अमृतपाल सिंह ने रासुका के तहत अपनी हिरासत को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी
चंडीगढ़। असम के डिब्रूगढ़ जिले की एक जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) के तहत बंद कट्टरपंथी सिख उपदेशक एवं सांसद अमृतपाल सिंह ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का रुख किया और अपनी हिरासत सहित अपने खिलाफ अधिनियम तहत पूरी कार्यवाही को रद्द करने का निर्देश जारी करने का अनुरोध किया। खडूर साहिब सीट से सासंद अमृतपाल सिंह ने उच्च न्यायालय में दलील दी कि उसकी हिरासत ‘अवैध’ है और इसलिए यह रद्द किया जाना चाहिए।
उसने अदालत को बताया, इससे याचिकाकर्ता को प्रमुख राजनीतिक मुद्दों पर राज्य और केंद्र सरकारों के खिलाफ मुखर होने के लिए दंडित करने के अलावा कोई उद्देश्य पूरा नहीं होता, जो इस देश के प्रत्येक नागरिक का लोकतांत्रिक अधिकार है। सिंह ने याचिका में कहा, दुनिया भर के विभिन्न व्यक्तियों द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए पोस्ट के आधार पर मुझे गिरफ्तार किया गया था, जिसका पंजाब राज्य में शायद ही कोई प्रभाव पड़ता है और संभवत: भारत के राज्य की सुरक्षा इतनी नाजुक नहीं हो सकती कि सोशल मीडिया पोस्ट से प्रभावित हो।