लुलु मॉल विवाद पर भड़के आजम, कहा- लुलु टुलु है क्या
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- सोशल मीडिया पर विधायक का वीडियो वायरल
रामपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान एमपी/एमएलए कोर्ट में पेशी पर पहुंचे। लखनऊ के लुलु मॉल को लेकर पूछे गए सवाल पर उनका पारा चढ़ गया। इस दौरान वे बोले कि हम आज तक किसी मॉल में गए नहीं, जो गए हैं उनसे पूछिए लुलु, लोलो, टुलु, टोलो है क्या यार बताओ। ये भी कोई बात हुई लुलु, लुलु और कोई काम ही नहीं है। लुलु मॉल पर आजम खान के इस अटपटे गुस्से पर उनके पीछे खड़े उनके समर्थक भी होठों-होठों में ही मुस्कुरा दिए। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं सोशल मीडिया पर लोग खूब देख रहे हैं और हंस रहे हैं। बता दें कि लखनऊ में प्रदेश के सबसे बड़े लुलु मॉल का सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुभारंभ किया था। शुरू होने के साथ ही यहां पर नमाज पढ़ने का एक वीडियो वायरल हो गया था, जिस कारण विवाद हो गया। मॉल के अंदर करीब आधा दर्जन लोग नमाज अदा करते दिखाई दिए, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद से जमकर हंगामा हुआ। वहीं लुलु मॉल में दो युवकों का हनुमान चालीसा पढ़ते हुए वीडियो वायरल हो गया है। पुलिस ने दोनों युवकों को हिरासत में ले लिया है, लेकिन बीते सोमवार से लुलु मॉल को लेकर जारी विवाद थमता नहीं दिख रहा है। हाल में लोगों के लिए लखनऊ के सबसे बड़े मॉल का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हर रोज कोई न कोई हंगामा हो रहा है और जमकर बवाल हो रहा है, हिंदूवादी संगठनों ने लुलु मॉल पर बैन लगाने तक की मांग कर डाली है।
यूपी में फार्मेसी कालेजों को एनओसी देने में मनमानी
लखनऊ। प्राविधिक शिक्षा परिषद की ओर से प्रदेश के नए फॉर्मेसी कालेजों को अनापत्ति प्रमाणपत्र यानी एनओसी देने में मनमानी सामने आई है। सरकार के निर्देश के बाद भी बिना शपथपत्र लिए आवेदन स्वीकार किए गए। भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस के तहत प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने परिषद के सचिव सुनील कुमार सोनकर को पद से हटाने का निर्देश प्रमुख सचिव को दिया है। प्राविधिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश उन फार्मेसी कालेजों को संबद्धता देता है जो अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद यानी एआइसीटीई से मान्यता प्राप्त फार्मेसी डिप्लोमा व डिग्री कोर्स संचालित करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रदेश के फार्मेसी कालेजों से आवेदन लेकर उन्हें एनओसी दिया जाना था। प्राविधिक शिक्षा विभाग ने पहली बार एनओसी देने की व्यवस्था आनलाइन कराई। इसमें निर्देश दिया गया कि संबंधित कालेजों से शपथपत्र लेकर ही एनओसी दी जाए। शपथपत्र में कालेजों को भूमि, भवन व अन्य सुविधाओं की विस्तृत जानकारी दी जानी थी। विभाग ने बड़ी संख्या में कॉलेजों को एनओसी जारी कर दी है। इसमें कई कॉलेजों से शपथपत्र लिया ही नहीं गया और कई का शपथपत्र बिना देखें आंख मूंदकर एनओसी दिए जाने का आरोप है। प्राविधिक शिक्षा मंत्री पटेल ने इसे गंभीरता से लिया है और परिषद के सचिव सुनील कुमार सोनकर को हटाने के लिए प्रमुख सचिव को निर्देश जारी कर दिया है। साथ ही परिषद की व्यवस्था चलाने के लिए पैनल मांगा है, ताकि नए सचिव को नियुक्त किया जा सके। मंत्री ने बताया कि जिन कालेजों को एनओसी दी गई है उनकी जांच कराई जाएगी और यदि गड़बडियां मिलती हैं तो उनके विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।