आनंद मोहन की रिहाई सियासत भी गरमाई
- बाहुबली को गुरुवार सुबह 6:15 बजे किया गया रिहा
- राजद-जदयू बोली नियम के तहत फैसला
- भाजपा , बसपा व ओवैसी ने उठाया सवाल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। 1994 में भारतीय प्रशासिनक सेवा अधिकारी और गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारीजी. कृष्णैया की मॉब लिंचिंग कराने के दोषी बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह अंतिम तौर पर आज जेल-मुक्त हो गए। उन्हें सहरसा जेल से गुरुवार सुबह 6:15 बजे रिहा कर दिया गया। समर्थकों की भीड़ और विधि व्यवस्था को देखते हुए आनंद मोहन को अहले सुबह रिहा किया गया। राजनीति के लिहाज से यह एक राजपूत नेता की रिहाई है। उनकी रिहाई के बाद सियासत भी गरमा गई है। भाजपा, बसपा व औवैसी ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए इसे गलत बताया है, जबकि जदयू व राजद ने इस फैसले को नियमों व संविधान की प्रक्रिया के अंतगर्त लेना बताया है। वही गिरीराज सिंह ने सही ठहराया तो उन्ही के पार्टी अध्यक्ष ने गलत बताया है।
जी कृष्णैया की पत्नी बोलीं-फैसले से बहुत दुख हुआ
पटना। दिवंगत आइएएस अधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी और बेटी ने बाहुबली नेता को रिहा करने के फैसले को अनुचित बताया है। जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने कहा कि उन्हें रिहा करना गलत फैसला है। जनता आनंद मोहन की रिहाई का विरोध करेगी, उन्हें वापस जेल भेजने की मांग करेगी। सीएम नीतीश कुमार को इस तरह की चीजों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। उमा देवी ने आगे कहा कि कि अगर आनंद मोहन भविष्य में चुनाव लड़ेंगे तो जनता को उनका बहिष्कार करना चाहिए। उन्होंने आनंद मोहन को फिर से जेल भेजने की अपील की।
हम इस फैसले के खिलाफ करेंगे अपील : जी कृष्णैया की बेटी पद्मा
इसके साथ ही, जी कृष्णैया की बेटी पद्मा ने भी आनंद मोहन की रिहाई पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि आनंद मोहन सिंह का आज जेल से छूटना हमारे लिए बहुत दुख की बात है। सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने नीतीश कुमार से अनुरोध किया कि इस फैसले पर वे दोबारा विचार करें। इस फैसले से उनकी सरकार ने एक गलत मिसाल कायम की है। ये अनुचित है। हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।
तीस साल पहले हुई थी घटना
आनंद मोहन की बिहार पीपुल्स पार्टी के छोटन शुक्ला की हत्या हो गई थी। हत्यारे पुलिस की वर्दी में आए थे। उनकी हत्या से जनता में आकोश था। छोटन शुक्ला के समर्थक जुलूस निकालकर शव का अंतिम संस्कार करने जा रहे थे, तभी वहां से गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की गाड़ी गुजरी। कृष्णैया हाजीपुर से गोपालगंज लौट रहे थे, तभी भीड़ ने उन्हें गाड़ी से खींच लिया और बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस मामले में 2007 में पटना जिला अदालत ने छह नेताओं को दोषी ठहराया। इनमें आनंद मोहन सिंह और उनकी पत्नी लवली आनंद (दोनों पूर्व सांसद), विजय कुमार शुक्ला (विधायक), अखलाक अहमद और अरुण कुमार (दोनों पूर्व विधायक), हरेंद्र कुमार (वरिष्ठ जदयू नेता) और एसएस ठाकुर शामिल थे।
राजनीतिक नफा व नुकसान पर नजर
दरअसल, एक जमाने में बिहार पीपुल्स पार्टी की स्थापना कर क्षत्रिय राजनीति का पूरा सिस्टम खड़ा कर रहे आनंद मोहन को आज भी बिहार की राजनीति में राजपूतों के बीच प्रभावी माना जाता है। वह कितने प्रभावी बचे हैं, यह 2024-25 के लोकसभा-विधानसभा चुनावों में पता चलेगा। वह किसके साथ रहते हैं, यह भी काफी हद तक निर्भर करेगा। इसके अलावा यह भी बड़ी बात है कि 1994 से 2005 के बीच का यह बिहार नहीं बचा है।
बाकी आरोपियों को छोड़ा जा रहा?
