राहुल-प्रियंका को संभल जाने से रोके जाने से भडक़े अखिलेश
नई दिल्ली। संभल हिंसा मामले में अब सियासत गर्म है। विपपक्षी दलों के नेता संभल जाकर बवाल में मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात करना चाहते हैं, लेकिन प्रशासन ने 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के शहर में आने पर प्रतिबंध लगा रहा है। पहले सपा का डैलीगेशन और अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को रोके जाने को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव भडक़ गए हैं। अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार में पुलिस सिर्फ लोगों को फंसाने का काम कर रही है, न्याय दिलाने का नहीं।
अखिलेश यादव ने कहा, प्रशासन ने भाजपा के इशारे पर इस घटना को अंजाम दिया। किसी भी पार्टी के नेता को वहां जाने नहीं दिया जा रहा है। वे क्या छिपाना चाहते हैं? प्रशासन की भाषा देखिए। क्या लोकतंत्र में अधिकारियों को इस तरह का व्यवहार और भाषा की अनुमति दी जा सकती है? पता नहीं वे 10 तारीख तक क्या-क्या छिपाएंगे और कितना दबाव बनाएंगे।
समाजवादी पार्टी सांसद डिंपल यादव ने संभल की घटना पर कहा, कहीं न कहीं प्रशासन मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है। इसीलिए अब तक स्थिति सामान्य नहीं हो पा रही है। उन्हें पता है कि अगर कोई प्रतिनिधिमंडल जाकर लोगों से मिलेगा तो सच्चाई सामने आ जाएगी। वे चाहते हैं कि जितनी देरी होगी, भाजपा के लिए उतना ही अच्छा होगा।
संभल की शाही जामा मस्जिद में हो रहे सर्वे के दौरान बवाल हो गया था। जहां भीड़ में शामिल उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव फायरिंग कर दी थी। ऐसे में चार लोगों की मौत हो गई थी। इस बवाल के दौरान क्षेत्र की इंटरनेट व्यवस्था को भी बंद करा दिया गया था, जिससे अफवाहों को फैलने से रोका जा सके। वहीं दूसरी तरफ बाहरी व्यक्तियों के शहर में आने पर पाबंदी लगा दी गई थी और इसके लिए जिले की सीमाओं को सील कर पुलिस प्रशासन की ओर से चौकसी बढ़ा दी गई थी।
बवाल के दौरान मारे गए लोगोंं के परिजनों से मिलने के लिए कांग्रेस वरिष्ठ नेता व रायबरेली से सांसद राहुल गांधी संभल जाना चाहते हैं, लेकिन उनके काफिले को गाजीपुर बॉर्डर पर ही रोक दिया गया है। राहुल और प्रियंका गांधी के काफिले को रोके जाने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प भी हुई।