रिटायरमेंट से दो महीने पहले अवनीश अवस्थी का बढ़ा कद
- गृह विभाग के साथ-साथ अपर मुख्य सचिव ऊर्जा की भी जिम्मेदारी
- अवनीश पहले रह चुके हैं पावर कॉर्पोरेशन के एमडी
लखनऊ। योगी सरकार में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी का कद और बढ़ गया है। रिटायरमेंट से दो महीने पहले अवनीश को एक और बड़ी जिम्मेदारी मिली है। शासन ने अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को ऊर्जा का अतिरिक्त कार्यभार भी दे दिया है। अभी तक पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज प्रमुख सचिव ऊर्जा का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे थे। मगर अब अवनीश सारा कामकाज देखेंगे। इस बारे में नियुक्ति विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। रिटायरमेंट से करीब दो महीने पहले अवनीश अवस्थी को यह जिम्मेदारी दी गई है। उनके पास मौजूदा समय गृह विभाग की पूरी जिम्मेदारी थी। अवनीश अवस्थी इससे पहले पावर कॉरपोरेशन के एमडी भी रह चुके हैं। अखिलेश और मायावती दोनों ही सरकार में उनके पास यह जिम्मेदारी थी। हालांकि अखिलेश यादव ने अवनीश अवस्थी को हटाकर एपी मिश्रा को एमडी बनाया था। यह उस समय की सबसे बड़ी घटना थी, जिसमें किसी आईएएस को हटाकर इंजीनियर को एमडी की जिम्मेदारी दी गई हो। अवनीश अवस्थी 1987 बैच के आईएएस अधिकारी है।
विवाद के बाद लाए गए अवनीश
पावर कॉर्पोरेशन के सूत्रों की माने तो ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा से मौजूदा चेयरमैन एम देवराज का कुछ दिन पहले विवाद हो गया था। आलोक कुमार के जाने के बाद अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी भी प्रमुख सचिव ऊर्जा ही देख रहे थे। अब उनके पावर को कम करने के लिए अवनीश अवस्थी को लाया गया है। दरअसल, पिछले दो महीने से अभियंता संघ भी मंत्री से लगातार एम देवराज की शिकायत कर रहा था। ऐसे में इसको इंजीनियरों के दबाव के तौर पर भी देखा जा सकता है।
40 दिन ही कुर्सी पर रह पाए लाल बिहारी
लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने विधान परिषद में नेता विरोधी दल का पद गंवा दिया है। एमएलसी लाल बिहारी अब नेता विरोधी दल के बजाय सिर्फ दल के नेता रहेंगे। इस संबंध में कल ही अधिसूचना जारी कर दी गई थी। प्रमुख सचिव डॉ. राजेश सिंह ने बताया कि 27 मई को विधान परिषद में सपा के 11 सदस्य होने की वजह से एमएलसी लाल बिहारी यादव को नेता विरोधी दल बनाया गया था। सात जुलाई को सदन में सपा के सिर्फ नौ सदस्य बचे हैं। ऐसे में सदस्यों की संख्या 10 से कम होने की वजह से पार्टी को नेता विरोधी दल की मान्यता समाप्त कर दी गई है। गौरतलब है कि विधान परिषद के 10 सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो गया है। सपा के नेता विरोधी दल का पद भी समाप्त कर दिया गया है। बृहस्पतिवार को विधान परिषद के विशेष सचिव ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। कार्यकाल पूरा करने वाले सदस्यों में जगजीवन प्रसाद, बलरामपुर यादव, डॉ. कमलेश कुमार पाठक, रणविजय सिंह, राम सुंदर दास निषाद, शतरुद्र प्रकाश, अतर सिंह राव, दिनेश चंद्रा, सुरेश कुमार कश्यप और दीपक सिंह शामिल हैं। इनका स्थान सात जुलाई से रिक्त घोषित कर दिया गया है।
आजम खां पर 19 को तय होंगे आरोप
लखनऊ। सरकारी लेटर पैड व मोहर का गलत इस्तेमाल कर वैमनस्यता फैलाने और अपमानित करने के मामले में आरोपी पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को अभियोजन प्रपत्रों की कॉपी दी गई। एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अंबरीश कुमार श्रीवास्तव ने आरोप तय करने के लिए 19 जुलाई की तारीख तय की है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान आजम खां भी मौजूद थे। पत्रावली के अनुसार वादी अल्लामा जमीर नकवी ने एक फरवरी 2019 को आजम खां के खिलाफ हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया है कि घटना वर्ष 2014 से संबंधित है लेकिन सरकार के प्रभाव के चलते उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है। नकवी ने राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य को भेजे शिकायत में आरोप लगाया है कि आजम खां सरकारी लेटर पैड व मोहर का दुरुपयोग करके भाजपा, आरएसएस और मौलाना सैयद कल्बे जवाद नकवी को बदनाम कर राष्टï्रीय व अंतरराष्टï्रीय स्तर पर उनकी छवि धूमिल कर रहे हैं।
एयरटेल की मनमानी, पैसे जमा पर काट दिया उपभोक्ता का कनेक्ïशन
शिकायत पर उपभोक्ता से कंपनी प्रतिनिधियों ने की बदतमीजी
लखनऊ। एयरटेल की ब्रांडबैंड सेवाओं से राजधानीवासी परेशान हैं। रोज नई-नई शिकायतें सामने आती रहती हैं। आज एयरटेल के एक उपभोक्ता को उस समय परेशानी उठानी पड़ी जब उसकी एयरटेल ब्रांडबैंड सेवा बाधित हो गईं और इस वजह से कामकाज ठप हो गया। एयरटेल कंपनी की ओर से यह लापरवाही तब की गई जब उपभोक्ता के द्वारा पहले से ही सेवा शुल्क जमा किया जा चुका है। शिकायत करने पर कंपनी प्रतिनिधियों द्वारा न केवल उपभोक्ता से बदतमीजी की गई बल्कि कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। उपभोक्ता का कहना है कि वह इस मामले को उपभोक्ता फोरम में उठाएगा। गोमतीनगर निवासी उपभोक्ता सिद्घार्थ शर्मा का कहना है कि आज सुबह सुबह एयरटेल ने मेरा ब्रांडबैंड कनेक्ïशन काट दिया जबकि पैसे भी जमा हैं। सेवा शुल्क लिए जाने के बाद भी कनेक्ïशन क्यूं काटा गया, इस बारे में जब कंपनी के स्थानीय कर्मचारियों से पूछा तो वह बात को टहलाने लगे, इधर-उधर की बात कर कनेक्ïशन काट देने की बात कही। स्थानीय कार्यालय के मैनेजर अजीम, कर्मचारी जिशान, भरत आदि द्वारा भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जबकि एयरटेल के सारे मानको को ध्यान में रखते हुए बिल भी समय पर जमा किया जा रहा, बावजूद मेरे साथ इस तरह का व्यवहार किया गया।