शिवपाल से मिले अखिलेश, प्रदेश संगठन पर मंथन
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- प्रदेश में सपा नए सिरे से शुरू करेगी आंदोलन
- नौ फरवरी को लोकसभा चुनाव के लिए गाजीपुर से भरेंगे हुंकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लोकसभा चुनाव के लिए नौ फरवरी से पूर्वांचल के गाजीपुर से चुनावी शंखनाद करने से पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव चाचा शिवपाल सिंह यादव से मिलने उनके घर पहुंचे। सपा मुखिया वहां एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
दोनों के बीच करीब 45 मिनट गुफ्तगू हुई। बताया जाता है कि दोनों ने प्रदेश के संगठनात्मक ढांचे पर चर्चा की। शिवपाल के साथियों को समायोजित करने की रणनीति बनाई गई। माना जा रहा है कि सपा प्रदेश में नए सिरे से आंदोलन शुरू करेगी। पार्टी से दूर हुए कई नेता घर वापसी करेंगे। सपा के राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद भी शिवपाल सिंह यादव अभी तक कार्यालय नहीं जाते हैं। वह पहले की तरह अपने पुराने कार्यालय में ही कार्यकर्ताओं से मुलाकात करते हैं। ऐसे में मंगलवार शाम अखिलेश यादव उनके घर पहुंचे। दोनों के बीच सियासी हालात पर चर्चा हुई। वे करीब 45 मिनट साथ-साथ रहे। इस दौरान प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर मंथन हुआ। शिवपाल के साथ रहने वालों को मुख्य कार्यकरिणी के साथ ही विभिन्न फ्रंटल संगठनों में समायोजित करने पर चर्चा हुई। सूत्रों का कहना है कि शिवपाल सिंह यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय एवं प्रदेश कार्यकारिणी में रहे कुछ लोगों को समायोजित करने पर जोर दिया है। पार्टी की सक्रियता के लिए नए सिरे से प्रदेश में आंदोलन शुरू करने की जरूरत बताई। पूर्वांचल सहित विभिन्न जिलों में भ्रमण के दौरान मिले फीडबैक से भी अखिलेश यादव को वाकिफ कराया। बताया कि हर जगह पार्टी के नए-पुराने कार्यकर्ता तैयार बैंठे हैं। उन्हें सक्रिय करने की जरूरत है। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदेश में जल्द ही समाजवादी पार्टी जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने की कवायद शुरू करेगी। विभिन्न मुद्दों पर जनांदोलन भी शुरू होगा। इसकी अगुवाई शिवपाल सिंह यादव करते दिखेंगे। सूत्रों का यह भी कहना है कि पार्टी के कई पुराने नेता छिटक चुके हैं। इसमें कुछ ने दूसरे दलों की सदस्यता ले ली है। इसमें ज्यादातर यादव नेता हैं। इन नेताओं को फिर से जोडऩे पर भी चर्चा हुई। सूत्रों का यह भी कहना है कि मार्च तक कई नेताओं की घर वापसी हो सकती है। इसकी कवायद शुरू कर दी गई है।
हर साल बढ़ रहा रोडवेज का किराया
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, रोडवेज बसों के साथ ही लखनऊ शहर में ऑटो का किराया भी बढ़ गया है। अब यात्रियों को प्रति किलोमीटर के लिए लगभग 10.58 रूपए किराया देना होगा। रोडवेज का किराया वर्ष 2012 से 2014 तक प्रतिवर्ष और फिर वर्ष 2016-2017 तथा 2020 और 2023 में बढ़ाया गया। इस तरह हर साल किराया बढ़ रहा।
अखिलेश ने कहा, भाजपा सरकार का जो हाल में केन्द्रीय बजट पेश हुआ, उसमें मंहगाई रोकने का कोई उपाय नजऱ नहीं आ रहा है। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दामों में कहीं कमी नहीं हुई। खाद्यान्न के दामों में बढ़ोतरी से आम जनता क्या खाए क्या बचाएं? जन-साधारण की चिंताओं और परेशानियों पर भाजपा सरकार ने आंख मूंद रखी है।
भाजपा सरकार में जनता पर पड़ रही महंगाई की मार
सपा प्रमुख ने कहा, बजट के साथ भाजपा की डबल इंजन सरकार ने जनता पर मंहगाई की मार पडऩा शुरू हो गई हैं। लोग त्राहि-त्राहि करने लगे हैं। लोग कैसे अपनी गृहस्थी चलाएं और कैसे जीवनयापन करें? ये सवाल अब सभी को परेशान कर रहा है। जनता को अब पूरा विश्वास हो चला है कि भाजपा सरकार पूंजीपतियों वाले घरानों की संरक्षक सरकार है। पूंजीपति मित्रों को लम्बे-लम्बे कर्ज देने वाली सरकार है। उससे देश की अर्थव्यवस्था भले ही बने या बिगड़े। पहले अमूल ने अपने दूध उत्पादों के दाम बढ़ाए। फिर पराग ने भी दाम बढ़ा दिए। इससे बच्चों के दूध में कटौती होगी।