संवेदनहीनता की हद! मुआवजे के बदले एयर इंडिया दे रहा धमकी

प्रश्नावली को पूरा करने में विफल रहने पर कोई मुआवज़ा नहीं देने की दी चेतावनी

परिजनों का आरोप- जबरन भरवाया कानूनी फॉर्म एयरलाइन ने किया इनकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अहमदाबाद। संवेदनहीनता की हद हो गई है। एकतरफ तो लोगों ने अपनों की जान गवांईं हैं। वहीं एयर इंडिया ने ऐसी शर्मनाक हरकत की है जिससे मानवता शर्मसार हुई है।
दरअसल, अहमदाबाद में एयर इंडिया-171 विमान दुर्घटना में 241 लोगों की मौत के कुछ सप्ताह बाद, पीडि़तों के परिवारों ने एयरलाइन पर शुरुआती मुआवज़ा प्रक्रिया के दौरान उन पर दबाव डालने का आरोप लगाया है।
उनका आरोप है कि उन्हें कंपनी द्वारा प्रदान की गई प्रश्नावली को पूरा करने में विफल रहने पर कोई मुआवज़ा नहीं देने की धमकी दी जा रही थी। उन्होंने यह भी दावा किया है कि मुआवजा भुगतान में कटौती करने के कथित प्रयास में उन्हें अपने परिवार के मृतक सदस्य पर अपनी वित्तीय निर्भरता का खुलासा करने वाले कागजात पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था। एयरलाइन्स ने आरोपों को निराधार और गलत बताते हुए खारिज कर दिया।

ये है आरोप

एक अधिकारी ने कहा कि फर्म अहमदाबाद की एक कानूनी फर्म नानावटी और नानावटी के साथ मिलकर काम कर रही है, ताकि एयर इंडिया, बोइंग और अन्य संभावित जिम्मेदार पक्षों के खिलाफ उनके दावों में भारतीय परिवारों की सहायता की जा सके। स्टीवर्ट्स के एक पार्टनर पीटर नीनान ने एयर इंडिया की आलोचना की कि उसने एक विस्तृत प्रश्नावली वितरित की है जिसमें कथित तौर पर बिना किसी स्पष्टीकरण के कानूनी शब्द शामिल हैं। नीनान ने कहा, हमारे ग्राहकों ने हमें प्रश्नावली दिखाई है। इसमें कानूनी रूप से महत्वपूर्ण जानकारी की मांग की गई है, जिसमें कानूनी परिभाषा वाले शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, जो परिवारों को नहीं बताया जा रहा है। बाद में इस जानकारी का इस्तेमाल उनके खिलाफ किया जा सकता है। हम हैरान और स्तब्ध हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए। वकीलों का दावा है कि परिवारों को कानूनी मार्गदर्शन के बिना बहुत ज़्यादा गर्मी में फ़ॉर्म भरने के लिए कहा गया था और कथित तौर पर कहा गया था कि अनुपालन न करने का मतलब है कि कोई भी भुगतान नहीं किया जाएगा। फ़ॉर्म में पूछा गया है कि क्या व्यक्ति मृतक पर आर्थिक रूप से निर्भर था – एक ऐसा सवाल जिसके बारे में वकीलों का कहना है कि यह अंतिम मुआवज़े की राशि को प्रभावित कर सकता है।

मुआवजे के प्राप्तकर्ताओं से बुनियादी जानकारी मांगी : एयर इंडिया

एयर इंडिया ने आरोपों के जवाब में एक बयान जारी किया और कहा कि उसने मुआवजे के प्राप्तकर्ताओं से बुनियादी जानकारी मांगी थी ताकि पारिवारिक संबंध स्थापित किए जा सकें और यह सुनिश्चित किया जा सके कि भुगतान उन लोगों को मिले जो उनके हकदार हैं। एयरलाइन ने मृतक पर वित्तीय निर्भरता के बारे में सवाल शामिल करने के पीछे एक कारण दिया और कहा कि यह सहायता की सबसे अधिक ज़रूरत वाले लोगों को भुगतान की प्रक्रिया के लिए एक उचित और आवश्यक प्रश्न था। एयर इंडिया इन आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज करती है और इन्हें निराधार और गलत बताती है।

