भाजपा सरकार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से फेल: अखिलेश
- सपा अध्यक्ष बोले-महिलाओं और बच्चियों पर अपराध के मामले में उप्र टॉप पर
- पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ल के निधन पर जताया गहरा शोक
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि महिलाओं और बच्चियों पर अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश देश में टॉप पर है। भाजपा सरकार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुकी है। दिनदहाड़े सडक़ पर हत्याएं हो रही हैं लेकिन पता नहीं क्यों मुख्यमंत्री सच को नकारने में लगे हैं।
अखिलेश ने कहा कि जालौन में परीक्षा देकर लौट रही एक छात्रा की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। उन्नाव में जेल से छूटते ही बलात्कारियों ने पीडि़ता के घर को तोड़ा और जला दिया। उन्होंने कहा कि सरकार कानून-व्यवस्था संभालने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है। लोगों ने न्याय की उम्मीद छोड़ दी है। सत्ता संरक्षित गुंडों और अपराधियों के सामने पुलिस नतमस्तक है। अखिलेश ने कहा कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए जनता को एकजुट होकर भाजपा को हराना होगा, तभी प्रदेश में दोबारा से लोकतंत्र, संविधान, न्याय और कानून व्यवस्था की पुर्नस्थापना हो सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकतंत्र सेनानी और पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ल (77 वर्ष) के निधन पर गहरा शोक जताया है। मुख्यमंत्री योगी ने शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। वहीं, सपा अध्यक्ष ने कहा कि सरोजनी नगर विधानसभा से तीन बार विधायक रहे शारदा प्रताप शुक्ल के निधन से पार्टी को अपूरणीय क्षति हुई है।
जयंत की नाराजगी के बाद पीछे हटे अखिलेश
लखनऊ। नगर निकाय चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर खतरे में पड़े सपा-रालोद गठबंधन को बचाने के लिए डैमेज कंट्रोल शुरू हो गया है। मान-मनौव्वल का दौर चल रहा है। इसी बीच सपा ने घोषणा की है कि वह बागपत और बड़ौत नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेगी। इन सीटों पर रालोद को समर्थन किया जाएगा। विधानसभा चुनाव 2022 की तर्ज पर ही नगर निकाय चुनाव में भी सपा और रालोद का गठबंधन है। दोनों ने घोषणा की थी कि गठबंधन मजबूती से चलेगा। अब नगर निकाय चुनाव आया तो दोनों के बीच घमासान शुरू हो गया। कई सीटों पर सपा और रालोद दोनों ने ही अपने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए। ऐसे में गठबंधन में दरार आनी शुरू हो गई। खास तौर से रालोद इससे नाराज दिखने लगा और मेरठ सीट पर महापौर के लिए अपना प्रत्याशी उतारने का एलान कर दिया। जबकि इस सीट पर सपा पहले ही अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। ऐसे में अब दोनों दलों की ओर से डैमेज कंट्रोल शुरू हो गया है। इसके लिए लगातार एक-दूसरे के उम्मीदवारों को समझाया जा रहा है कि वह अपना नामांकन पत्र वापस ले लें। अभी नाम वापसी का समय है। उधर सपा ने भी अपने ऑफिशियल फेसबुक पेज पर लिखा कि बड़ौत और बागपत में सपा अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी, बल्कि रालोद को समर्थन देगी। बड़ौत रालोद का गढ़ माना जाता है। इस सीट पर रालोद अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी ही कर रहा था कि सपा ने दांव खेलते हुए अपना प्रत्याशी उतार दिया था। माना जा रहा है कि अब सपा अपने उम्मीदवार का पर्चा वापस कराएगी। हालांकि बागपत जिले की ही खेकड़ा सीट पर अभी दोनों दलों के ही उम्मीदवार आमने-सामने हैं।