हिंसा की आग में झुलसा बांग्लादेश, 32 लोगों की मौत, देशभर में लगाया गया कर्फ्यू
बांग्लादेश में एक बार फिर से रविवार (4 अगस्त) को हिंसा का दौर शुरू हो गया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रविवार को बांग्लादेश में भड़की हिंसा में 32 से अधिक...
4PM न्यूज नेटवर्क: बांग्लादेश में एक बार फिर से रविवार (4 अगस्त) को हिंसा का दौर शुरू हो गया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रविवार को बांग्लादेश में भड़की हिंसा में 32 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने हिंसा पर काबू करने के लिए देश-भर में कर्फ्यू लगा दिया है। पुलिस की तरफ से भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस और स्मोक ग्रेनेड का इस्तेमाल किया। पुलिस के साथ भिडंत में अभी तक दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। इतना ही नहीं हिंसा को काबू करने के लिए हसीना सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया है। इसके साथ ही फेसबुक, व्हाट्सअप, इंस्ट्रग्राम और एक्स पर भी रोक लगा दी है।
बांग्लादेश में भड़की हिंसा
मिली जानकारी के अनुसार बांग्लादेश के मुंसीगंज में पुलिस, सत्ताधारी और विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच हुई तीन तरफा झड़प में 2 मजदूरों की मौत हो गई हैं। मुंसीगंज जिला अस्पतालक मुताबिक मजदूरों की मौत गोली लगने से हुई। घटना पर पुलिस ने सफाई देते हुए कहा कि उनकी तरफ से कोई गोली नहीं चलाई गई। इस झड़प में 30 लोग घायल भी हुए है।
सत्ताधारी आवामी लीग के कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों के बीच पूर्वोत्तर जिले पाबना में झड़प हुई। इस झड़प में भी 3 लोगों की मौत हुई है वहीं, 50 से अधिक लोग घायल हुए है। अन्य दो जगहों पर 2 और लोग मारे गए है। प्रदर्शनकारियों ने राजधानी ढाका में बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल कॉलेज पर हमला कर दिया। हमले को दौरान प्रदर्शनकारियों ने अस्पताल के अंदर तोड़-फोड़ की है।
ऐसे में बांग्लादेश में हुए हिंसक प्रदर्शन में मारे गए लोगों के खिलाफ आज एक दिन का राष्ट्रीय शोक रहेगा। सरकार ने सोमवार को पहली बार माना कि सरकारी नौकरी में आरक्षण के खिलाफ हुए प्रदर्शन में 150 लोगों की मौत हुई है। इस मामले में टॉप ब्यूरोक्रेट ने कहा कि गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल ने बैठक में इसकी पुष्टि की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक हिंसा में अभी तक 200 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की और आरक्षण में सुधार को लेकर हाल में हुए विरोध प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए।
महत्वपूर्ण बिंदु
- शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी (बीएसएमएमयू) में अज्ञात लोगों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
- लाठी-डंडे लिए लोगों को अस्पताल परिसर में निजी कार, एम्बुलेंस, मोटरसाइकिलों और बसों में तोड़फोड़ करते देखा गया।
- ये सब देखते हुए मरीजों, तीमारदारों, चिकित्सकों और अन्य कर्मियों में भय पैदा हो गया है।