस और लेफ्ट के नेता भी इस मामले को भुनाने की कोशिश करते नजर आए।
20 जनवरी को ये पहलवानों के धरने प्रदर्शन का सबसे हाई वोल्टेज ड्रामे वाला दिन रहा। आरोपों की जांच के लिए पीटी उषा ने मैरी कॉम की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय कमिटी बनाई। इस कमिटी में योगेश्वर दत्त और डोला बनर्जी को भी शामिल किया गया है।
इस बीच पहलवानों की खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ दूसरी बैठक हुई। इस मैराथन मीटिंग में अनुराग ठाकुर ने पहलवानों को कहा कि गठित कमिटी आरोपों की जांच करेगी और एक महीने में अपनी रिपोर्ट देगी।