पारिवारिक परेशानियों से जूझ रही हैं अनुप्रिया
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बॉलीवुड अभिनेत्री अनुप्रिया गोयनका टाइगर जिंदा है, पद्मावत और वॉर जैसी बड़ी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं। हाल ही में अभिनेत्री ने अपने पसंदीदा कोट्स में एक के बारे में बात करते हुए कहा कि एक महिला टूटी हुई नहीं है, बल्कि वह जो लड़ाई जीती है, उसका एक शानदार उदाहरण है। अनुप्रिया कहना है कि कानपुर से मुंबई में फिल्म उद्योग के स्टारडस्ट तक की उनकी यात्रा बेहद व्यक्तिगत रही है, जहां वह अपने सितारों के साथ चमकी हैं। अभिनेत्री का एक दशक लंबा करियर उतार-चढ़ाव से गुजरा है। उन्होंने कहा कि उनके जीवन ने हमेशा उनके सामने चुनौतियां खड़ी की हैं। अनुप्रिया गोयनका ने हाल ही में अपने जीवन के बारे में खुलकर बात करते हुए कहा, पिछले 10 वर्षों में, जबकि अभिनय मेरी यात्रा का एक बड़ा हिस्सा रहा है और मैंने इसे अपने दम पर बनाया है, मेरा पारिवारिक जीवन अभी भी उलझा हुआ है। बता दें कि कानपुर में एक अमीर मारवाड़ी परिवार में जन्मी अनुप्रिया दुनिया की सभी सुख-सुविधाओं की आदी थीं, जब तक वह छह साल की नहीं हो गईं और उन्हें पता चला कि कपड़ों का पारिवारिक व्यवसाय खत्म हो गया है। इसके बाद परिवार रातों-रात 14 कमरों वाले बंगले से दिल्ली में एक कमरे के घर में चला गया था। आर्थिक तंगी के कारण अनुप्रिया को बड़े होकर पारिवारिक व्यवसाय संभालने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कॉल सेंटर में भी नौकरी की। आखिरी में पारिवारिक व्यवसाय को उन्होंने बंद कर दिया। इसके बाद 19 साल की उम्र में अभिनेत्री को अदालती मामले और बैंक देनदारियों का सामना करना पड़ा। अनुप्रिया गोयनका ने बातचीत के दौरान कहा, मेरे कंधों पर अभी भी बहुत कुछ है, मैं आर्थिक, शारीरिक, भावनात्मक रूप से घर की देखभाल करती हूं और सब कुछ करती हूं। कभी-कभी मैं चाहती हूं कि मेरा ध्यान केवल अभिनय पर ही केंद्रित रहे। अभिनेत्री ने आगे कहा, इतने लंबे समय तक इतना कुछ करने, अकेले प्रयास करने से बहुत थकान आ जाती है। मैं अपने एक्टर दोस्त को देखती हूं, जो अपना पूरा ध्यान सिर्फ अभिनय पर केंद्रित करते हैं। इसलिए उनकी सारी खुशी, दुख सब वहीं से आता है। मेरे मामले में, यह अलग है। मैं लगातार अभिनय और अपने पारिवारिक जीवन के बीच जूझती रहती हूं। अनुप्रिया गोयनका ने आगे कहा, मैंने अपने परिवार में डिप्रेशन को करीब से देखा है। मेरा मानना है कि इससे थकान और थकावट की भावना भी बढ़ती है। मैंने इस क्षेत्र में अपना स्वयं का पीआर बनाने और इसके तरीके को समझने के लिए संघर्ष किया है। मुझे नहीं पता कि यह कैसे करना है, क्योंकि शुरू से ही मैं इसे अकेले ही करने की आदी हूं।