गलतफहमी में है आप: तारिक अनवर

अरविंद केजरीवाल पर कांग्रेस का पलटवार, कहा-गैरजिम्मेदाराना बयान से बचें
बोले कांग्रेस नेता- आप का बिहार में संगठन नहीं

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने अरविंद केजरीवाल की टिप्पणी पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि हम अरविंद केजरीवाल का सम्मान करते हैं। वह वर्तमान में एक पार्टी नेता और एक पार्टी (आप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, इसलिए उन्हें इस तरह के गैरजिम्मेदाराना बयान देने से बचना चाहिए। अगर वह बिहार का दौरा कर रहे हैं, तो उन्हें कोई नहीं रोक रहा है।
उन्होंने कहा कि हर पार्टी और नेता को अपनी पार्टी की विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए कहीं भी जाने का अधिकार है। इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने साफ तौर पर कहा कि हालांकि, सच्चाई यह है कि केजरीवाल की बिहार में कोई वास्तविक संगठनात्मक उपस्थिति नहीं है। हां, वह (बिहार) का दौरा कर रहे हैं, लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद उन्हें अपनी गलतफहमी का एहसास होगा। भ्रम की कोई गुंजाइश नहीं है, बिहार चुनाव के नतीजे सब कुछ स्पष्ट कर देंगे। आपको बता दें कि केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हम बिहार में कांग्रेस या इंडिया ब्लॉक सहयोगियों के समर्थन के बिना ही चुनाव में उतरेंगे। केजरीवाल ने कहा कि इंडिया ब्लॉक केवल लोकसभा चुनावों के लिए था। अब कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं है। अगर गठबंधन था तो कांग्रेस ने विसावदर उपचुनाव क्यों लड़ा। वे हमें हराने आए थे। भाजपा ने हमें हराने और वोट काटने के लिए कांग्रेस को भेजा था। बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है। हालांकि, चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा नहीं की है। गौरतलब है कि बिहार में सभी 243 सीटों के लिए विधानसभा चुनाव अक्टूबर या नवंबर 2025 में होने हैं। पिछले विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2020 में हुए थे।

महागठबंधन में शामिल होंगे ओवैसी, लालू यादव को लिखा पत्र

बिहार में एआईएमआईएम इस साल के अंत में होने वाले बिहार चुनाव में एकजुट मोर्चा बनाने और अल्पसंख्यक वोटों को एकजुट करने के लिए महागठबंधन में शामिल होना चाहती है। सूत्रों ने बताया कि बिहार के एआईएमआईएम प्रमुख और विधायक अख्तरुल ईमान ने राष्टï्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू यादव को एक पत्र लिखा है, जिसमें हैदराबाद स्थित पार्टी को महागठबंधन में शामिल करने का अनुरोध किया गया है। पत्र में इमाम ने कहा कि एक साथ चुनाव लडऩे से यह सुनिश्चित होगा कि धर्मनिरपेक्ष वोट बिखरेंगे नहीं और अगली सरकार बनाने के लिए महागठबंधन के पास बेहतर अवसर होंगे। हालांकि, इमाम ने यह भी कहा कि एआईएमआईएम को महागठबंधन में शामिल करने पर जल्दी निर्णय नहीं लेना राजद के लिए एक खोया हुआ अवसर माना जाएगा। इमाम ने कहा कि हमने आरजेडी, कांग्रेस और महागठबंधन के अन्य दलों से उनके साथ जुडऩे के लिए बात की है।
एक प्रस्ताव भेजा गया है। हमने उनसे जल्द ही निर्णय लेने को कहा है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के नेता ने कहा कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें यह नहीं कहना चाहिए कि वे चाहते हैं कि हम चुनाव के बाद उनके साथ रहें। सीमांचल में अल्पसंख्यक वोटों के लिए कड़ी टक्कर होगी। किशनगंज में 67 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं, कटिहार में 38 प्रतिशत, अररिया में 32 प्रतिशत और पूर्णिया में 30 प्रतिशत। राजद के तेजस्वी यादव ने पटना के गांधी मैदान में वक्फ बचाओ-संविधान बचाओ रैली में भाग लिया, जहां उन्होंने घोषणा की कि अगर वे सत्ता में आए तो वक्फ अधिनियम को कूड़ेदान में फेंक देंगे।

