UP चुनाव 2022 में वोटर लिस्ट से नाम कटने पर अखिलेश यादव का बड़ा दावा, बोले- EC का बयान गलत है

अखिलेश ने लिखा कि जो सीसीटीवी पर पकड़े गये हों उनके द्वारा अपने घपलों पर दी गयी सफ़ाई पर किसी को भी रत्ती भर विश्वास नहीं है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने वर्ष 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं के नाम काटे जाने के मुद्दे पर चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने दावा किया है कि चुनाव आयोग का यह कहना गलत है कि सपा ने कोई हलफनामा नही दिया।दरअसल, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बीते दिनों एक प्रेस वार्ता में दावा किया था कि आयोग को सपा की ओर से हलफनामा नहीं मिला है.

20 अगस्त 2025, बुधवार को सपा चीफ ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- डीएम लोगों से जनता का एक मासूम सवाल है, क्यों इतने सालों बाद आया जवाब है? जिस तरह कासगंज, बाराबंकी, जौनपुर के DM हमारे 18000 शपथपत्रों के बारे में अचानक अति सक्रिय हो गये हैं, उसने एक बात तो साबित कर दी है कि जो चुनाव आयोग कह रहा था कि ‘एफ़िडेविट की बात गलत है’ मतलब एफ़िडेविट नहीं मिले, उनकी वो बात झूठी निकली. अगर कोई एफ़िडेविट मिला ही नहीं, तो ये ज़िलाधिकारी लोग जवाब किस बात का दे रहे हैं. अब सतही जवाब देकर ख़ानापूर्ति करेन वाले इन जिलाधिकारियों की संलिप्तता की भी जाँच होनी चाहिए. कोर्ट संज्ञान ले, चुनाव आयोग या डीएम में से कोई एक तो गलत है ही ना?

अखिलेश ने लिखा कि जो सीसीटीवी पर पकड़े गये हों उनके द्वारा अपने घपलों पर दी गयी सफ़ाई पर किसी को भी रत्ती भर विश्वास नहीं है. यूपी के पूर्व सीएम ने लिखा कि झूठ का गठजोड़ कितना भी ताकतवर दिखे पर आख़िरकार झूठ हारता ही है क्योंकि नकारात्मक लोगों का साझा-गोरखधंधा अपने-अपने स्वार्थों की पूर्ति करने के लिए होता है, ऐसे भ्रष्ट लोग न तो अपने ईमान के सगे होते हैं, न परिवार, न समाज के, तो फिर भला अपने साझेदारों के कैसे होंगे. ये बेईमान लोग देश और देशवासियों से ताउम्र दगा करते हैं और अंततः पकड़े जाने पर अपमान से भरी ज़िंदगी जीने की सज़ा काटते हैं.

उन्होंने लिखा कि भाजपा सरकार, चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत वो ‘चुनावी तीन तिगाड़ा’ है,
जिसने सारा काम बिगाड़ा है और देश के लोकतंत्र पर डाका डाला है. अब जनता इस ’त्रिगुट’ की अदालत लगाएगी.

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