भाजपा को सत्ता से बेदखल करेगा गठबंधन: अखिलेश
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- नए सहयोगियों की तलाश में सपा प्रमुख
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। मध्य प्रदेश का चुनाव निपटते ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अब दूसरे राज्यों में अपना वजूद मजबूत करने में लग गए है। इसीक्रम में वह इंडिया गठबंधन के नए सहयोगियों की तलाश में जुट गए हैं। उन्होंने जींद में हरियाणा विकास पार्टी की संकल्प रैली में कहा कि इंडिया गठबंधन जीते और भाजपा को पीछे धकेल दे, इससे अच्छा और क्या हो सकता है। हरियाणा की धरती पर अग्निवीर के जरिये भाजपा ही उनके मुख्य निशाने पर रही। मध्य प्रदेश के चुनाव में अखिलेश ने इंडिया के मुख्य घटक दल कांग्रेस पर जमकर तीर चलाए थे।
कहा था, भाजपा और कांग्रेस में कोई बुनियादी फर्क नहीं है। लेकिन, हरियाणा की रैली में उन्होंने भाजपा शासन में लाए गए तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने में वहां के किसानों की भूमिका की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि हरियाणा जनसेवक पार्टी एक विकल्प के रूप में खड़ी होकर राज्य में सरकार बनाने में कामयाब होगी। जनसेवक पार्टी का झंडा भी लाल व हरा है और समाजवादियों का झंडा का रंग भी लाल व हरा है। इसलिए यह अपने जैसा ही दल है। इसे लोकसभा चुनाव के मद्देजनर गठबंधन में अन्य दलों को साथ लाने की सपा की कवायद के रूप में देखा जा रहा है। अखिलेश ने कहा कि हमारा वादा है कि 2024 में केंद्र में सरकार बदलने पर सपा अग्निवीर योजना समाप्त कर पहले की तरह नौजवानों को सेना की पक्की नौकरी दिलाएगी। रैली में विधान परिषद के पूर्व नेता प्रतिपक्ष संजय लाठर भी शामिल हुए।
शिखर तक पहुंचना भी कहां होता है कम
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आस्ट्रेलिया को वल्र्ड कप जीतने और अपने देश की टीम को लगातार अच्छे प्रदर्शन से यहां तक पहुंचने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी जीत खेल भावना की होती है। उन्होंने एक्स के जरिये अपने संदेश में कहा-कभी मंजिल रह जाती है दूर बस एक कदम, पर शिखर तक पहुंचना भी कहां होता है कम।
सपा और कांग्रेस में आ सकते हैं कई बीजेपी सांसद
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के कुछ सांसद पार्टी को झटका दे सकते हैं। टिकट की दौड़ में पिछडऩे की आशंका के मद्देनजर सांसद और उनके करीबी सपा और कांग्रेस से नजदीकी बनाने में जुटे हैं। विधानसभा चुनाव 2022 से पहले धोखा खा चुकी पार्टी के नेता इस बार सतर्क हैं।भाजपा लोकसभा चुनाव में मिशन 80 को पूरा करने के लिए सर्वे करा रही है। सर्वे में मौजूदा सांसदों की स्थिति के साथ नए संभावित उम्मीदवारों की रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक पहले सर्वे में कुछ सांसदों की रिपोर्ट अच्छी नहीं मिली है। इनमें अवध, काशी, गोरखपुर और पश्चिम क्षेत्र के कुछ सांसद शामिल हैं। वहीं नारी शक्ति वंदन अधिनियम के चलते इस बार पार्टी पहले से ज्यादा महिला उम्मीदवारों को उतारने पर विचार कर रही है। साथ ही सुभासपा, अपना दल (एस) और निषाद पार्टी को भी गठबंधन में पहले से अधिक सीटें देने की चर्चा है। ऐसे में जिन मौजूदा सांसदों के टिकट पर तलवार लटक रही है, वे विकल्प तलाशने में जुट गए हैं। पार्टी को खबर मिली है कि बीते दिनों कुछ सांसद और उनके करीबी नेताओं ने सपा नेताओं से मुलाकात की है। इनमें अवध क्षेत्र के भी दो सांसदों के नाम चर्चा में हैं। सूत्रों का कहना है कि फिलहाल मौजूदा सांसद अपना टिकट सुनिश्चित करने की लॉबिंग कर रहे हैं। ऐसे में वे लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण का इंतजार कर सकते हैं। टिकट न मिलने पर वह पाला बदलकर सपा, बसपा या कांग्रेस के टिकट से चुनाव लडऩे की रणनीति पर काम कर रहे हैं। पार्टी ऐसे लोगों की हर गतिविधि पर नजर रख रही है।