पटना यूनिवर्सिटी में लॉटरी से हुई प्रिंसिपल की नियुक्ति पर बवाल

बसपा ने भाजपा को घेरा
मायावती बोलीं- गलत परंपरा डाल रही है एनडीए सरकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। पटना यूनिवर्सिटी के पांच कॉलेजों को को नए प्रिंसिपल मिले लॉटरी सिस्टम से इनकी नियुक्ति की गई है। इस पर अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की प्रतिक्रिया आई है। शुक्रवार (04 जुलाई, 2025) को मायावती ने एक्स पर पोस्ट कर इस तरह से हुई नियुक्ति को लेकर सवाल उठाया।
एक्स पोस्ट के जरिए मायावती ने कहा,बिहार के प्रसिद्ध पटना विश्वविद्यालय के पांच प्रतिष्ठित कॉलेजों में लॉटरी की नई व्यवस्था के तहत प्रिंसिपलों की नियुक्ति का मामला दिलचस्प होने के कारण देश भर में खासकर मीडिया व शिक्षा जगत में काफी चर्चाओं में है। स्थापित परंपरा से हटकर, लॉटरी के जरिए नियुक्ति की एक प्रकार से विचित्र व्यवस्था लागू करने के कारण केवल कला (आर्ट्स) विषयों की पढ़ाई वाले 1863 में स्थापित पटना कॉलेज में केमिस्ट्री के प्राध्यापक प्रो. अनिल कुमार प्राचार्य बन गए हैं, जबकि बिहार विश्वविद्यालय में गृह विज्ञान की प्राचार्य प्रो. अल्का यादव विज्ञान की उच्च शिक्षा के लिए प्रख्यात पटना साइंस कॉलेज की नई प्रिंसिपल नियुक्त हुई है।
आगे कहा, इतना ही नहीं बल्कि इसी प्रकार की नियुक्ति वाणिज्य महाविद्यालय में भी हुई है। यहां पहली बार कला संकाय की महिला प्राध्यापक डॉ. सुहेली मेहता प्राचार्य बनी हैं, हालांकि उनके विषय की पढ़ाई यहां इस कॉलेज में नहीं होती है. साथ ही, महिला शिक्षा जगत में प्रसिद्ध मगध महिला कॉलेज को लंबे इतिहास में दूसरी बार पुरुष प्रिंसिपल मिले हैं. प्रो. एनपी वर्मा यहां के नए प्राचार्य होंगे जबकि प्रो. योगेंद्र कुमार वर्मा की लॉटरी पटना लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में निकली है।
भाजपा-शासित अन्य राज्यों में भी लागू किया जाएगा यह व्यवस्था
मायावती का कहना है कि इसको लेकर लोगों में उत्सुकता है कि पारदर्शिता व तटस्थता के नाम पर बिहार सरकार व चांसलर द्वारा इस प्रकार लॉटरी के माध्यम से की गई प्रिंसिपल की नियुक्तियों को सही ठहरा कर क्या इस व्यवस्था को भाजपा-शासित अन्य राज्यों में भी लागू किया जाएगा? वास्तव में कॉलेजों के प्रिंसिपल जैसे महत्वपूर्ण पद पर भी पूरी पारदर्शिता, तटस्थता व ईमानदारी के साथ नियुक्ति नहीं कर पाने की अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए ही ऐसा घातक प्रयोग करना लोगों की नजर में उच्च शिक्षा व्यवस्था को सुधार का कम तथा खराब करने वाला ज्यादा प्रतीत होता है।
केंद्र की सरकार को इसका उचित व समुचित संज्ञान ले
उन्होंने कहा, इसी प्रकार, इसी परंपरा को अपना कर आगे चलकर मेडिकल कॉलेजों, आईआईटी व अंतरिक्ष विज्ञान आदि जैसी साइंस की उच्च व विशिष्ठ संस्थाओं में भी गैर-एक्सपर्ट नियुक्त किए जाएं तो यह ताज्जुब की बात नहीं होनी चाहिए. वैसे हमारी पार्टी का यह मानना है कि किसी भी विशिष्ठ क्षेत्र में इस प्रकार की मनमानी वाला विकृत प्रयोग ना किया जाए तो उचित, और इससे पहले कि यह रोग गंभीर होकर और ज्यादा फैले केंद्र की सरकार को इसका उचित व समुचित संज्ञान लेकर जन व देशहित में जितनी जल्द कार्रवाई करे उतना बेहतर, ऐसी सभी को उम्मीद।

