पढ़े-लिखे को वोट देने की अपील शिक्षक पर पड़ी भारी

  • शिक्षण संस्थान ने किया बर्खास्त, सियासत भी गरमाई
  • आप और कांग्रेस ने किया टीचर का समर्थन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। एक शिक्षक द्वारा पढ़े-लिखे लोगों को वोट देने की अपील उसके बाद उसकी बर्खास्तगी को लेकर सियासी गलियारे में घमासान मच गया है। आप व कांग्रेस ने एकेडमी की कार्रवाई पर आपत्ति करते हुए सरकार पर हमला बोला है। हालांकि सांगवान ने कोई नाम नहीं लिया, लेकिन सोशल मीडिया पर कई लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने वाले आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के हालिया बयानों की तुलना की। ज्ञात हो कि डिजिटल एजुकेशन प्लेटफॉर्म अनएकेडमी ने एक शिक्षक, करण सांगवान को बर्खास्त कर दिया है। बताया जा रहा है कि करण सांगवान ने छात्रों से शिक्षित उम्मीदवारों को वोट देने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि ऐसे लोगों को वोट ना दें जो केवल नाम बदलना जानते हो। हालांकि, संस्था की ओर से सफाई भी आई है। यूनीएकेडमी के सह-संस्थापक रोमन सैनी ने कहा कि सांगवान आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे थे और इसलिए कंपनी को उनसे अलग होना पड़ा। सैनी ने एक ट्वीट में कहा कि अनएकेडमी एक शिक्षा मंच है जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए गहराई से प्रतिबद्ध है।

शिक्षित व्यक्ति के लिए वोट मांगना अपराध नहीं : केजरीवाल

सांगवान की बर्खास्तगी की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने आश्चर्य जताया कि क्या लोगों से एक शिक्षित व्यक्ति के लिए वोट मांगना अपराध है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि क्या पढ़े लिखे लोगों को वोट देने की अपील करना अपराध है? यदि कोई अनपढ़ है, व्यक्तिगत तौर पर मैं उसका सम्मान करता हूँ। लेकिन जनप्रतिनिधि अनपढ़ नहीं हो सकते। ये साइंस और टेक्नोलॉजी का ज़माना है। 21वीं सदी के आधुनिक भारत का निर्माण अनपढ़ जनप्रतिनिधि कभी नहीं कर सकते।

कांग्रेस ने अनएकेडमी के संस्थापक व पीएम की सेल्फी पोस्ट की

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने अनएकेडमी पर निशाना साधा और सैनी के पुराने ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट पोस्ट किए, जिसमें नोटबंदी को भ्रष्ट लोगों पर सर्जिकल स्ट्राइक बताया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनएकेडमी के संस्थापक गौरव मुंजाल की एक सेल्फी भी पोस्ट की गई।

सांगवान ने नए आईपीसी बिल पर की थी चर्चा

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर वायरल हो रहे एक वीडियो में सांगवान को छात्रों से अच्छे शिक्षित राजनेताओं को चुनने के लिए कहते हुए सुना गया था। शिक्षक स्पष्ट रूप से ब्रिटिश-युग आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पेश किए गए हालिया बिल पर चर्चा कर रहे थे। इस बात पर अफसोस जताते हुए कि आपराधिक कानूनों पर उनके द्वारा तैयार किए गए सभी नोट्स बेकार हो गए, सांगवान ने कहा, कि यहां तक ,कि मुझे भी नहीं पता कि हंसूं या रोऊं क्योंकि मेरे पास भी बहुत सारे केसलोएड और नोट्स हैं जो मैंने तैयार किए थे। यह हर किसी के लिए कठिन काम है। आपके हाथ भी नौकरी लग गयी। वह आगे कहते हैं, लेकिन एक बात का ध्यान रखें। अगली बार किसी ऐसे व्यक्ति को वोट दें जो पढ़ा-लिखा हो ताकि आपको दोबारा इस (परीक्षा) से न गुजरना पड़े। ठीक है? उन्होंने कहा कि किसी ऐसे व्यक्ति को चुनें जो शिक्षित हो, जो चीजों को समझता हो। किसी ऐसे व्यक्ति को न चुनें जो केवल नाम बदलना जानता हो। अपना निर्णय ठीक से लें।

कक्षा व्यक्तिगत राय और विचार साझा करने की जगह नहीं : सैनी

रोमन सैनी ने कहा कि ऐसा करने के लिए हमने अपने सभी शिक्षकों के लिए एक सख्त आचार संहिता लागू की है, जिसका उद््देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे शिक्षार्थियों को निष्पक्ष ज्ञान तक पहुंच प्राप्त हो। हम जो कुछ भी करते हैं उसके केंद्र में हमारे शिक्षार्थी होते हैं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कक्षा व्यक्तिगत राय और विचार साझा करने की जगह नहीं है क्योंकि वे उन्हें गलत तरीके से प्रभावित कर सकते हैं। वर्तमान स्थिति में, हमें करण सांगवान से अलग होने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि वह आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे थे। इस बीच, सांगवान ने घोषणा की कि वह 19 अगस्त को अपने यूट्यूब चैनल पर विवाद के बारे में विवरण साझा करेंगे।

राजद नेता प्रभुनाथ सिंह डबल मर्डर केस में दोषी करार

  • सुप्रीम कोर्ट का फैसला पहली सितंबर को होगा सजा का एलान

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राजद के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को डबल मर्डर केस में दोषी करार दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने राजेंद्र राय व दरोगा राय हत्याकांड मामले में पटना हाई कोर्ट के फैसले को पलट कर प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिया है। जानकारी के मुताबिक, छपरा के मशरक में साल 1995 के चुनाव में कहे अनुसार वोट नहीं देने पर राजेंद्र राय व दरोगा राय की हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में आरोपी प्रभुनाथ सिंह को निचली अदालत ने रिहा कर दिया था। पटना हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। पटना हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट में सजा के बिंदु पर सुनवाई एक सितंबर को होगी।

नहीं थम रही मणिपुर की हिंसा, तीन की मौत

  • उखरुल में हथियारबंद बदमाशों ने की ताबड़तोड़ फायरिंग, सुरक्षा बढ़ी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
इंफाल। मणिपुर के उखरूल जिले में आज तडक़े ताजा हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई। पीडि़त सशस्त्र बदमाशों के साथ गोलीबारी में मारे गए। मणिपुर के उखरुल जिले के थोवई कुकी गांव में भारी गोलीबारी हुई। पीडि़त सशस्त्र बदमाशों के साथ गोलीबारी में मारे गए। मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर के उखरुल जिले के थोवई कुकी गांव में भारी गोलीबारी हुई, जिसमें तीन ग्रामीणों की मौत हो गई। सूत्रों के मुताबिक, आज सुबह गांव से भारी गोलीबारी की आवाजें आने के बाद तीन लोगों के लापता होने की खबर है। जल्द ही, ग्रामीणों ने तलाश शुरू की और बाद में उनके शव मिले। पीडि़तों की पहचान जामखोगिन हाओकिप (26), थांगखोकाई हाओकिप (35) और हॉलेंसन बाइट (24) के रूप में की गई है। यह घटना हिंसा प्रभावित मणिपुर की ताजा घटना है, जहां 3 मई को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किए जाने के बाद जातीय झड़पें हुईं। हिंसा भडक़ने के बाद से 120 से अधिक लोग मारे गए हैं और 3,000 से अधिक घायल हुए हैं। हिंसा को नियंत्रित करने और राज्य में सामान्य स्थिति वापस लाने के लिए मणिपुर पुलिस के अलावा लगभग 40,000 केंद्रीय सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।

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