2022 में सपा सरकार बनने पर तीन महीने के भीतर कराएंगे जातिगत जनगणना : अखिलेश

सपा प्रमुख ने राकेश टिकैत को दिया चुनाव लड़ने का ऑफर

लखनऊ। समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में किसान आंदोलन को भुनाने की कोशिश कर रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आंदोलन के नेता राकेश टिकैत को चुनाव लड़ने का न्योता दिया। हालांकि, टिकैत पहले ही साफ कर चुके हैं कि वे किसी पार्टी से जुड़ना नहीं चाहते हैं। जौनपुर दौरे पर पहुंचे अखिलेश ने एक इंटरव्यू में कहा अगर राकेश टिकैत हमारे साथ चुनाव लड़ना चाहे तो वे उनका स्वागत करेंगे। राकेश टिकैत किसानों के बड़े नेता हैं। तीन कृषि कानूनों को लेकर उनका आंदोलन भी राजनीति से दूर रहा है। हालांकि चुनाव लड़ने का फैसला उनको लेना है।

जौनपुर के बदलापुर में जनसभा के दौरान अखिलेश ने ऐलान किया कि अगर दिल्ली सरकार जातिगत जनगणना नहीं करती है तो २०२२ में सपा सरकार बनने पर तीन महीने के भीतर जनगणना कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि लाल टोपी और साइकिल इस बार बीजेपी का सफाया कर देगी। किसानों को खाद के लिए लाइन में लगना पड़ता है। मगर सपा सरकार में किसान लाइन में नहीं, किसानों के घर खाद पहुंचेगी। अखिलेश ने कहा कि बीजेपी के लोगों ने कहा था कि हवाई चप्पल पहनकर आम आदमी हवाई जहाज की यात्रा कर सकता है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से गरीब आदमी बाइक से नहीं चल पा रहा है।

सपा सरकार ने अपने कार्यकाल में लैपटॉप बांटा था। लैपटॉप अभी तक चल रहा है। बाबा मुख्यमंत्री ने वादा किया था कि लोगों को टैबलेट बांटा जाएगा। ५ साल बीतने को हैं, लेकिन अभी तक किसी के हाथों टैबलेट नहीं आया है। उन्होंने कहा कि जब बाबा खुद लैपटॉप, स्मार्टफोन और टैबलेट चलाना नहीं जानते हैं तो वह जनता को क्यों बांटेंगे?

बीजेपी का हर वादा जुमला निकला

सपा अध्यक्ष बोले- भाजपा के इस कार्यकाल में व्यापारी, किसान, आम आदमी और छोटे दुकानदारों की कमाई आधी हो गई है। कमाई आधी हो जाए और महंगाई दोगुनी तो खुशहाली कैसे आएगी। बीजेपी का हर वादा जुमला निकला। चुनाव आते ही बीजेपी के लोग धार्मिक चश्मा लगा लेते हैं। जिस वक्त लोगों को दवाई, बिस्तर और ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा जरूरत थी, उस वक्त प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी जनता को अनाथ छोड़ दिया था, जो एंबुलेंस उस वक्त चल रही थी, वह सारी समाजवादी पार्टी की दी हुई थी।

अखिलेश यादव ने कहा कि बाबा ने १०० नंबर को ११२ करके पुलिस का भी कबाड़ा कर दिया है। ठोको राजनीति ने बेगुनाह लोगों की जान ले ली है। कस्टोडियल डेथ के मामले में यूपी नंबर एक है। प्रदेश की जनता ने अपने आपको इतना अपमानित कभी महसूस नहीं किया। बाबा ने लोगों का रोजगार छीन लिया है। सपा सरकार सबको नौकरी देने का काम करेगी।