बेनीवाल सहित सभी पूर्व विधायकों को सरकारी आवास खाली करने का नोटिस

 

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

जयपुर। राजधानी जयपुर में सांसद हनुमान बेनीवाल, उनके भाई व पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल तथा पूर्व विधायक पुखराज गर्ग को सरकारी आवास खाली नहीं करने के मामले में बेदखली नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस सम्पदा अधिकारी और एडीएम (ज्यूडिशियल) की ओर से जारी किया गया है, जिसमें तीनों को 11 जुलाई तक जवाब देने के लिए कहा गया है।
जानकारी के अनुसार पीडब्ल्यूडी विभाग ने ज्योति नगर और जालूपुरा क्षेत्र के सरकारी आवासों को लेकर परिवाद दर्ज कराया था, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई है। इन नेताओं को विधायक न रहते हुए भी अब तक आवास खाली न करने पर पहले भी नोटिस भेजे जा चुके हैं लेकिन इनकी तरफ से कोई ठोस जवाब नहीं मिला था। इस मामले में सबसे बड़ी कार्रवाई बीती देर रात हुई, जब हनुमान बेनीवाल के जालूपुरा स्थित सरकारी आवास पर बेदखली नोटिस चस्पा किया गया। ये नोटिस सरकार की ओर से यह संकेत स्पष्ट है कि अब बिना अधिकृत हक के सरकारी संपत्तियों पर कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस पूरे मामले ने राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है।

राहुल संविधान बचाओ रैली में भाजपा को घेरेंगे

 

11 जुलाई को ओडिशा पहुंचेंगे नेता प्रतिपक्ष, भुवनेश्वर में तैयारी तेज

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के राष्टï्रीय अभियान के तहत 11 जुलाई को ओडिशा का दौरा करेंगे। कांग्रेस नेता के भुवनेश्वर के बारामुंडा मैदान में आयोजित होने वाली ‘संविधान बचाओ’ नामक सार्वजनिक रैली में शामिल होने की संभावना है। इस रैली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े और पार्टी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल भी शामिल होंगे।
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस समिति (पीसीसी) के अध्यक्ष भक्त चरण दास ने मंगलवार को उच्च स्तरीय भागीदारी की पुष्टि करते हुए अपडेट साझा किया। इस यात्रा से पहले, कांग्रेस पार्टी ने भुवनेश्वर स्थित कांग्रेस भवन में अपनी विस्तारित राजनीतिक मामलों की समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और रणनीतिकारों ने भाग लिया, जिन्होंने गांधी की रैली की शानदार सफलता सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत योजनाओं पर चर्चा की। पीसीसी नेताओं ने कांग्रेस के संदेश और ‘संविधान बचाओ’ अभियान की राष्टï्रीय प्रासंगिकता को उजागर करने के लिए मजबूत समन्वय और जन-आंदोलन के महत्व पर जोर दिया। 2024 के आम चुनावों के बाद गांधी का यह पहला ओडिशा दौरा है।
इस बीच, गांधी ने पिछले एक साल में कई बार राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना की है, जिसमें महिलाओं और दलितों के खिलाफ अत्याचार के बढ़ते मामलों, सहित कई घटनाओं पर चिंता जताई है। गांधी ने पुरी में हुई दुर्भाग्यपूर्ण भगदड़ की घटना को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की थी जिसमें 29 जून को तीन तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी और 50 अन्य घायल हो गए थे। राज्य सरकार ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और 30 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी को सौंपी जाएगी।

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