’छात्रों को बंधक बनाने के पीछे दिल्ली की साजिश‘

ममता बोलीं : यह कृत्य पागलपन की श्रेणी में नहीं आता

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मालदा में बंदूक दिखाकर बच्चों से भरी कक्षा को बंधक बनाने की धमकी देने वाले एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।उस समय कक्षा में लड़कियों समेत करीब 35 से 40 बच्चे मौजूद थे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पुलिस की समय पर कार्रवाई से एक आपदा टल गई। साथ ही कहा कि यह कृत्य पागलपन की श्रेणी में नहीं आता है।
बंगाल की सीएम ने इस हमले को दिल्ली की साजिश करार दिया है.। वहीं, भाजपा ने कहा कि बंगाल में कानून और व्यवस्था की भयानक स्थिति बन गई है। बताया जा रहा है कि एक पुलिसकर्मी कक्षा में घुस गया और बच्चों को बंधक बनाने वाले शख्स को काबू में कर लिया। इस दौरान भयभीत बच्चे कक्षा से बाहर निकल गए। पुलिस उपाधीक्षक (कानून व्यवस्था) अजहर उद्दीन ने बंदूकधारी व्यक्ति से बात करते हुए, उससे हथियार छीन लिया और उसे जमीन पर गिरा दिया।

पुलिस अधिकारियों और मीडिया को बधाई : सीएम

इस घटना पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, मुझे अपने पुलिस अधिकारियों और मीडिया को बधाई देनी चाहिए, जिन्होंने हमें साजिश के गहरे समुद्र से बचाया है। बंगाल के चारों ओर एक साजिश रची जा रही है, और मुझे विश्वास है कि दिल्ली इसमें शामिल है। मुझे नहीं पता वास्तव में यह कौन कर रहा है, लेकिन यह पूरी तरह से दिल्ली की साजिश है। जहां कहीं भी विपक्षी पार्टी राज्य में सत्ता पर काबिज है, वहां उसे परेशान करने की कोशिश की जा रही है, और वे शुरू से ही मेरे साथ ऐसा करते आ रहे हैं। ममता बनर्जी यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने आरोप लगाया कि कोई भी आम आदमी इसे अंजाम नहीं दे पाता, उन्होंने (बंधक) शब्द कहाँ से सीखा? जब इस तरह की हरकत करने वाले लोग पकड़े जाते हैं, तो तुरंत कुछ लोग कहते हैं कि यह पागल है. लेकिन सोचने की बात ये है कि किसने उन्हें यह विचार दिया कि आप इस तरह बंधक बना सकते हैं।

कानून और व्यवस्था की स्थिति भयानक : सुकांत मजूमदार

वहीं, इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कोलकाता को लंदन में बदल देंगी। मैंने अमेरिका में ऐसी बंदूकधारियों से संबंधित घटनाओं के बारे में सुना है। अब यह हमारे कस्बों और गांवों में हो रहा है। आप कल्पना कीजिए कि यहां कानून और व्यवस्था की कितनी भयानक स्थिति बन गई है।

प्रचार

जैसै-जैसे निकाय चुनाव नजदीक आ रहे वैसै-वैसे प्रत्याशियों के प्रचार में तेजी आ गई है। उम्मीदवार अब रोड शो के साथ-साथ घर-घर वोट मांगने पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में सपा की मेयर प्रत्याशी वंदना मिश्रा, भाजपा उम्मीदवार सुषमा खर्कवाल व आम आदमी पार्टी की अंजू भट्टï ने लोगों से अपनी पार्टी के लिए वोट मांगा। सपा की सभासद प्रत्याशी सिमरन सक्सेना ने गढ़ी पीर खां वार्ड में अपने पक्ष में वोट करने की अपील की।

प्रकाश सिंह बादल पंचतत्व में विलीन आखिरी दर्शन को उमड़ी भारी भीड़

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चंडीगढ़। पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल आज पंचतत्व में विलीन हो गए। मंगलवार रात आठ बजे 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। दोपहर एक बजे उनके पैतृक गांव बादल में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके आखिरी दर्शनों के लिए भीड़ उमड़ पड़ी ।
बादल गांव में किन्नू के बाग में जगह समतल करके करीब 50 फीट लंबा और 30 फीट चौड़ा एक चबूतरा तैयार किया गया है जहां प्रकाश सिंह बादल का अंतिम संस्कार किया गया। बाद में इसी चबूतरे को स्मारक में बदल दिया जाएगा और यहां बादल की यादगार बनेगी।

ट्रैक्टर में निकाली गई अंतिम यात्रा

प्रकाश सिंह बादल की अंतिम यात्रा घर से खेत तक ट्रैक्टर में निकाली गई। ट्रैक्टर को फूलों से सजाया गया है। सुबह दस से बादल के पैतृक निवास में लोग पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन कर श्रद्धा-सुमन अर्पित करने पहुंच रहे हैं।

सपा व कांग्रेस के कई नेता भाजपा में शामिल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी निकाय चुनाव में पहले चरण के मतदान से पहले नेताओं का पाला बदलना जारी है। गुरुवार को समाजवादी पार्टी के सरोजनी नगर से जिला पंचायत सदस्य पलक रावत सहित कई नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ले ली।
इसी तरह कांग्रेस के कई नेता भी भाजपाई हो गए। कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष भाजपा में शामिल हो गए। दिलप्रीत सिंह डीपी ने भाजपा की सदस्यता ले ली है। इसके अलावा, कांग्रेस के टिकट पर पार्षद का चुनाव लड़ चुके रणवीर सिंह कलसी और कांग्रेस शहर महासचिव संजय गिरी भी भाजपा में शामिल हो गए।

चीजों को लोगों पर थोपा नहीं जा सकता: रिजिजू

समलैंगिक विवाह पर केंद्रीय कानून मंत्री की प्रतिक्रिया

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने समलैंगिक विवाह के मुद्दे पर सुनवाई करने वाले सुप्रीम कोर्ट पर बोलते हुए कहा कि अदालतें इस तरह के मुद्दों को सुलझाने का मंच नहीं हैं। किरेन रिजिजू की ये टिप्पणी तब आई जब बुधवार (26 अप्रैल) को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करते हुए कहा कि ये मुद्दा संसद पर छोड़ दिया जाए।
किरेन रिजिजू ने कहा,कि अगर पांच बुद्धिमान लोग कुछ तय करते हैं जो उनके अनुसार सही है तो मैं उनके खिलाफ किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं कर सकता। हालांकि, अगर लोग ऐसा नहीं चाहते हैं तो आप चीजों को लोगों पर थोप नहीं सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के पास शक्तिहै, पर मंच नहीं

केंद्रीय कानून मंत्री ने आगे कहा, शादी जैसे महत्वपूर्ण मामले का फैसला देश के लोगों को करना है। सुप्रीम कोर्ट के पास निश्चित रूप से निदर्श जारी करने की शक्ति है। धारा 142 के तहत वे कानून भी बना सकते हैं लेकिन जब देश के प्रत्येक नागरिक को प्रभावित करने वाले मामले की बात आती है तो सुप्रीम कोर्ट मंच नहीं है। मैं इसे सरकार बनाम अदालत नहीं बनाना चाहता, बिल्कुल भी नहीं, ये अदालत और सरकार के बीच का मामला नहीं ह, ये एक ऐसा मामला है जो भारत के प्रत्येक नागरिक से संबंधित ह, ये लोगों की इच्छा का सवाल ह, लोगों की इच्छा संसद, विधायिका, विधानसभाओं में विभिन्न मंचों पर होती है जिसके लिए लोगों को चुना गया है।

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