कोई राजनीतिक दल मेरे नाम का इस्तेमाल न करे : टिकैत

दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन खत्म होने के बार राकेश टिकैत अपने घर मेरठ पहुंचे। यहां उनका जोरदार स्वागत हुआ। टिकैत ने कहा कि मैं कोई चुनाव नहीं लड़ने जा रहा हूं और किसी भी राजनीतिक दल को अपने पोस्टर में मेरे नाम या फोटो का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। टिकैत का यह बयान तब आया, जब अखिलेश जौनपुर में उन्हें साथ चुनाव लड़ने का न्योता दे चुके थे।

नितिन गडकरी करेंगे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का उद्घाटन

लखनऊ। २३ दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे का उद्ïघाटन करेंगे। साथ ही एक्सप्रेसवे के पांचवें चरण और आउटर रिंग के कार्य का शुभारंभ करेंगे। साथ ही कुछ अन्य प्रोजेक्ट की भी घोषणा करेंगे। पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह की जयंती पर केंद्र सरकार की ओर से २३ दिसंबर को मेरठ में बड़ा आयोजन हो रहा है। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से संसद भवन स्थित कार्यालय में भेंट की।

इस दौरान नितिन गडकरी ने बताया कि २३ दिसंबर को मेरठ में एक कार्यक्रम होगा। इसमें मेरठ दिल्ली एक्सप्रेस-वे और अन्य परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया जाएगा। नितिन गडकरी मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस वे पर सड़क मार्ग से ही मेरठ आएंगे। एक तरह से दिल्ली से मेरठ तक एक्सप्रेस वे पर गडकरी की यह पहली परेड होगी। संभावना है कि इस दौरान एक्सप्रेस वे के पांचवें चरण और हापुड़ रोड-गढ़ रोड-किला रोड-मवाना रोड-रुड़की रोड के लिंक रोड के कार्य का शुभारंभ भी करेंगे। इन दोनों प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण आदि की कार्रवाई हो चुकी है। अब केवल काम शुरू होना है।

देश में गायब हो रही खोजी पत्रकारिता : रमणा

नई दिल्ली। भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमणा ने कहा कि खोजी पत्रकारिता की अवधारणा ‘दुर्भाग्य सेÓ मीडिया परिदृश्य से ‘कम से कम भारतीय संदर्भ मेंÓ गायब हो रही है। पत्रकार उदुमुला सुधाकर रेड्डी की लिखी किताब ‘ब्लड सैंडर्स : द ग्रेट फॉरेस्ट हीस्टÓ के विमोचन पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा हमारे बगीचे में सब कुछ गुलाबी प्रतीत होता है। उन्होंने लाल चंदन के संरक्षण में मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डाला। लाल चंदन, जंगल की आग को शेषचलम पहाड़ियों के जंगलों में फैलने से रोकने के लिए जाना जाता है, लेकिन विलुप्त होने के खतरे का सामना कर रहा है।

उन्होंने कहा लाल चंदन के काटने से पारिस्थितिक विनाश के परिणाम विश्व स्तर पर देखे जा सकते हैं और इन मुद्दों से स्थानीय स्तर पर निपटना समय की मांग है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि लाल चंदन की सुरक्षा के लिए पहले से मौजूद कानूनों को लागू करने के लिए आवश्यक इच्छाशक्ति की कमी थी। उन्होंने कहा, ऐसे में मीडिया को अपनी भूमिका निभाने की जरूरत है। रक्षकों की भूमिका निभाने वाले व्यक्तियों और संस्थानों की सामूहिक विफलताओं को मीडिया द्वारा उजागर करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा लोगों को इस प्रक्रिया में कमियों के बारे में जागरूक करने की जरूरत है और यह एक ऐसा काम हो जो केवल मीडिया ही कर सकता है। एक पत्रकार के तौर पर अपनी पहली नौकरी करने वाले प्रधान न्यायाधीश ने वर्तमान मीडिया पर अपने विचार साझा किए और कहा कि ‘खोजी पत्रकारिता की अवधारणा दुर्भाग्य से मीडिया के कैनवास (परिदृश्य) से गायब हो रही है।

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