आनंद मोहन के साथ कुल 27 को छोडऩे का नोटिफिकेशन जारी हुआ था। इनमें से एक की मौत पहले ही हो चुकी है। शेष 26 को छोडऩे की प्रक्रिया शुरू हुई और आनंद मोहन के पहले ही बहुत सारे छूट भी गए। कुछ तकनीकी कारणों से अभी रिहा नहीं हो सके हैं ै। 27 में 8 यादव, 5 मुस्लिम, 4 राजपूत, 3 भूमिहार, 2 कोयरी, एक-एक कुर्मी, गंगोता और नोनिया जाति से हैं।
दिल्ली सीएम आवास के सौंदर्यीकरण पर घमासान जारी
- आप का राजयोग राजरोग में बदला : सुधांशु त्रिवेदी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास के सौंदर्यीकरण को लेकर सियासी घमासान जारी है। गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के राज्य सभा सांसद व प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी पर हमला बोला। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि एक कहावत है कि राज योग जब आता है तो अक्सर उसके साथ राज रोग आता है, परन्तु आम आदमी पार्टी के संदर्भ में यह राज रोग इतनी जल्दी इतना संक्रामक हो जाएगा ये दिल्ली की जनता की समझ से बाहर था।
उन्होंने कहा कि आज यह राज रोग उनकी सरकार, पार्टी और संगठन से होता हुआ उनके घर तक पहुंच गया है। आज दिल्ली स्तब्ध है। यह खुलासा साफ-साफ आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार के मुखौटे को बेनकाब करता है।
राजा को लगता है एक पढ़े लिखे सीएम से डर : राघव चड्ढा
आप नेता राघव चड्ढा ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि 1300 करोड़ रुपए राजा के महल को बनाने में खर्च हो रहा है। आईआईटी के एक प्रोग्राम के लिए 10 करोड़ रुपए खर्च किये गए। प्लेन पर 8400 करोड़ रुपए खर्च किये गए। 1500 करोड़ रुपए विदेशी दौरों पर खर्च किए गए। उन्होंने कहा कि इस मसले को लेकर कल यानी 28 अप्रैल को आम आदमी पार्टी एक व्यापक प्रोटेस्ट करेगी। आप सांसद ने तंज कसते हुए कहा कि एक छोटे से राज्य के पढ़ेे लिखे मुख्यमंत्री से इस चौथी पास राजा को डर लगता है।
हावड़ा और दलखोला हिंसा की जांच एनआईए करेगी
- सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर हाईकोर्ट का आदेश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर हुई हिंसा की जांच अब एनआईए करेगी। कोलेकाता हाईकोर्ट ने रामनवमी के दौरान भडक़ी हिंसा की जांच एनआईए को स्थानांतरित कर दी है। बंगाल के हावड़ा, हुगली व डालखोला में रामनवमी पर हुई हिंसा की जांच के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को की एनआइए जांच का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने बंगाल पुलिस को इस हिंसा की जांच से जुड़े सभी दस्तावेज एनआइए को सौंपने का निर्देश दिया है।
भाजपा ने की थी मांग
भाजपा विधायक व नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने राज्य में रामनवमी पर हुई हिंसा की एनआइए जांच की मांग करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी। बता दें कि राज्य में कई जगहों पर रामनवमी पर निकली शोभायात्राओं पर हमला हुआ था। आगजनी, तोडफ़ोड़ व मारपीट की घटनाएं भी हुई थी।